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गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल में बीते 48 घंटे में मौत के 25 मामले आए सामने, सीएमएस ने हीट वेव पर कही ये बात - 25 death in mmg Hospital Ghaziabad - 25 DEATH IN MMG HOSPITAL GHAZIABAD

Deaths in MMG Hospital Ghaziabad: इन दिनों उत्तर भारत में हीट वेव ने लोगों को परेशान काफी परेशान किया हुआ है. वहीं 48 घंटे में गाजियाबाद जिला अस्पताल में 25 मौत के मामले सामने आने से लोगों के मन में हीट वेव को लेकर आशंका आ रही है. इसे लेकर अस्पताल से सीएमएस ने जवाब दिया. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा..

गाजियाबाद में हीटवेव
गाजियाबाद में हीटवेव (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 19, 2024, 7:46 PM IST

Updated : Jun 19, 2024, 8:30 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल बीते 48 घंटे में मौत के कुल 25 मामले सामने आए हैं, जिसमें मृत अवस्था में ले गए मरीज भी शामिल हैं. इन मौतों को हीट वेव से जोड़कर देखा जा रहा है. इसके पीछे क्या कारण है, इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता और एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश से बातचीत की.

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इन दिनों तापमान औसत से ज्यादा है. हीट स्ट्रोक से मौत का पता केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चलता है. जो भी संदिग्ध मामले सामने आ रहे हैं उनका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. हालांकि पोस्टमार्टम में हीट स्ट्रोक से हुई मौत की पुष्टि होती है तो उसकी जानकारी दी जाएगी. हालांकि अभी तक गाजियाबाद में हीट स्ट्रोक से मौत होने का मामला सामने नहीं आया है. वहीं जब सवाल किया गया कि अचानक से मौत की संख्या बढ़ाने का क्या कारण है, तो उन्होंने कहा कि इसका कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है. उन्होंने आगे बताया संयुक्त अस्पताल और एमएमजी अस्पताल में बढ़ती गर्मी को देखते हुए पर्याप्त एग्जाम किए गए हैं. साथ ही अस्पतालों में स्टाफ भी बढ़ाए गए हैं. एंबुलेंस पूरी तरह से अलर्ट है. हीट इलनेस से संबंधित जो भी मामले सामने आ रहे हैं उन्हें अस्पताल में ऑब्जर्वेशन में रखा जा रहा है.

वहीं गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि बीते दो से तीन दिनों में मोर्टालिटी रेट में इजाफा हुआ है. 17 जून एमएमजी अस्पताल में भर्ती 6 मरीजों की मृत्यु हुई, जबकि 10 मरीज ऐसे थे जो कि अस्पताल में मृत अवस्था में लाए गए. जो मरीज मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचे थे, उनको परिजनों को शवों का पोस्टमार्टम कराने का सुझाव दिया गया. हालांकि कई मरीजों के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. वहीं 18 जून को अस्पताल में कुल 9 मरीज मृत अवस्था में लाए गए.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में बारिश का इंतजार खत्म! एक हफ्ते के अंदर कम होने लगेगी तपिश, मौसम विभाग ने बताई डेट- जानिए, कब बरसेंगे बदरा

उन्होंने आगे कहा कि अभी यह कहना ठीक नहीं होगा कि अस्पताल में जो मृत्यु हुई है या जो मरीज मृत अवस्था में ले गए हैं उनकी मृत्यु हीट वेव से हुई है. पूरे मामले की तहकीकात के लिए एक कमेटी गठित की गई है, जो जांच करेगी की इन मौतों का हीट वेव से कोई संबंध है या नहीं. हालांकि जिन मरीजों की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हुई, उसमें हृदय रोग, शुगर, एक्सीडेंट आदि के मरीज भी शामिल थे. एमएमजी और संयुक्त अस्पताल में बढ़ती गर्मी और हीट वेव को लेकर विशेष वार्ड तैयार किए गए हैं, जहां एसी की भी व्यवस्था है. इसके अलावा अस्पताल में कई स्थानों पर पीने के पाने की भी व्यवस्था की गई है. और तो और, सामान्य रूप से ओपीडी में पहुंच रहे मरीजों को अस्पताल द्वारा ओआरएस के पैकेट भी वितरित किए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें- भारत में मई महीने के दौरान गर्मी का तापमान पिछले रिकॉर्ड से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा- रिपोर्ट

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल बीते 48 घंटे में मौत के कुल 25 मामले सामने आए हैं, जिसमें मृत अवस्था में ले गए मरीज भी शामिल हैं. इन मौतों को हीट वेव से जोड़कर देखा जा रहा है. इसके पीछे क्या कारण है, इसे जानने के लिए ईटीवी भारत ने जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता और एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. राकेश से बातचीत की.

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इन दिनों तापमान औसत से ज्यादा है. हीट स्ट्रोक से मौत का पता केवल पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चलता है. जो भी संदिग्ध मामले सामने आ रहे हैं उनका पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. हालांकि पोस्टमार्टम में हीट स्ट्रोक से हुई मौत की पुष्टि होती है तो उसकी जानकारी दी जाएगी. हालांकि अभी तक गाजियाबाद में हीट स्ट्रोक से मौत होने का मामला सामने नहीं आया है. वहीं जब सवाल किया गया कि अचानक से मौत की संख्या बढ़ाने का क्या कारण है, तो उन्होंने कहा कि इसका कारण डिहाइड्रेशन हो सकता है. उन्होंने आगे बताया संयुक्त अस्पताल और एमएमजी अस्पताल में बढ़ती गर्मी को देखते हुए पर्याप्त एग्जाम किए गए हैं. साथ ही अस्पतालों में स्टाफ भी बढ़ाए गए हैं. एंबुलेंस पूरी तरह से अलर्ट है. हीट इलनेस से संबंधित जो भी मामले सामने आ रहे हैं उन्हें अस्पताल में ऑब्जर्वेशन में रखा जा रहा है.

वहीं गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि बीते दो से तीन दिनों में मोर्टालिटी रेट में इजाफा हुआ है. 17 जून एमएमजी अस्पताल में भर्ती 6 मरीजों की मृत्यु हुई, जबकि 10 मरीज ऐसे थे जो कि अस्पताल में मृत अवस्था में लाए गए. जो मरीज मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचे थे, उनको परिजनों को शवों का पोस्टमार्टम कराने का सुझाव दिया गया. हालांकि कई मरीजों के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया. वहीं 18 जून को अस्पताल में कुल 9 मरीज मृत अवस्था में लाए गए.

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उन्होंने आगे कहा कि अभी यह कहना ठीक नहीं होगा कि अस्पताल में जो मृत्यु हुई है या जो मरीज मृत अवस्था में ले गए हैं उनकी मृत्यु हीट वेव से हुई है. पूरे मामले की तहकीकात के लिए एक कमेटी गठित की गई है, जो जांच करेगी की इन मौतों का हीट वेव से कोई संबंध है या नहीं. हालांकि जिन मरीजों की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हुई, उसमें हृदय रोग, शुगर, एक्सीडेंट आदि के मरीज भी शामिल थे. एमएमजी और संयुक्त अस्पताल में बढ़ती गर्मी और हीट वेव को लेकर विशेष वार्ड तैयार किए गए हैं, जहां एसी की भी व्यवस्था है. इसके अलावा अस्पताल में कई स्थानों पर पीने के पाने की भी व्यवस्था की गई है. और तो और, सामान्य रूप से ओपीडी में पहुंच रहे मरीजों को अस्पताल द्वारा ओआरएस के पैकेट भी वितरित किए जा रहे हैं.

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Last Updated : Jun 19, 2024, 8:30 PM IST
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