गाजीपुर : एडीजे प्रथम की अदालत ने मंगलवार को मुख्तार अंसारी के साले अनवर सहजाद और आतिफ उर्फ शरजील रजा का अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया. पूरा मामला फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों के फर्जी भुगतान का है. जिसमें मंगलवार को कुल 5 अभियुक्तों की जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज की है. इसकी एडीजीसी क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव ने पुष्टि की है.
दरअसल 2016 से 2020 के बीच विकास कंस्ट्रक्शन को राज्य भंडारण निगम की ओर से 5 करोड़ 79 लाख 36 हजार रुपये का भुगतान किया था. एडीजीसी नीरज श्रीवास्तव के मुताबिक, राज्य भंडारण निगम की निविदा 2008 में भारतीय खाद्य निगम की ओर से की गई थी. उस समय केवल विकास कंस्ट्रक्शन के नाम की ही निविदा भारतीय खाद्य निगम के पास डाली गई. विकास कंस्ट्रक्शन को इसका ठेका भी मिल गया. विकास कंस्ट्रक्शन फर्म को मुख्तार अंसारी की पत्नी और सालों ने बनाया था. इसी फर्म के नाम से करोड़ों का भुगतान लिया गया.
बाद में एसटीएफ ने इस गोदाम की जांच की थी और जांच में ये तथ्य सामने आए थे कि इस फर्म को कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया था. इसके बाद निविदा हासिल की गई थी. जिस भूमि पर गोदाम बनाया गया था, उसकी रजिस्ट्री भी कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कराई गई थी, जबकि जमीन असंक्रमणीय थी. एसटीएफ की जांच में सामने आया कि इस फर्जी फर्म के नाम पर 2 करोड़ 32 लाख 40 हजार की सब्सिडी भी सरकार से ली गई थी.
मामले में विकास कंस्ट्रक्शन के साझेदारों आतिफ रजा, अफसार अंसारी, अनवर सहजाद,रविन्द्र नारायण सिंह और जाकिर हुसैन के विरुद्ध 2021 में नन्दगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसकी सुनवाई एडीजे कोर्ट में चल रही थी. मंगलवार को एडीजे की अदालत ने सभी पांच अभियुक्तों की जमानत खारिज कर दी. अब इनकी गिरफ्तारी हो सकती है.