चित्तौड़गढ़. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद सीपी जोशी के निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पर्चा दाखिल करने के दौरान हुए विवाद के लम्बित प्रकरण में बेगूं विधायक डॉ सुरेश धाकड़ और मावली के पूर्व विधायक धर्म नारायण जोशी गुरुवार को न्यायालय में पेश हुए.
चित्तौड़गढ़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में लम्बित इस मामले में न्यायालय द्वारा समन की तामील करने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा गया था. जिस पर आज दोनों ने न्यायालय में व्यक्तिगत उपस्थिति देते हुए अपनी बात रखी. इस संबंध में विधायक डॉ धाकड़ ने कहा कि 6 अप्रैल, 2019 को लोकसभा चुनाव का पर्चा दाखिल करते समय वे मावली के तत्कालीन विधायक धर्म नारायण जोशी के साथ प्रस्तावक थे.
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उनका नियमानुसार निर्वाचन अधिकारी के कक्ष में जाना उचित था, लेकिन नियमों की कम जानकारी और राजनीतिक दबाव के चलते उनके खिलाफ गलत मुकदमे दर्ज करवा दिए गए. उन्होंने कहा कि वे स्वयं कानून का सम्मान करते हैं और जानकारी मिलते ही न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुए हैं. एक लोक सेवक से ऐसी ही अपेक्षा की जा सकती है. इस दौरान पूर्व विधायक जोशी ने कहा कि उन्होंने न्यायालय के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा है कि पूरा मामला द्वेष के चलते दर्ज किया गया है.
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इसके लिए उस तारीख की वीडियोग्राफी देखी जा सकती है. उन्होंने कहा कि हम सामान्य नागरिक हैं. भले ही किसी पद पर रहे हों, इसलिए आज स्वयं न्यायालय में प्रस्तुत हुए हैं. उनके अधिवक्ता कैलाश चौखड़ा ने कहा कि समन की जानकारी नहीं थी और पर्चा दाखिल करते समय प्रस्तावक को रोका गया था. जबकि यह काम पुलिस का था. अब इस मामले में न्यायालय में ट्रायल के बाद ही फैसला होगा. गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक को समन भेजकर तामील कराने का मामला सामना सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया.