जयपुर. चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने बूंदी जिले के नैनवां उपजिला चिकित्सालय में एक महिला का बैंच पर प्रसव होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई की है. प्रकरण में एक वरिष्ठ चिकित्सक और एक एएनएम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. वहीं, पीएमओ नैनवां को पद से हटा दिया गया है. साथ ही एक चिकित्सक के खिलाफ 16 सीसीए के तहत विभागीय जांच प्रस्तावित की गई है. इसके अलावा अन्य कार्मिकों को 17 सीसीए के तहत नोटिस दिया गया है.
चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए तुरंत प्रभाव से कोटा जोन के संयुक्त निदेशक, उप निदेशक व मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी बूंदी को शामिल कर एक जांच कमेटी गठित की थी. साथ ही जिला कलेक्टर बूंदी से प्रकरण की जानकारी ली और नैनवां उपखंड अधिकारी से भी रिपोर्ट मांगी गई. वहीं, जिला कलेक्टर से मिली जानकारी पर जांच कमेटी और उपखंड अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए चिकित्सकों और अन्य कार्मिकों पर विभाग ने सख्त एक्शन लिया.
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नोटिस जारी : निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि प्रकरण में ड्यूटी पर उपस्थित वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. मुरारीलाल मीणा और एएनएम कुसुमलता शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनका मुख्यालय निदेशालय, जयपुर किया गया है. साथ ही पर्यवेक्षणीय लापरवाही का दोषी मानते हुए पीएमओ नैनवां डॉ. समुन्दर लाल मीणा को हटाकर उनके स्थान पर वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार को उनका चार्ज दिया है. डॉ. माथुर ने बताया कि प्रकरण में अन्य नर्सिंग स्टाफ गायत्री मीणा, केला देवी मीणा, शिवदत्त, कौशल्या गुर्जर और हेमन्त महावर को सीसीए नियम 17 के तहत नोटिस दिए गए हैं.