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बैंक मैनेजर पर 38 हजार का देसी मुर्गा खाने का आरोप, लोन पास करवाने के लिए दिया था आवेदन - DEMANDS MONEY AS BRIBE

बिलासपुर के मस्तूरी ब्लॉक में बैंक मैनेजर पर रिश्वत में देसी मुर्गा खाने का आरोप लगा है.

Bank manager accused of eating local chicken
देसी मुर्गा खाने का आरोप (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 11, 2024, 8:12 PM IST

बिलासपुर : मस्तूरी ब्लॉक में लोन के नाम पर मुर्गा खा जाने का अजीबो गरीब मामला सामने आया है. फरियादी का आरोप है कि उसने एसबीआई बैंक में 12 लाख के लिए लोन का आवेदन किया था. इस दौरान लोन पास करने के नाम पर उससे बैंक मैनेजर मुर्गा पार्टी लेने लगा.आरोप है कि बैंक मैनेजर हफ्ते में दो से तीन दिन देसी मुर्गा की मांग करता. जिसे फरियादी पूरा करता,लेकिन मुर्गा देने के बाद भी ना तो फरियादी को लोन मिला और ना ही मुर्गे के पैसे. पीड़ित का आरोप है कि लोन पास करवाने के नाम पर बैंक मैनेजर 38 हजार 800 का मुर्गा जरुर डकार गया.

जानिए पूरी कहानी : इन आरोपों के सामने आने के बाद ईटीवी भारत ने सच्चाई जानने की कोशिश की. इसलिए हम उन्हीं के पास पहुंचे जिन्होंने बैंक मैनेजर पर संगीन आरोप लगाए हैं. मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम सरगंवा के रहने वाले ग्रामीण रूपचंद मनहर ने ईटीवी भारत से अपनी आपबीती सुनाई.रुपचंद ने बताया कि किस तरह से लोन देने के नाम पर उसे परेशान किया गया. न्याय के लिए उसने एसडीएम को कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा हैं.लेकिन आईए जानते हैं कि मामला आखिर है क्या.

बैंक मैनेजर पर 38 हजार का देसी मुर्गा खाने का आरोप (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

रुपचंद मनहर की माने तो पोल्ट्री फार्म के व्यवसाय के लिए एसबीआई बैंक मस्तूरी में 12 लाख रुपए लोन के लिए आवेदन किया था.इस पर अधिकारी ने उन्हें कुछ डाक्यूमेंट की कमी और उनके लड़के के नाम पर लोन होने की बात बताई. डॉक्यूमेंट पूरा करने और लड़के के नाम पर लिए गए लोन को पटाने के लिए कहा गया.जिस पर रुपचंद ने अपने कागजों को पूरा किया और लड़के का बकाया लोन जो 3 लाख 91 हजार 663 रुपए का था उसे दो महीनों में चुका दिया.लेकिन लोन चुकता कर देने के बाद भी रुपचंद मनहर को एनओसी नहीं मिला.

बैंक अधिकारी के पास दिया आवेदन : रुपचंद मनहर के मुताबिक लोन चुकाने के बाद उसने दोबारा लोन लेने के लिए बैंक मैनेजर के पास आवेदन किया. जिस पर बैंक मैनेजर सुमंत चौधरी ने एडवांस रुपए कमीशन के लिए मांगे. जिस पर रुपचंद ने बैंक मैनेजर को नकद के साथ ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए.इसके बाद बैंक मैनेजर अपने रिश्तेदार के माध्यम से हर शनिवार को देसी मुर्गे की डिमांड करने लगा. लोन मिलने की चाहत में रुपचंद ने मैनेजर की हर डिमांड पूरी की.लेकिन 38 हजार से ज्यादा के देशी मुर्गे खाने और पैसे लेने के बाद भी मैनेजर ने लोन नहीं दिया.

जब लोन नहीं मिला तो मैंने एसबीआई बैंक के सामने कुछ दिन धरना भी दिया. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस ने कहा कि मैनेजर छुट्टी पर हैं,इसलिए आने पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.इसके बाद मैनेजर काम पर वापस लौटा तो भी किसी तरह की जांच नहीं की गई.इसके बाद मैंने कलेक्टर, एसपी, आईजी,सीएम और पीएमओ में भी इसकी शिकायत की.लेकिन अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई - रुपचंद मनहर, पीड़ित

भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी : रुपचंद मनहर ने ईटीवी भारत को बताया कि यदि उसे 4 दिनों में न्याय नहीं मिला तो वो एक बार फिर कलेक्टोरेट के सामने भूख हड़ताल पर बैठेगा.इस दौरान यदि उसे कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा. वहीं इस पूरे मामले में जब हमने पुलिस और बैंक मैनेजर का पक्ष जानना चाहा तो किसी ने कुछ कहने से इनकार कर दिया.

अधिकारियों ने साधी चुप्पी : मस्तूरी थाना प्रभारी सैय्यद अख्तर से थाने पहुंचकर ईटीवी भारत ने जानकारी लेनी तो उन्होने किसी प्रकार का बयान इस मामले में देने में रुचि नहीं दिखाई.वहीं एसबीआई के बैंक मैनेजर सुमन कुमार चौधरी से जब हमने उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने ने भी अपने आला अधिकारियों से बात करने के लिए कह दिया और कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.

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जानिए पूरी कहानी : इन आरोपों के सामने आने के बाद ईटीवी भारत ने सच्चाई जानने की कोशिश की. इसलिए हम उन्हीं के पास पहुंचे जिन्होंने बैंक मैनेजर पर संगीन आरोप लगाए हैं. मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम सरगंवा के रहने वाले ग्रामीण रूपचंद मनहर ने ईटीवी भारत से अपनी आपबीती सुनाई.रुपचंद ने बताया कि किस तरह से लोन देने के नाम पर उसे परेशान किया गया. न्याय के लिए उसने एसडीएम को कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा हैं.लेकिन आईए जानते हैं कि मामला आखिर है क्या.

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रुपचंद मनहर की माने तो पोल्ट्री फार्म के व्यवसाय के लिए एसबीआई बैंक मस्तूरी में 12 लाख रुपए लोन के लिए आवेदन किया था.इस पर अधिकारी ने उन्हें कुछ डाक्यूमेंट की कमी और उनके लड़के के नाम पर लोन होने की बात बताई. डॉक्यूमेंट पूरा करने और लड़के के नाम पर लिए गए लोन को पटाने के लिए कहा गया.जिस पर रुपचंद ने अपने कागजों को पूरा किया और लड़के का बकाया लोन जो 3 लाख 91 हजार 663 रुपए का था उसे दो महीनों में चुका दिया.लेकिन लोन चुकता कर देने के बाद भी रुपचंद मनहर को एनओसी नहीं मिला.

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जब लोन नहीं मिला तो मैंने एसबीआई बैंक के सामने कुछ दिन धरना भी दिया. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस ने कहा कि मैनेजर छुट्टी पर हैं,इसलिए आने पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.इसके बाद मैनेजर काम पर वापस लौटा तो भी किसी तरह की जांच नहीं की गई.इसके बाद मैंने कलेक्टर, एसपी, आईजी,सीएम और पीएमओ में भी इसकी शिकायत की.लेकिन अब तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई - रुपचंद मनहर, पीड़ित

भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी : रुपचंद मनहर ने ईटीवी भारत को बताया कि यदि उसे 4 दिनों में न्याय नहीं मिला तो वो एक बार फिर कलेक्टोरेट के सामने भूख हड़ताल पर बैठेगा.इस दौरान यदि उसे कुछ हुआ तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा. वहीं इस पूरे मामले में जब हमने पुलिस और बैंक मैनेजर का पक्ष जानना चाहा तो किसी ने कुछ कहने से इनकार कर दिया.

अधिकारियों ने साधी चुप्पी : मस्तूरी थाना प्रभारी सैय्यद अख्तर से थाने पहुंचकर ईटीवी भारत ने जानकारी लेनी तो उन्होने किसी प्रकार का बयान इस मामले में देने में रुचि नहीं दिखाई.वहीं एसबीआई के बैंक मैनेजर सुमन कुमार चौधरी से जब हमने उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने ने भी अपने आला अधिकारियों से बात करने के लिए कह दिया और कुछ भी बोलने से बचते नजर आए.

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