लखनऊ : जौनपुर जिला जेल में तैनात जेलर के खिलाफ राजधानी लखनऊ में भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कराया है. जेलर पूर्व में राजधानी लखनऊ के आदर्श कारागार में भी तैनात रह चुके हैं. वर्ष 2023 में उत्तर प्रदेश शासन सतर्कता अनुभाग 3 की ओर से आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेलर के खिलाफ गोपनीय जांच का आदेश विजिलेंस विभाग को दिए गए थे, जांच में जेलर की ओर से लगभग 7 लाख रुपए आय से अधिक खर्च करना पाया गया. विजिलेंस की पूछताछ में जेलर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. इसके बाद केस दर्ज कराया गया.
विजिलेंस थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह के अनुसार उत्तर प्रदेश शासन सतर्कता अनुभाग 3 ने अप्रैल 2023 में जांच के आदेश दिए थे. अजय कुमार राय वर्तमान समय में जौनपुर जिला जेल में कार्यरत हैं. पूर्व में वह लखनऊ आदर्श कारागार में जेलर के पद पर नियुक्त थे. अगस्त 2024 तक जांच चली.
इसमें पाया गया कि अजय कुमार राय ने जेलर के पद पर रहते हुए जांच अवधि में अपनी आय के समस्त ज्ञात व वैध स्रोतों से कुल 12 लाख 51 हजार 119 रुपये अर्जित किए. इसी अवधि में उनके परिवार के भरण पोषण एवं पर संपत्तियों पर कुल रुपया 19 लाख 42 हजार 343 व्यय किया जाना पाया गया.
इस प्रकार जांच के लिए निर्धारित की गई चेक अवधि में अजय कुमार द्वारा ज्ञात व वैध स्रोतों से अर्जित की गई अपनी आय के सापेक्ष रुपया 6 लाख 91 हजार 224 अधिक व्यय किया गया जो कि उनकी ज्ञात हुआ वैध स्रोतों से अधिक है. इन रुपयों के बारे में अजय कुमार राय द्वारा कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया. जांच से अजय कुमार आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी पाए गए.
विजिलेंस थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह ने बताया कि जेलर अजय कुमार राय के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है. मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.
यह भी पढ़ें : यूपी में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई: जल निगम के पांच इंजीनियर के ठिकानों पर छापा, आय से अधिक संपत्ति कमाने का आरोप