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आर्थिक संकट में फंसी सरकार चुन सकती है भांग की खेती से कमाई का रास्ता, सदन में आज प्रतिवेदन रखेंगे राजस्व मंत्री - Himachal Cannabis Cultivation

Cannabis Cultivation in Himachal: हिमाचल प्रदेश में आर्थिक मोर्चे पर संकट गहरा रहा है. जिससे उबरने के लिए सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है. इन्ही में से एक भांग की खेती को वैध करना है. जिसकी प्रतिवेदन आज राजस्व मंत्री सदन में रखेंगे.

Cannabis Cultivation in Himachal
हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 9:59 AM IST

Updated : Sep 5, 2024, 10:58 AM IST

शिमला: आर्थिक मोर्चे पर संकट से घिरी हिमाचल सरकार भांग की खेती को कानूनी जामा पहना सकती है. भांग की खेती को लीगल करने और भांग के औषधीय व इंडस्ट्री सेक्टर में उपयोग पर तैयार प्रतिवेदन को गुरुवार 5 सितंबर को सदन में रखा जाएगा. हिमाचल सरकार के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी इस प्रतिवेदन को सदन के पटल पर रखेंगे और इस पर विचार होगा. ये प्रतिवेदन सितंबर 2023 में सदन में उप स्थापित किया गया था.

कमेटी ने पिछले साल पेश की थी रिपोर्ट

बता दें कि राज्य सरकार ने भांग की खेती को लीगल करने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर अध्ययन को लेकर एक कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्य शामिल हैं. राजस्व मंत्री जगत नेगी की अगुवाई में कमेटी में सीपीएस सुंदर ठाकुर, न्यूरो सर्जन व भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज, भाजपा विधायक हंसराज, द्रंग से भाजपा के विधायक पूर्ण ठाकुर शामिल हैं. कमेटी ने भांग की खेती के पहलुओं का अध्ययन करने के लिए उत्तराखंड का दौरा भी किया था. साथ ही कमेटी के सदस्यों ने हिमाचल के विभिन्न इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था. कमेटी की रिपोर्ट सदन में पिछले साल रखी गई है.

Cannabis Cultivation in Himachal
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी (ETV Bharat)

2018 में हाईकोर्ट से किया था आग्रह

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में एडवोकेट देशिंदर खन्ना ने हिमाचल हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि भांग की खेती को लीगल बनाने के लिए राज्य सरकार को उचित निर्देश दिए जाएं. यानी मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था. भांग की खेती के कई लाभ हैं और ये राजस्व की प्राप्ति का भी बड़ा सोर्स बन सकता है. यही कारण है कि हिमाचल सरकार इस पर विचार कर रही है. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा है कि राजस्व को बढ़ाने में ये कवायद कारगर साबित होगी.

भांग की खेती से कई लाभ

भांग की खेती को लीगलाइज करने से कई लाभ होंगे. इंडस्ट्री सेक्टर में भी इसका उपयोग होता है. भांग से कई दवाइयों का निर्माण होता है. यदि इसकी खेती की जाए तो राजस्व का बड़ा स्रोत हासिल हो सकता है. विभिन्न शोध कार्यक्रमों से जुड़े विख्यात डॉ. जयबीर सिंह के अनुसार कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट रोकने में भांग का बड़ा रोल है. अमेरिका में कैंसर का इलाज करवाने वाले मरीजों के लिए भांग से बनी दवाइयों को इस्तेमाल करने की अनुमति है.

डॉ. जनकराज ने भी भांग को बताया उपयोगी

उल्लेखनीय है कि सदन में पिछले साल भांग की खेती को लीगल बनाने और इसके लाभ पर हुई चर्चा में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज ने अपना निजी अनुभव शेयर करते हुए कहा था कि उनकी बेटी के इलाज के लिए भांग के तेल का उपयोग किया गया था. देश के विख्यात न्यूरो सर्जन और अब राजनीति में आए भाजपा के विधायक डॉ. जनकराज का कहना है कि भांग के औषधीय उपयोग बहुत से हैं. न्यूरो साइंस में इसका उपयोग है. रक्त कैंसर और न्यूरो संबंधित रोगों में इसका बेहतरीन उपयोग है, लेकिन इस समय सरकार आर्थिक संकट के दौरान राजस्व की प्राप्ति के तौर पर भांग की खेती को लीगलाइज करने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है. आज सदन में इससे जुड़ा प्रतिवेदन पेश किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कड़े फैसले लेने की तैयारी, सीएम ने कहा- फ्री बिजली नहीं देंगे, खजाना लुटाते रहे तो बिगड़ेंगे हालात

शिमला: आर्थिक मोर्चे पर संकट से घिरी हिमाचल सरकार भांग की खेती को कानूनी जामा पहना सकती है. भांग की खेती को लीगल करने और भांग के औषधीय व इंडस्ट्री सेक्टर में उपयोग पर तैयार प्रतिवेदन को गुरुवार 5 सितंबर को सदन में रखा जाएगा. हिमाचल सरकार के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी इस प्रतिवेदन को सदन के पटल पर रखेंगे और इस पर विचार होगा. ये प्रतिवेदन सितंबर 2023 में सदन में उप स्थापित किया गया था.

कमेटी ने पिछले साल पेश की थी रिपोर्ट

बता दें कि राज्य सरकार ने भांग की खेती को लीगल करने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर अध्ययन को लेकर एक कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में सत्ता पक्ष व विपक्ष के सदस्य शामिल हैं. राजस्व मंत्री जगत नेगी की अगुवाई में कमेटी में सीपीएस सुंदर ठाकुर, न्यूरो सर्जन व भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज, भाजपा विधायक हंसराज, द्रंग से भाजपा के विधायक पूर्ण ठाकुर शामिल हैं. कमेटी ने भांग की खेती के पहलुओं का अध्ययन करने के लिए उत्तराखंड का दौरा भी किया था. साथ ही कमेटी के सदस्यों ने हिमाचल के विभिन्न इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था. कमेटी की रिपोर्ट सदन में पिछले साल रखी गई है.

Cannabis Cultivation in Himachal
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी (ETV Bharat)

2018 में हाईकोर्ट से किया था आग्रह

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में एडवोकेट देशिंदर खन्ना ने हिमाचल हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि भांग की खेती को लीगल बनाने के लिए राज्य सरकार को उचित निर्देश दिए जाएं. यानी मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था. भांग की खेती के कई लाभ हैं और ये राजस्व की प्राप्ति का भी बड़ा सोर्स बन सकता है. यही कारण है कि हिमाचल सरकार इस पर विचार कर रही है. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी कहा है कि राजस्व को बढ़ाने में ये कवायद कारगर साबित होगी.

भांग की खेती से कई लाभ

भांग की खेती को लीगलाइज करने से कई लाभ होंगे. इंडस्ट्री सेक्टर में भी इसका उपयोग होता है. भांग से कई दवाइयों का निर्माण होता है. यदि इसकी खेती की जाए तो राजस्व का बड़ा स्रोत हासिल हो सकता है. विभिन्न शोध कार्यक्रमों से जुड़े विख्यात डॉ. जयबीर सिंह के अनुसार कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट रोकने में भांग का बड़ा रोल है. अमेरिका में कैंसर का इलाज करवाने वाले मरीजों के लिए भांग से बनी दवाइयों को इस्तेमाल करने की अनुमति है.

डॉ. जनकराज ने भी भांग को बताया उपयोगी

उल्लेखनीय है कि सदन में पिछले साल भांग की खेती को लीगल बनाने और इसके लाभ पर हुई चर्चा में पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज ने अपना निजी अनुभव शेयर करते हुए कहा था कि उनकी बेटी के इलाज के लिए भांग के तेल का उपयोग किया गया था. देश के विख्यात न्यूरो सर्जन और अब राजनीति में आए भाजपा के विधायक डॉ. जनकराज का कहना है कि भांग के औषधीय उपयोग बहुत से हैं. न्यूरो साइंस में इसका उपयोग है. रक्त कैंसर और न्यूरो संबंधित रोगों में इसका बेहतरीन उपयोग है, लेकिन इस समय सरकार आर्थिक संकट के दौरान राजस्व की प्राप्ति के तौर पर भांग की खेती को लीगलाइज करने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है. आज सदन में इससे जुड़ा प्रतिवेदन पेश किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कड़े फैसले लेने की तैयारी, सीएम ने कहा- फ्री बिजली नहीं देंगे, खजाना लुटाते रहे तो बिगड़ेंगे हालात

Last Updated : Sep 5, 2024, 10:58 AM IST
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