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बिहार में सड़क पर क्यों उतरे हजारों BPSC अभ्यर्थी? - BPSC 70TH CCE EXAM

पटना में बीपीएससी 70 वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू करने को लेकर अभ्यर्थी सड़कों पर उतर गए हैं. BPSC ऑफिस का घेराव करेंगे.

BPSC CANDIDATES PROTEST
बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 6, 2024, 9:50 AM IST

Updated : Dec 6, 2024, 12:03 PM IST

पटना: आज राजधानी पटना की सड़कों पर शुक्रवार को बीपीएससी 70वीं के हजारों अभ्यर्थी उतरे हुए हैं. अभ्यर्थियों को छात्र नेताओं का समर्थन हासिल है, राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने भी अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन किया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्व की भांति 70वीं सिविल सर्विसेज की प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित की जाए. परीक्षा में किसी प्रकार का नॉर्मलाइजेशन नहीं हो. वहीं एक दिन में जब एक शिफ्ट में ही परीक्षा हो रही है तो नॉर्मलाइजेशन की कोई आवश्यकता नहीं है.

आयोग आज जारी कर रहा एडमिट कार्ड: आयोग के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा का कहना है कि बेमतलब का अभ्यर्थी सड़कों पर है. आयोग को यदि नॉर्मलाइजेशन लागू करना होता तो आयोग नोटिफिकेशन में मेंशन करता अथवा अलग से नोटिस जारी करता. 13 दिसंबर को राज्य के 925 परीक्षा केंद्रों पर 4.80 लाख अभ्यर्थी एक शिफ्ट में ही परीक्षा देंगे. परीक्षा में किसी एक ही सेट का प्रश्न पत्र उपयोग में लाया जाएगा. परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का एडमिट कार्ड आज आयोग का साइट पर जारी कर दिया जाएगा. आज शुक्रवार से अभ्यर्थी अपने एडमिट कार्ड को आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं.

'नॉर्मलाइजेशन' धांधली सेटिंग का तरीका: अभ्यर्थियों के आंदोलन का समर्थन कर रहे छात्र नेता दिलीप का कहना है कि आयोग के अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार ने वैकेंसी के नोटिफिकेशन के संबंध में जब प्रेस वार्ता किया था. उस समय कहा की परीक्षा में विभिन्न सेट के प्रश्न पत्र लिए जाएंगे और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाते हुए रिजल्ट तैयार किया जाएगा. सोशल मीडिया में कुछ पत्र वायरल हो रहे हैं जिसके अनुसार पता चल रहा है कि इस बार आयोग नॉर्मलाइजेशन लागू करने जा रहा है. दिलीप ने बताया कि नॉर्मलाइजेशन धांधली सेटिंग का सबसे बेहतरीन तरीका है जिस पर कोई प्रश्न नहीं उठा सकता.

नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे अभ्यर्थी: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि जब एक दिन में एक शिफ्ट में ही परीक्षा आयोजित हो रही है तो सभी को एक समान स्टैंडर्ड के प्रश्न पूछे जाएं. इसके लिए एक ही सेट का प्रश्न पत्र तैयार किया जाए. आयोग के अध्यक्ष ने पूर्व में कहा था कि अलग-अलग प्रश्न पत्र के सेट होंगे और नॉर्मलाइजेशन के आधार पर रिजल्ट होगा. अलग-अलग प्रश्न पत्र के सेट होंगे तो कोई प्रश्न पत्र का सेट आसान होगा कोई कठिन होगा.

"अलग-अलग प्रश्न पत्र के सेट होने से कोई प्रश्न पत्र का सेट आसान होगा तो कोई कठिन होगा. ऐसे में इस आधार पर अभ्यर्थी जितना अंक हासिल करेंगे उसमें आसानी से 3 से 5 अंक कम हो जाएंगे अथवा बढ़ जाएंगे. आयोग जिसे आसान प्रश्न पत्र मानेगा उसमें अभ्यर्थी जितना हासिल करेंगे उससे पांच अंक कम हो जाएगा. आयोग जिसे कठिन प्रश्न पत्र मानेगा उसमें अभ्यर्थियों को कम अंक आएंगे तो भी तीन से पांच अंक बढ़ जाएंगे." - दिलीप, छात्र नेता

आयोग अपना रुख स्पष्ट करे: छात्र नेता सौरव कुमार का कहना है कि आयोग स्पष्ट करें कि परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू हो रहा है अथवा नहीं. नॉर्मलाइजेशन किसी हालत में स्वीकार्य नहीं है. इस संबंध में आयोग प्रेस विज्ञप्ति अथवा नोटिस जारी करें. अभ्यर्थी परीक्षा में समानता के अवसर की मांग को लेकर सड़क पर उतरे हुए हैं. यूपीएससी और अन्य राज्यों की पीसीएस परीक्षा में भी नॉर्मलाइजेशन नहीं लागू है. ऐसे में यह बिहार में भी नहीं लागू होनी चाहिए.

"आयोग की पिछली कुछ परीक्षाएं परीक्षा माफियाओं के मिली भगत की संदेह में है. ऐसे में यदि नॉर्मलाइजेशन लागू होता है तो इसमें भी परीक्षा माफियाओं और कोचिंग माफिया की मिली भगत होगी, इसका स्पष्ट संकेत जाएगा."- सौरव कुमार, छात्र नेता

आयोग क्यों जारी करे नॉर्मलाइजेशन पर स्पष्टीकरण: सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा है कि नॉर्मलाइजेशन को लेकर जो भ्रामक बातें चल रही हैं इस संबंध में आयोग स्पष्टीकरण क्यों दे. जिन्हें आंदोलन करना है वह करें. इस परीक्षा के लिए जितने अभ्यर्थी फॉर्म भरते हैं उनमें से एक प्रतिशत का रिजल्ट आता है. रिजल्ट लाने वाले अभ्यर्थी तैयारी में जुटे होते हैं और जुटे हुए हैं. जिनका पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब नहीं होता है वह छात्र सड़कों पर इस तरह प्रदर्शन करते हैं.

"जो छात्र नेता इस प्रकार के प्रदर्शन को लीड कर रहे होते हैं उन्हें आयोग के मेकैनिज्म का पता नहीं होता और वो सिर्फ आयोग को बदनाम करते हैं. अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए. अगर नॉर्मलाइजेशन लागू करना होता तो आयोग नोटिफिकेशन में मेंशन करता अथवा अलग से नोटिस जारी करता. "-सत्य प्रकाश शर्मा, आयोग के सचिव

अभ्यर्थियों को मिला तेजस्वी यादव का साथ: इधर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखते हुए कहा है कि वह बीपीएससी के अभ्यर्थियों के डिमांड के साथ पूरी तरह खड़े हैं. आयोग की प्रीलिम्स परीक्षा होने जा रही है और अभी तक अभ्यर्थियों को परीक्षा पद्धति की जानकारी नहीं है. अभ्यर्थियों को अभी तक यह नहीं पता है की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू होगा या नहीं.

"नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया हमेशा विवादों में रही है इसके कारण मैं मांग करता हूं की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाने से बचा जाए. एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर, एक पैटर्न की परीक्षा बिना पेपर लीक के संपन्न कराया जाए."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?: नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया सामान्य तौर पर तब अपनाई जाति है जब अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा आयोजित हो रही हो. इसका उपयोग इसलिए होता है क्यों कि अलग-अलग सेट के प्रश्न पत्र परीक्षा में पूछे जाते हैं. पहले शिफ्ट की परीक्षा में जो सेट का प्रश्न पत्र पूछा जाएगा दूसरे शिफ्ट की परीक्षा में वह नहीं पूछा जाता. प्रश्न पत्र में प्रश्न अलग होते हैं. ऐसे में परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था यह तय करती है कि किस सेट के प्रश्न पत्र को हल करने में अभ्यर्थियों ने सरलता महसूस की और किस में कठिनाई महसूस की. संस्था जिसे तय करती है कि यह प्रश्न पत्र का सेट आसान था, उसमें अभ्यर्थी जितना अंक हासिल करते हैं उसमें से 2 से पांच अंक कम हो जाते हैं, जिसे कठिन समझती है उसमें अभ्यर्थी जितना अंक हासिल करते हैं उसमें दो से पांच अंक जुड़ जाते हैं.

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पटना: आज राजधानी पटना की सड़कों पर शुक्रवार को बीपीएससी 70वीं के हजारों अभ्यर्थी उतरे हुए हैं. अभ्यर्थियों को छात्र नेताओं का समर्थन हासिल है, राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी यादव ने भी अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन किया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्व की भांति 70वीं सिविल सर्विसेज की प्रीलिम्स परीक्षा आयोजित की जाए. परीक्षा में किसी प्रकार का नॉर्मलाइजेशन नहीं हो. वहीं एक दिन में जब एक शिफ्ट में ही परीक्षा हो रही है तो नॉर्मलाइजेशन की कोई आवश्यकता नहीं है.

आयोग आज जारी कर रहा एडमिट कार्ड: आयोग के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा का कहना है कि बेमतलब का अभ्यर्थी सड़कों पर है. आयोग को यदि नॉर्मलाइजेशन लागू करना होता तो आयोग नोटिफिकेशन में मेंशन करता अथवा अलग से नोटिस जारी करता. 13 दिसंबर को राज्य के 925 परीक्षा केंद्रों पर 4.80 लाख अभ्यर्थी एक शिफ्ट में ही परीक्षा देंगे. परीक्षा में किसी एक ही सेट का प्रश्न पत्र उपयोग में लाया जाएगा. परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का एडमिट कार्ड आज आयोग का साइट पर जारी कर दिया जाएगा. आज शुक्रवार से अभ्यर्थी अपने एडमिट कार्ड को आयोग की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं.

'नॉर्मलाइजेशन' धांधली सेटिंग का तरीका: अभ्यर्थियों के आंदोलन का समर्थन कर रहे छात्र नेता दिलीप का कहना है कि आयोग के अध्यक्ष रवि मनु भाई परमार ने वैकेंसी के नोटिफिकेशन के संबंध में जब प्रेस वार्ता किया था. उस समय कहा की परीक्षा में विभिन्न सेट के प्रश्न पत्र लिए जाएंगे और नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाते हुए रिजल्ट तैयार किया जाएगा. सोशल मीडिया में कुछ पत्र वायरल हो रहे हैं जिसके अनुसार पता चल रहा है कि इस बार आयोग नॉर्मलाइजेशन लागू करने जा रहा है. दिलीप ने बताया कि नॉर्मलाइजेशन धांधली सेटिंग का सबसे बेहतरीन तरीका है जिस पर कोई प्रश्न नहीं उठा सकता.

नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे अभ्यर्थी: छात्र नेता दिलीप ने कहा कि जब एक दिन में एक शिफ्ट में ही परीक्षा आयोजित हो रही है तो सभी को एक समान स्टैंडर्ड के प्रश्न पूछे जाएं. इसके लिए एक ही सेट का प्रश्न पत्र तैयार किया जाए. आयोग के अध्यक्ष ने पूर्व में कहा था कि अलग-अलग प्रश्न पत्र के सेट होंगे और नॉर्मलाइजेशन के आधार पर रिजल्ट होगा. अलग-अलग प्रश्न पत्र के सेट होंगे तो कोई प्रश्न पत्र का सेट आसान होगा कोई कठिन होगा.

"अलग-अलग प्रश्न पत्र के सेट होने से कोई प्रश्न पत्र का सेट आसान होगा तो कोई कठिन होगा. ऐसे में इस आधार पर अभ्यर्थी जितना अंक हासिल करेंगे उसमें आसानी से 3 से 5 अंक कम हो जाएंगे अथवा बढ़ जाएंगे. आयोग जिसे आसान प्रश्न पत्र मानेगा उसमें अभ्यर्थी जितना हासिल करेंगे उससे पांच अंक कम हो जाएगा. आयोग जिसे कठिन प्रश्न पत्र मानेगा उसमें अभ्यर्थियों को कम अंक आएंगे तो भी तीन से पांच अंक बढ़ जाएंगे." - दिलीप, छात्र नेता

आयोग अपना रुख स्पष्ट करे: छात्र नेता सौरव कुमार का कहना है कि आयोग स्पष्ट करें कि परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू हो रहा है अथवा नहीं. नॉर्मलाइजेशन किसी हालत में स्वीकार्य नहीं है. इस संबंध में आयोग प्रेस विज्ञप्ति अथवा नोटिस जारी करें. अभ्यर्थी परीक्षा में समानता के अवसर की मांग को लेकर सड़क पर उतरे हुए हैं. यूपीएससी और अन्य राज्यों की पीसीएस परीक्षा में भी नॉर्मलाइजेशन नहीं लागू है. ऐसे में यह बिहार में भी नहीं लागू होनी चाहिए.

"आयोग की पिछली कुछ परीक्षाएं परीक्षा माफियाओं के मिली भगत की संदेह में है. ऐसे में यदि नॉर्मलाइजेशन लागू होता है तो इसमें भी परीक्षा माफियाओं और कोचिंग माफिया की मिली भगत होगी, इसका स्पष्ट संकेत जाएगा."- सौरव कुमार, छात्र नेता

आयोग क्यों जारी करे नॉर्मलाइजेशन पर स्पष्टीकरण: सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा है कि नॉर्मलाइजेशन को लेकर जो भ्रामक बातें चल रही हैं इस संबंध में आयोग स्पष्टीकरण क्यों दे. जिन्हें आंदोलन करना है वह करें. इस परीक्षा के लिए जितने अभ्यर्थी फॉर्म भरते हैं उनमें से एक प्रतिशत का रिजल्ट आता है. रिजल्ट लाने वाले अभ्यर्थी तैयारी में जुटे होते हैं और जुटे हुए हैं. जिनका पढ़ाई लिखाई से कोई मतलब नहीं होता है वह छात्र सड़कों पर इस तरह प्रदर्शन करते हैं.

"जो छात्र नेता इस प्रकार के प्रदर्शन को लीड कर रहे होते हैं उन्हें आयोग के मेकैनिज्म का पता नहीं होता और वो सिर्फ आयोग को बदनाम करते हैं. अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए. अगर नॉर्मलाइजेशन लागू करना होता तो आयोग नोटिफिकेशन में मेंशन करता अथवा अलग से नोटिस जारी करता. "-सत्य प्रकाश शर्मा, आयोग के सचिव

अभ्यर्थियों को मिला तेजस्वी यादव का साथ: इधर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखते हुए कहा है कि वह बीपीएससी के अभ्यर्थियों के डिमांड के साथ पूरी तरह खड़े हैं. आयोग की प्रीलिम्स परीक्षा होने जा रही है और अभी तक अभ्यर्थियों को परीक्षा पद्धति की जानकारी नहीं है. अभ्यर्थियों को अभी तक यह नहीं पता है की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन लागू होगा या नहीं.

"नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया हमेशा विवादों में रही है इसके कारण मैं मांग करता हूं की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाने से बचा जाए. एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर, एक पैटर्न की परीक्षा बिना पेपर लीक के संपन्न कराया जाए."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष, बिहार विधानसभा

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?: नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया सामान्य तौर पर तब अपनाई जाति है जब अलग-अलग शिफ्ट में परीक्षा आयोजित हो रही हो. इसका उपयोग इसलिए होता है क्यों कि अलग-अलग सेट के प्रश्न पत्र परीक्षा में पूछे जाते हैं. पहले शिफ्ट की परीक्षा में जो सेट का प्रश्न पत्र पूछा जाएगा दूसरे शिफ्ट की परीक्षा में वह नहीं पूछा जाता. प्रश्न पत्र में प्रश्न अलग होते हैं. ऐसे में परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था यह तय करती है कि किस सेट के प्रश्न पत्र को हल करने में अभ्यर्थियों ने सरलता महसूस की और किस में कठिनाई महसूस की. संस्था जिसे तय करती है कि यह प्रश्न पत्र का सेट आसान था, उसमें अभ्यर्थी जितना अंक हासिल करते हैं उसमें से 2 से पांच अंक कम हो जाते हैं, जिसे कठिन समझती है उसमें अभ्यर्थी जितना अंक हासिल करते हैं उसमें दो से पांच अंक जुड़ जाते हैं.

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Last Updated : Dec 6, 2024, 12:03 PM IST
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