रांची: लोकसभा आम चुनाव 2024 के लिए झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों पर दो मुख्य गठबंधन एनडीए और इंडिया ब्लॉक ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. जो उम्मीद पहले से थी लगभग उसी तरह से इंडिया ब्लॉक की कोशिश यह हुई है कि अलग-अलग लोकसभा सीट पर मुकाबला आमने-सामने का हो यानी भाजपा या आजसू के उम्मीदवार के मुकाबले में विपक्षी दलों की ओर से भी एक मजबूत उम्मीदवार हो और भाजपा विरोधी वोटों के बिखराव को रोका जा सके.
कुछ प्रमुख नेता निर्दलीय उतरे हैं चुनाव मैदान में
राज्य में इंडिया ब्लॉक में चार राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस, झामुमो, राजद और सीपीआई माले को जगह मिली है. इन सबके बीच 7-5-1-1 फॉर्मूले पर सीट शेयरिंग भी हुई है. लेफ्ट की दो अन्य पार्टियां सीपीआई और सीपीएम को झारखंड इंडिया में जगह नहीं मिलने की वजह से कुछ स्थानों पर दोनों दल अपने-अपने प्रत्याशी उतार जरूर रहे हैं, लेकिन इस बार जो स्थितियां बन रही हैं उसमें मुख्य मुकाबला एनडीए और इंडिया के बीच ही होता दिख रहा है. कुछ नेता जैसे लोहरदगा से चमरा लिंडा, राजमहल से लोबिन हेंब्रम अपना कितना प्रभाव छोड़ पाएंगे यह तो चार जून को मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा.
बीजेपी और इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशियों में सीधा मुकाबला
राज्य की राजनीति को नजदीक से देखने और समझने वाले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि टिकट बंटवारे में इंडिया ब्लॉक द्वारा की गई छोटी-मोटी गलतियों को छोड़ दें तो इस बार दोनों पक्षों द्वारा पूरी संजीदगी से अपने-अपने प्रत्याशी उतारे हैं. वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि इस बार चुनावी मुकाबला आमने-सामने का होगा. एक तरफ इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार होंगे तो दूसरे सिरे पर एनडीए ब्लॉक के प्रत्याशी.
जो अपने कोर वोट को एकजुट रख पाएगा उनकी जीत सुनिश्चित होगी
वहीं प्रिंट मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि इस बार भाजपा ने ओबीसी को अपनी ओर करने की पूरी कोशिश की है. उन्होंने कहा कि संभवतः भाजपा के रणनीतिकार अगड़े वोटों पर अपनी स्वभाविक हिस्सेदारी मान कर पिछड़ों को लुभाने के प्रयास किया है और सामान्य सीटों पर ओबीसी को प्राथमिकता दी है. इसका कितना लाभ भाजपा-आजसू को मिलता है इस पर नतीजा निर्भर करेगा.
2019 के लोकसभा चुनाव में 14 में से 12 सीटों पर एनडीए ने दर्ज की थी जीत
2019 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 लोकसभा सीट में से राजमहल और सिंहभूम को छोड़ सभी 12 सीटों पर एनडीए (भाजपा और आजसू) ने जीत दर्ज की थी. वहीं 2019 में राजमहल सीट से झामुमो उम्मीदवार विजय हांसदा और सिंहभूम से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में गीता कोड़ा की जीत हुई थी. इस बार गीता कोड़ा सिंहभूम लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार हैं और झामुमो की जोबा मांझी से उनका सीधा मुकाबला है.
एक नजर राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर किसके-किसके बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना
- राजमहल लोकसभा सीट
विजय हांसदा-झामुमो
ताला मरांडी-भाजपा
लोबिन हेंब्रम-निर्दलीय (घोषणा कर चुके हैं) - दुमका लोकसभा सीट
नलिन सोरेन- झामुमो
सीता सोरेन-भाजपा - गोड्डा लोकसभा सीट
प्रदीप यादव- कांग्रेस
निशिकांत दुबे-भाजपा - गिरिडीह लोकसभा सीट
मथुरा प्रसाद महतो- झामुमो
चंद्र प्रकाश चौधरी-आजसू - कोडरमा लोकसभा सीट
विनोद सिंह-सीपीआई माले
अन्नपूर्णा देवी-भाजपा - धनबाद लोकसभा सीट
अनुपमा सिंह-कांग्रेस
ढुल्लू महतो-भाजपा - हजारीबाग लोकसभा सीट
जेपी पटेल-कांग्रेस
मनीष जायसवाल-भाजपा - रांची लोकसभा सीट
यशस्विनी सहाय- कांग्रेस
संजय सेठ- भाजपा - लोहरदगा लोकसभा सीट
सुखदेव भगत- कांग्रेस
समीर उरांव- भाजपा
चमरा लिंडा -निर्दलीय - चतरा लोकसभा सीट
केएन त्रिपाठी- कांग्रेस
कालीचरण सिंह - भाजपा - पलामू लोकसभा सीट
ममता भुईयां- राजद
वीडी राम- भाजपा - खूंटी लोकसभा सीट
कालीचरण मुंडा- कांग्रेस
अर्जुन मुंडा - भाजपा - सिंहभूम लोकसभा सीट
जोबा मांझी- झामुमो
गीता कोड़ा- भाजपा - जमशेदपुर लोकसभा सीट
समीर मोहंती- झामुमो
बिद्युत बरण महतो- भाजपा
सभी 14 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने किया एनडीए की जीत का दावा
झारखंड भाजपा के नेता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि राज्य में इस बार मुकाबला 2019 से भी बेहतरीन होगा. इस बार एनडीए पूरी तरह से इंडिया का सफाया करेगा. उन्होंने राजमहल और सिंहभूम सीट पर भी भाजपा की जीत का दावा किया है.
इस बार मुद्दा इलेक्टोरल बांड घोटाला, महंगाई और बेरोजगारी काः कांग्रेस
वहीं कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा कहते हैं कि भाजपा सभी सीटें जीतने की मुगालते में है. यह 2019 नहीं, बल्कि 2024 है. पीएम मोदी और भाजपा को अपने 10 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां बतानी होगी. इसके साथ-साथ बेरोजगारी, महंगाई, इलेक्टोरल बांड्स मामले पर जनता के सवालों का जवाब देना होगा. कांग्रेस नेता ने कहा कि 2019 में पुलवामा और बालाकोट की वजह से राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाकर मोदी सत्ता में आ गए थे. इस बार मुद्दा जनता से जुड़ा है.
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