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जींद: दिन कयामत से कम नहीं तो राते गुजर रही बैचेनी में... हार-जीत की कश्मकश में फंसे प्रत्याशी - Candidates deliberate victory Jind

जींद जिले के 77 प्रत्याशी खुद की जीत को लेकर आश्वस्त है, लेकिन हार का भूत भी साये की तरह उनके साथ चल रहा है.

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 2 hours ago

Candidates in Jind deliberate on victory and defeat
कार्यकर्ताओं से मिलते हुए जींद से भाजपा प्रत्याशी डा. कृष्ण मिड्ढा (Etv Bharat)

जींद: जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे 77 उम्मीदवारों का भाग्य शनिवार को ईवीएम में कैद हो चुका है. रविवार को सारे उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ बैठक कर हार-जीत पर मंथन करते नजर आए. आंकड़ों की गोटियां फिट कर जीत को लेकर खुद को दिलासा देते दिखाई दिए. हालांकि, जिस हिसाब से समीकरण बने हुए हैं, उम्मीदवारों के हालात ऐसे हैं कि दिन कयामत में कट रही है तो रात बेचैनी में कट रही है. हार का भूत साफ तौर से उम्मीदवारों के साथ साये की तरह चल रहा है, लेकिन आशंकाओं के बाच समर्थक जीत का दिलासा दिलाकर कुछ बेचैनी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि समर्थकों के दिलासा के बीच जीत और हार की सफेद चादर 8 अक्टूबर को निकल कर सामने आएगी.

ये है जातीय समीकरण: हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार मतदाताओं की चुप्पी और बिगड़ते जातीय चुनावी समीकरण उम्मीदवारों के आकलन में लगातार खलल पैदा कर रही है, लेकिन फिर भी आंकड़ों की गोटियां फिट बैठाकर अपनी जीत को पक्का मान कर खुद के दिल को दिलासा दे रहे हैं. मतदान के बाद पार्टी उम्मीदवारों ने हर बूथ पर खुद से भी सर्वे कराया है. जीत हार का मंथन इसी आंकड़े के आधार पर किए जा रहे हैं. किस पार्टी को कितना सीट मिलेगा और जीत हार का फासला कितना होगा सारे पहलुओं पर बहस की जा रही है.

इसे भी पढ़ें : हरियाणा के महा एग्जिट पोल में कांग्रेस की सत्ता में वापसी, BJP की हो रही जोरदार हार - MAHA EXIT POLL OF HARYANA

सिर्फ दिलासा पर जिंदा: सारी पार्टियों ने उम्मीदवार को मैदान में उतारने से पहले जातीय समीकरणों पर अच्छी तरह से होमवर्क किया था. होमवर्क की कवायद मतगणना तक जारी रहेगी. फिलहाल पार्टी उम्मीदवारों ने मतदान के दौरान अपने पोलिंग एजेंटों के माध्यम से और स्पेशल व्यक्तियों की ड्यूटियां लगाकर मतदाताओं के रुझानों के हिसाब से आंकड़े एकत्रित किए हैं. जातीय समीकरणों को ध्यान में रख कर हर वोट पर नजर रखी गई है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी उम्मीदवारों के अलावा खुफिया एजेंसियों ने भी मतदाताओं के रूझान के संभावित आंकड़े जुटाए हैं, जिसके आधार पर जीत हार की संभावित रिपोर्ट तैयार कर पार्टी आलाकमान के पास भेजी जा रही है.

प्रदेश की दो मुख्य पार्टियों में से एक भाजपा ने चुनाव माइक्रो मैनेजमेंट पर चुनाव लड़ा है. वहीं कांग्रेस भूपेंद्र हुड्डा के नाम पर चुनाव लड़ी है. उचाना, सफीदों और जींद में निर्दलीय की वोट स्थिति हार-जीत का फैसला करेगी. जिले में कुल 72.1 प्रतिशत मतदान हुआ है. मतदान के दौरान ना तो किसी के खिलाफ लहर देखने को मिला और नहीं किसी के खिलाफ विरोधी लहर देखी गई है.

जींद: जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे 77 उम्मीदवारों का भाग्य शनिवार को ईवीएम में कैद हो चुका है. रविवार को सारे उम्मीदवार अपने समर्थकों के साथ बैठक कर हार-जीत पर मंथन करते नजर आए. आंकड़ों की गोटियां फिट कर जीत को लेकर खुद को दिलासा देते दिखाई दिए. हालांकि, जिस हिसाब से समीकरण बने हुए हैं, उम्मीदवारों के हालात ऐसे हैं कि दिन कयामत में कट रही है तो रात बेचैनी में कट रही है. हार का भूत साफ तौर से उम्मीदवारों के साथ साये की तरह चल रहा है, लेकिन आशंकाओं के बाच समर्थक जीत का दिलासा दिलाकर कुछ बेचैनी को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि समर्थकों के दिलासा के बीच जीत और हार की सफेद चादर 8 अक्टूबर को निकल कर सामने आएगी.

ये है जातीय समीकरण: हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार मतदाताओं की चुप्पी और बिगड़ते जातीय चुनावी समीकरण उम्मीदवारों के आकलन में लगातार खलल पैदा कर रही है, लेकिन फिर भी आंकड़ों की गोटियां फिट बैठाकर अपनी जीत को पक्का मान कर खुद के दिल को दिलासा दे रहे हैं. मतदान के बाद पार्टी उम्मीदवारों ने हर बूथ पर खुद से भी सर्वे कराया है. जीत हार का मंथन इसी आंकड़े के आधार पर किए जा रहे हैं. किस पार्टी को कितना सीट मिलेगा और जीत हार का फासला कितना होगा सारे पहलुओं पर बहस की जा रही है.

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सिर्फ दिलासा पर जिंदा: सारी पार्टियों ने उम्मीदवार को मैदान में उतारने से पहले जातीय समीकरणों पर अच्छी तरह से होमवर्क किया था. होमवर्क की कवायद मतगणना तक जारी रहेगी. फिलहाल पार्टी उम्मीदवारों ने मतदान के दौरान अपने पोलिंग एजेंटों के माध्यम से और स्पेशल व्यक्तियों की ड्यूटियां लगाकर मतदाताओं के रुझानों के हिसाब से आंकड़े एकत्रित किए हैं. जातीय समीकरणों को ध्यान में रख कर हर वोट पर नजर रखी गई है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी उम्मीदवारों के अलावा खुफिया एजेंसियों ने भी मतदाताओं के रूझान के संभावित आंकड़े जुटाए हैं, जिसके आधार पर जीत हार की संभावित रिपोर्ट तैयार कर पार्टी आलाकमान के पास भेजी जा रही है.

प्रदेश की दो मुख्य पार्टियों में से एक भाजपा ने चुनाव माइक्रो मैनेजमेंट पर चुनाव लड़ा है. वहीं कांग्रेस भूपेंद्र हुड्डा के नाम पर चुनाव लड़ी है. उचाना, सफीदों और जींद में निर्दलीय की वोट स्थिति हार-जीत का फैसला करेगी. जिले में कुल 72.1 प्रतिशत मतदान हुआ है. मतदान के दौरान ना तो किसी के खिलाफ लहर देखने को मिला और नहीं किसी के खिलाफ विरोधी लहर देखी गई है.

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