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गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण साधने में जुटे पार्टी प्रत्याशी - Lok sabha election 2024

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 7, 2024, 5:27 PM IST

Caste equation for Noida lok sabha: गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी चुनाव प्रचार में उतर गए हैं. विकास के मुद्दों के अलावा प्रत्याशी जातीय समीकरण को साधने में जुटे हैं.

गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी
गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर प्रत्याशी

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर सभी प्रत्याशी अपने-अपने दांव आजमा रहे हैं. जहां कुछ प्रत्याशी विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं वहीं कुछ जातीय समीकरण को साधने में जुटे हुए हैं. हर चुनाव में जातीय समीकरण का एक अलग महत्व है. प्रत्याशी जातीय समीकरण को साधने के हिसाब से ही चुनावी सभाएं कर रहे हैं. चुनावी परिणाम से पता चलेगा कि जनता ने चुनाव में विकास या जाति किसको तवज्जो दिया है.

दरअसल, गौतम बुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में बुनियादी विकास के कई अहम काम हुए हैं. इनमें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर तैयार है तो फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसी अन्य महत्वाकांक्षी योजनाएं विकसित हुई हैं. इसके साथ ही अगर उत्तर प्रदेश में निवेश की बात की जाए तो उसमें भी गौतम बुद्ध नगर अव्वल रहा है. उसके बवजूद विकास के साथ ही यहां जातीय समीकरण का असर दिख रहा है.

ये भी पढ़ें: नोएडा: आचार संहिता के बीच कार में मिली ढाई लाख की नकदी, पुलिस ने हिरासत में लिया

गौतम बुद्ध नगर लोक सभा सीट पर पिछले दो बार से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है. इसके अंतर्गत पांच विधानसभा आती है, जिनमें नोएडा, दादरी, जेवर, खुर्जा और सिकंदराबाद शामिल हैं. अगर विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो इन सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा है. भाजपा ने दो बार से सांसद रहे डॉक्टर महेश शर्मा को तीसरी बार प्रत्याशी के रूप में उतारा है. वहीं समाजवादी और इंडिया गठबंधन ने डॉक्टर महेंद्र नागर को प्रत्याशी बनाया है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने राजेंद्र सोलंकी को टिकट दिया है.

यहां पांचों विधानसभाओं के मुद्दे भी अलग-अलग हैं. जहां नोएडा और ग्रेटर नोएडा विधानसभा में शहरी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है वहीं जेवर, सिकंदराबाद और खुर्जा विधानसभा में ग्रामीण मतदाता अधिक हैं. ग्रामीणों और शहरी मतदाताओं के मुद्दे अलग-अलग हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों का मुख्य मुद्दा जमीन अधिग्रहण व विकास है. शहरी मतदाताओं के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा सहित यमुना प्राधिकरण के साथ-साथ बिल्डर्स से घरों के पजेशन व रजिस्ट्री का मुद्दा सबसे अहम है. यहां सभी प्रत्याशी जातीय समीकरण को साधने के हिसाब से अलग-अलग सभाएं कर रहे हैं. इस सीट पर 26 अप्रैल को मतदान और 4 जून को मतगणना होगी.

ये भी पढ़ें: ग्रेटर नोएडा: लोकसभा चुनाव में काले धन को लेकर आयकर और प्रशासन की टीम अलर्ट पर, चला रही सघन चेकिंग अभियान

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट पर सभी प्रत्याशी अपने-अपने दांव आजमा रहे हैं. जहां कुछ प्रत्याशी विकास के नाम पर वोट मांग रहे हैं वहीं कुछ जातीय समीकरण को साधने में जुटे हुए हैं. हर चुनाव में जातीय समीकरण का एक अलग महत्व है. प्रत्याशी जातीय समीकरण को साधने के हिसाब से ही चुनावी सभाएं कर रहे हैं. चुनावी परिणाम से पता चलेगा कि जनता ने चुनाव में विकास या जाति किसको तवज्जो दिया है.

दरअसल, गौतम बुद्ध नगर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में बुनियादी विकास के कई अहम काम हुए हैं. इनमें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर तैयार है तो फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसी अन्य महत्वाकांक्षी योजनाएं विकसित हुई हैं. इसके साथ ही अगर उत्तर प्रदेश में निवेश की बात की जाए तो उसमें भी गौतम बुद्ध नगर अव्वल रहा है. उसके बवजूद विकास के साथ ही यहां जातीय समीकरण का असर दिख रहा है.

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गौतम बुद्ध नगर लोक सभा सीट पर पिछले दो बार से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है. इसके अंतर्गत पांच विधानसभा आती है, जिनमें नोएडा, दादरी, जेवर, खुर्जा और सिकंदराबाद शामिल हैं. अगर विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो इन सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का दबदबा है. भाजपा ने दो बार से सांसद रहे डॉक्टर महेश शर्मा को तीसरी बार प्रत्याशी के रूप में उतारा है. वहीं समाजवादी और इंडिया गठबंधन ने डॉक्टर महेंद्र नागर को प्रत्याशी बनाया है जबकि बहुजन समाज पार्टी ने राजेंद्र सोलंकी को टिकट दिया है.

यहां पांचों विधानसभाओं के मुद्दे भी अलग-अलग हैं. जहां नोएडा और ग्रेटर नोएडा विधानसभा में शहरी मतदाताओं की संख्या ज्यादा है वहीं जेवर, सिकंदराबाद और खुर्जा विधानसभा में ग्रामीण मतदाता अधिक हैं. ग्रामीणों और शहरी मतदाताओं के मुद्दे अलग-अलग हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों का मुख्य मुद्दा जमीन अधिग्रहण व विकास है. शहरी मतदाताओं के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा सहित यमुना प्राधिकरण के साथ-साथ बिल्डर्स से घरों के पजेशन व रजिस्ट्री का मुद्दा सबसे अहम है. यहां सभी प्रत्याशी जातीय समीकरण को साधने के हिसाब से अलग-अलग सभाएं कर रहे हैं. इस सीट पर 26 अप्रैल को मतदान और 4 जून को मतगणना होगी.

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