पटना: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से आक्रोशित रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल मंगलवार को नौवें दिन भी जारी रहा. घटना से आक्रोशित चिकित्सक बीते 7 दिनों से कार्य बहिष्कार पर हैं. अस्पतालों से प्रतिदिन सैकड़ो की संख्या में डायलिसिस के लिए आए मरीज लौट रहे हैं. कैंसर पेशेंट को भी कीमो नहीं मिल रहा है.
700 से अधिक डायलिसिस पेशेंट लौटे: डॉक्टर की स्ट्राइक की वजह से गंभीर बीमारी के मरीजों को भी इलाज नहीं मिल रहा है और मरीज बीतते दिन के साथ मौत के करीब जा रहे हैं. किडनी के गंभीर रोग से पीड़ित 100 से अधिक मरीजों को डायलिसिस की सुविधा नहीं मिल पा रही है. बीते एक सप्ताह में 700 से अधिक किडनी पेशेंट को डायलिसिस नहीं मिली है. आईजीआईएमएस में प्रतिदिन 15 से 16 डायलिसिस, पीएमसीएच में प्रतिदिन 18 से 20 डायलिसिस होते हैं.
1600 से अधिक मरीजों का नहीं हुआ कीमो: इन सबके अलावा कैंसर की गंभीर स्टेज में पहुंचे मरीजों को भी कीमो नहीं मिल पा रहा है. आईजीआईएमएस स्थित स्टेट कैंसर सेंटर में महीने में 33000 से अधिक कीमो होते हैं और प्रतिदिन 125 से अधिक मरीज को कीमोथेरेपी दी जाती है. लेकिन डॉक्टर की हड़ताल से यह बंद है. इसके अलावा पीएमसीएच और एम्स को मिलाकर प्रतिदिन 100 से अधिक मरीज की कीमोथेरेपी होती हैं. ऐसे में बीते 7 दिनों में डॉक्टर के हड़ताल के वजह से 1600 से अधिक कैंसर मरीजों को कीमोथेरेपी नहीं मिली है.
"डॉक्टर के हड़ताल की वजह से उनकी मां को कीमोथेरेपी नहीं मिल रही है. स्थिति गंभीर हो रही है, वह हताश और लाचार महसूस कर रहे हैं."- प्रकाश कुमार, सीतामढ़ी.
परिजन है हताश: वैशाली से डायलिसिस के लिए आईजीआईएमएस में पहुंचे अभिषेक ने बताया कि यहां हड्डी के ट्रीटमेंट में पहुंचे थे और उनकी किडनी खराब हो गई. अब उनका डायलिसिस चल रहा है और अस्पताल में एक डायलिसिस हुआ है और दूसरे डायलिसिस के लिए वह बीते चार दिन से परेशान हैं. यहां बताया जा रहा है डॉक्टर हड़ताल पर है तो डायलिसिस नहीं होगा.
क्या है मामला? कोलकता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप की घटना के बाद उसकी हत्या कर दी गयी. इस घटना से पूरे देश के डॉक्टरों में आक्रोश हैं. पिछले सात दिनों से पूरे देश के साथ साथ बिहार में हड़ताल जारी है. इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.
ये भी पढ़ें