हैदराबाद: मानसून का सीजन चल रहा है. इस मौसम में सांप का दिखना आम बात है. इस सीजन में वन विभाग के अधिकारियों की भी चिंता बढ़ी हुई रहती है. बरसात के मौसम में हर हफ्ते औसतन 2 से 3 सांपो के काटने के मामले सामने आते हैं.
उत्तर प्रदेश के एक युवक विकास दुबे ने जब दावा किया कि उसे सात बार सांप ने काटा है और सांप उसे नौ बार काटना चाहता है तो लोगों के कान खड़े हो गए. लोग ये भी बातें करने लगे कि सांप अपना बदला लेना चाहता है. लेकिन क्या वाकई में सांप बदला ले सकता है. हम आगे आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे.
सांप काटने से हर साल जाती है सैकड़ों लोगों की जान
सांप का जहरीला होना इंसानों और जानवरों के लिए खतरनाक है. शायद यही कारण है कि अक्सर जहरीले सांप वन विभाग की चिंता का सबब बने रहते हैं. इसे लेकर चिंता वाजिब भी है. पीटीआर के स्केन एक्सपर्ट मनीष बख्शी कहते हैं कि मानसून सीजन में हर हफ्ते 2 से 3 लोग सांप से काटने की शिकायत करते हैं. इनमें से अधिकतर की मौत हो जाती है क्योंकि वे समय पर अपना इलाज नहीं करवा पाते हैं.
यूपी के विकास के दावे में कितना सच, क्या कहते हैं एक्सपर्ट
यूपी के फतेहपुर के रहने वाले विकास का कहना है कि उसे उसके घर में चार बार सांप ने काटा है. इसके बाद वह अपनी मौसी के घर चले गए जो उनके घर से करीब 12 से 14 किलोमीटर दूर है, लेकिन सांप ने उन्हे वहां भी नही बख्शा. पीटीआर में स्नेक एक्सपर्ट मनीष बख्शी कहते हैं कि सांपों की देखने की क्षमता बेहद कम होती है. इसलिए वह उसे देखकर पहचान गया हो इसकी संभावना नहीं है.
क्या संभव है कि एक ही सांप बार-बार काटे
एक्सपर्ट ने ये तो साफ कर दिया कि सांप देख नहीं सकते. हालांकि उन्होंने कहा कि सांपों की जीभ एक तरह के सेंसर की तरह काम करता है, जो सांपों को देखने में मदद करता है. वहीं सांप हीट और गंध से भी अपने शिकार को पहचान लेेता है. मनीष कहते हैं कि कई बार ऐसा होता है कि घर में सांप आने पर लोग लाठी से उसे मारते हैं. ऐसे में उस सांप का गंध लाठी में चला जाता है और जिसे सूंघ कर मादा या फिर नर सांप आ सकता है. हालांकि उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि किसी व्यक्ति को पहचानने की क्षमता सांप में नहीं होती है. उन्होंने ये भी बताया कि सांप एक इलाके में ही अपना घर (बिल) बनाता है और वह उसे छोड़कर बहुत दूर तक नहीं जाता. ऐसे में 10 या 12 किलोमीटर दूर जाकर किसी को काटना यह संभव नहीं है.
झारखंड में कितने तरह के होते हैं सांप और कौन होते हैं जहरीले
मनीष बताते हैं कि झारखंड में करीब 20 से 25 तरह के सांप पाए जाते हैं उनमें से सिर्फ 4 से 5 सांप ही ऐसे हैं जो जहरीले होते हैं. इनमें कोबरा यानी गेहुअन, रसेल वाइपर, करैत और ब्लैकबेलीड. इन सांपों के काटने के बाद अगर तुरंत इलाज नहीं मिला तो व्यक्ति की जान जा सकती है.
सांप काटने पर क्या करें
पीटीआर में स्नेक एक्सपर्ट मनीष बख्शी कहते हैं, जिस व्यक्ति को सांप ने डंसा है उसे पहले तो घबराना नहीं चाहिए. घबराहट में दिल तेजी से धड़कता है और रक्त प्रवाह तेज हो जाता है. ऐसे में जहर शरीर में तेजी से फैल जाता है और व्यक्ति की मौत हो जाती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि सांप काटने पर कोशिश करनी चाहिए कि एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंच जाए. क्योंकि पहला एक घंटा गोल्डन आवर होता है और अगर इस दौरान एंटी वेनोम इंजेक्शन मिल जाए तो जान बच जाती है.
मनीष कहते हैं कि सांप ने जहां काटा हो पहले तो उसे पानी और साबुन से अच्छे से धो लेना चाहिए और फिर उसके ऊपर साफ कपड़ा बांध देना चाहिए, लेकिन इतनी जोर से नहीं बांधना चाहिए कि वहां खून का प्रवाह पूरी तरह से बाधित हो जाए, ध्यान रहे कि इस बंधन को सिर्फ डॉक्टर ही खोले क्योंकि तब रक्त का प्रवाह तेजी से शरीर में फैलेगा.
एक्सपर्ट कहते हैं कि सांप काटने के बाद लोग तुरंत परेशान हो जाते हैं. ऐसे में व्यक्ति को मनोवैज्ञानिक रूप से आत्मबल बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए. विष निकालने के लिए मुंह नहीं लगाना चाहिए. इससे जान का खतरा हो सकता है. मरीज को जल्द से जल्द अस्पताल लेकर पहुंचे और एंटी-वेनोम इंजेक्शन लगवाएं. सांप काटने के बाद मरीज को बचाने का यही एकमात्र उपाय है.
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