जमुईः बिहार के जमुई लोकसभा क्षेत्र में प्रथम चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा. मतदाता अपने पसंद के उम्मीदवार का भाग्य चमकाने में जुटे हुए हैं. जमुई में एनडीए प्रत्याशी अरुण कुमार भारती और महागठबंधन प्रत्याशी अर्चना रविदास में कांटे की टक्कर है. शुक्रवार को प्रत्याशी दोनों के भाग्य का फैसला करेगी. 4 जून को रिजल्ट आने के बाद फैसला हो जाएगा कि जमुई का 9वां सांसद कौन बनेगा?
17 लाख वोटर करेंगे भाग्य का फैसलाः जमुई लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा जमुई , झाझा , सिकंदरा और चकाई शामिल है. इसके अलावा शेखपुरा जिले के शेखपुरा विधानसभा क्षेत्र और मुगेंर जिले के तारापुर विधानसभा क्षेत्र भी जमुई लोकसभा के अंदर आता है. इन सभी विधानसभाओं में 19 अप्रैल को मतदान होना है. इसकी तैयारी जोरों पर चल रही है. जमुई लोकसभा अंतर्गत कुल मतदाता की संख्या 17,25,000 है. पुरुष वोटर 9,14,000 महिला वोटर 8,10,750 हैं.
कौन बनेगा 9वां सांसदः आजादी के बाद से अबतक आठ पुरुष जन प्रतिनिधि मिले हैं. 2024 में नौवां सांसद मिलने जा रहा है. समीकरण की बात करें तो अंतर्गत 6 विधानसभा में चार पर एनडीए, एक पर राजद और एक पर निर्दलीय विधायक हैं. जमुई लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है लेकिन यहां यादव और मुस्लिम मतदाता की संख्या काफी है.
जमुई में जातीय समीकरणः इस सीट पर अधिक यादव जाति के मतदाता, 3.5 लाख यादव और 2.5 लाख मुस्लिम वोटर, दलित और महादलित की आबादी लगभग 2.5 लाख तो सवर्णों की संख्या 2 लाख, वहीं पिछड़ी जातियां 4 लाख के करीब है. जातीय फैक्टर उम्मीदवार की हार जीत में बड़ी भुमिका निभाते हैं. 2019 लोकसभा में लोजपा को 55.76 प्रतिशत RLSP को 30.34 प्रतिशत अन्य को 9.74 और नोटा को 4.16 प्रतिशत वोट मिला था.
एनडीए VS इंडियाः इसबार जमुई लोकसभा में वैसे तो कुल सात प्रत्यासी मैदान में हैं लेकिन मुख्य मुकाबला NDA के लोजपा रामविलास प्रत्याशी अरुण भारती और I.N.D.I.A गठबंधन के राजद प्रत्यासी अर्चना कुमारी दास के बीच है. दोनों प्रत्याशी आमने सामने हैं और अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. दोनों प्रत्याशियों के पक्ष में बड़े बड़े नेता चुनावी रैली कर चुके हैं.
अरुण भारती की ताकतः अरुण भारती के पक्ष में पीएम नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, नीतीश कुमार, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सहित डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय सिन्हा, उपेंद्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी, संतोष सुमन, बिहार सरकार के कई मंत्री, NDA गठबंधन के कई विधायक एमएलसी, पूर्व एमएलसी और खुद लोजपा(R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह हाजीपुर उम्मीदवार चिराग पासवान रैली कर चुके हैं.
एनडीए का मुद्दाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कमोबेश सभी नेताओं के भाषण में मोदी की गारंटी, 5 किलो अनाज, आयुष्मान कार्ड, उज्ज्वला योजना, पक्का मकान, हर घर नल का जल आदि मुद्दा को जनता के सामने रखा गया है.
"एनडीए के घटक दलों के कई नेता हमारे समर्थन में की रैली किऐ हैं. धरातल पर किऐ गए काम को हमलोगों ने बताने का काम किया. महागठबंधन के एक भी बड़े नेता नहीं आ पाए. अकेले तेजस्वी यादव एक नहीं ग्यारह से अधिक सभाएं-रैली कर चुके है. संदेश साफ है विपक्षी गठबंधन के शिर्ष नेता जंगलराज के साथ नहीं आना चाहते हैं. हार का डर विपक्षी को सता रही है. पूरा विश्वास है कि जनता चिराग पासवान की जीत से भी अधिक मतों से मुझे जिताने जा रही है." -अरुण भारती, एनडीए प्रत्याशी
अर्चना रविदास की ताकतः अर्चना भारती के पक्ष में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के साथ लगातार आधा दर्जन से अधिक बार जमुई लोकसभा क्षेत्र में चुनावी जनसभा रैली और रोड शो कर चुके हैं. साथ ही राजद के राज्यसभा सांसद मनोझ जा, अब्दुल बारी सिद्दीकी, पूर्व विधायक अजय प्रताप, सतीश सुमन कई अन्य भी चुनावी जनसभा रैली रोड शो में शिरकत कर चुके हैं और जन संपर्क अभियान चलाए हैं.
इंडिया का मुद्दाः तेजस्वी यादव के भाषण में 17 साल बनाम 17 महीनें के काम, नौकरी, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि मुद्दों पर बात की गई. सरकार बनने पर 1 करोड़ नौकरी, महिलाओं को 1 लाख रुपए, स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार इन्हीं मुद्दों पर बातें की जा रही थी.
"जनता मन बना चुकी है. कह रही है हमारे घर की बेटी है चुनाव लड़ रही है. दलगत भावना से उपर उठकर हर समाज के लोग मिल रहे हैं. इस बार का चुनाव हमारी घर की बहन-बेटी जीतेगी. हमारे नेता जो वादा कर रहे हैं नौकरी रोजगार अन्य मुद्दों को लेकर उसको पूरा करने में भागीदारी निभाउंगी." -अर्चना रविदास, इंडिया प्रत्याशी
क्या कहते हैं विशेषज्ञ? राजनीतिक विशेषज्ञ इसे अलग नजरिए से देख रहे हैं. डॉ. निरंजन सिंह बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो अपनी गारंटी, राम मंदिर, धारा 370 और खासकर 5 किलो अनाज जनता को कनेक्ट कर रहे हैं दीसरी तरफ विपक्षी पार्टियों के द्वारा जुमलेबाज का आरोप लगाया जा रहा है, लेकिन जनता सबकुछ देख समझ रही है. कांटे की टक्कर होगी और जनता 4 जून को निर्णायक फैसला देने जा रही है.