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लोकसभा चुनाव 2024: केजरीवाल की गिरफ्तारी से आम आदमी पार्टी में प्रचार का संकट! मंथन जारी - Campaign crisis in aam aadmi party

Campaign crisis in Aam Aadmi party: दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब आम आदमी पार्टी के सामने लोकसभा चुनाव 2024 में चुनाव प्रचार को लेकर संकट खड़ा हो गया है. फिलहाल अंदरखाने में मंथन जारी है, लेकिन पार्टी को स्टार प्रचारकों की कमी आगामी चुनाव में खल सकती है, क्योंकि चुनाव प्रचार में बड़े चेहरे ही लोगों को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Campaign crisis in aam aadmi party
Campaign crisis in aam aadmi party
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Mar 24, 2024, 12:01 PM IST

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तमाम राजनीतिक दलों द्वारा मैदान में उतारे गए प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. वहीं बाकी सीटों के लिए राजनीतिक दल प्रत्याशियों के नाम पर मंथन कर रहे हैं. चुनाव की तैयारियों की बीच दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार को प्रभावित कर दिया है.

केजरीवाल और भगवंत मान करते थे प्रचार: दिल्ली शराब घोटाला मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा पहला समन नवंबर में भेजा गया था. तब से उन्हें एक के बाद एक 9 समन भेजे गए, जिसे आम आदमी पार्टी ने गैरकानूनी और अवैध बताया. गुरुवार को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के बाद अब लोकसभा चुनाव प्रचार की बड़ी जिम्मेदारी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आ गई है. इससे पहले केजरीवाल उनके साथ ही चुनाव प्रचार करते थे. आलम यह है कि चुनाव प्रचार को लेकर सबकी नजरें उन्हीं पर टिकी हुई हैं. पार्टी के बड़े नेता अब तक केजरीवाल के नेतृत्व में ही में चुनावी रणनीति तैयार कर रहे थे.

पार्टी नेताओं ने चुनाव आयोग से समय मांगा: केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब पार्टी के तमाम नेता इस मंथन में जुटे हुए हैं कि दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लिए जो लोकसभा प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं, उनका चुनाव प्रचार किस तरह हो. शनिवार को आम आदमी पार्टी नेता आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने भी इसपर चिंता जताई. उन्होंने आम आदमी पार्टी के कार्यालय के इर्द-गिर्द कड़े सुरक्षा इंतजाम को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई है और चुनाव आयोग मिलने का समय मांगा है.

इन राज्यों में चुनाव लड़ रही है आप: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, गुजरात, हरियाणा और असम में अपने प्रत्याशी उतारे हैं. आने वाले दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान, यहां ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार करने वाले थे, लेकिन अब जब केजरीवाल ईडी की हिरासत में है तो भगवंत मान ही वह चेहरा है जो चुनाव प्रचार के लिए जा सकते हैं. अगर अदालत द्वारा अरविंद केजरीवाल को फौरी राहत नहीं मिलती है तो वह चुनाव प्रचार से दूर ही रहेंगे. उनकी गैरमौजूदगी में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक चुनावी रणनीतिकार है और उनका प्रचार अभियान तैयार करने में बड़ा रोल रहेगा.

एक मंच पर आ सकते हैं आप और कांग्रेस नेता: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ अजय पांडे का कहना है कि दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन है. आम आदमी पार्टी ने अपने चार प्रत्याशी उतार दिए हैं. तो वहीं कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम तय होना बाकी है. ऐसे में संभावना है कि दिल्ली में सातों लोकसभा सीट के लिए आम आदमी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस के भी बड़े नेता चुनाव प्रचार में उतरेंगे. वे एक मंच से ही चुनाव प्रचार कर सकते हैं. वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ेगी. वहीं पंजाब में चुनाव प्रचार की मुख्य भूमिका मुख्यमंत्री भगवंत मान पर ही होगी.

यह भी पढ़ें-ED की कस्टडी से अरविंद केजरीवाल ने पहला आदेश किया जारी, जल मंत्री आतिशी ने बताई पूरी बात

संकट की स्थिति: बता दें आम आदमी पार्टी के गठन होने के बाद से जो पुराने नेता प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, कुमार विश्वास, आनंद कुमार के पार्टी से दूर होने के बाद अरविंद केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोसिया और संजय सिंह की ही चुनाव प्रचार में बड़ी भूमिका रहती थी. अब केजरीवाल के अलावा पार्टी के यह दो बड़े नेता तिहाड़ जेल में हैं. ऐसे में चुनाव की जिम्मेदारी और चेहरे को लेकर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

यह भी पढ़ें-रिमांड के आदेश खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे केजरीवाल, तत्काल सुनवाई की मांग खारिज

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तमाम राजनीतिक दलों द्वारा मैदान में उतारे गए प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. वहीं बाकी सीटों के लिए राजनीतिक दल प्रत्याशियों के नाम पर मंथन कर रहे हैं. चुनाव की तैयारियों की बीच दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी द्वारा सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी ने आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार को प्रभावित कर दिया है.

केजरीवाल और भगवंत मान करते थे प्रचार: दिल्ली शराब घोटाला मामले को लेकर अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा पहला समन नवंबर में भेजा गया था. तब से उन्हें एक के बाद एक 9 समन भेजे गए, जिसे आम आदमी पार्टी ने गैरकानूनी और अवैध बताया. गुरुवार को अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किए जाने के बाद अब लोकसभा चुनाव प्रचार की बड़ी जिम्मेदारी पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर आ गई है. इससे पहले केजरीवाल उनके साथ ही चुनाव प्रचार करते थे. आलम यह है कि चुनाव प्रचार को लेकर सबकी नजरें उन्हीं पर टिकी हुई हैं. पार्टी के बड़े नेता अब तक केजरीवाल के नेतृत्व में ही में चुनावी रणनीति तैयार कर रहे थे.

पार्टी नेताओं ने चुनाव आयोग से समय मांगा: केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद अब पार्टी के तमाम नेता इस मंथन में जुटे हुए हैं कि दिल्ली समेत अन्य राज्यों के लिए जो लोकसभा प्रत्याशी मैदान में उतारे गए हैं, उनका चुनाव प्रचार किस तरह हो. शनिवार को आम आदमी पार्टी नेता आतिशी और सौरभ भारद्वाज ने भी इसपर चिंता जताई. उन्होंने आम आदमी पार्टी के कार्यालय के इर्द-गिर्द कड़े सुरक्षा इंतजाम को लेकर भी आपत्ति दर्ज कराई है और चुनाव आयोग मिलने का समय मांगा है.

इन राज्यों में चुनाव लड़ रही है आप: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, गुजरात, हरियाणा और असम में अपने प्रत्याशी उतारे हैं. आने वाले दिनों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान, यहां ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार करने वाले थे, लेकिन अब जब केजरीवाल ईडी की हिरासत में है तो भगवंत मान ही वह चेहरा है जो चुनाव प्रचार के लिए जा सकते हैं. अगर अदालत द्वारा अरविंद केजरीवाल को फौरी राहत नहीं मिलती है तो वह चुनाव प्रचार से दूर ही रहेंगे. उनकी गैरमौजूदगी में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक चुनावी रणनीतिकार है और उनका प्रचार अभियान तैयार करने में बड़ा रोल रहेगा.

एक मंच पर आ सकते हैं आप और कांग्रेस नेता: वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विशेषज्ञ अजय पांडे का कहना है कि दिल्ली की सात लोकसभा सीटों के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन है. आम आदमी पार्टी ने अपने चार प्रत्याशी उतार दिए हैं. तो वहीं कांग्रेस के प्रत्याशियों के नाम तय होना बाकी है. ऐसे में संभावना है कि दिल्ली में सातों लोकसभा सीट के लिए आम आदमी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस के भी बड़े नेता चुनाव प्रचार में उतरेंगे. वे एक मंच से ही चुनाव प्रचार कर सकते हैं. वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ेगी. वहीं पंजाब में चुनाव प्रचार की मुख्य भूमिका मुख्यमंत्री भगवंत मान पर ही होगी.

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संकट की स्थिति: बता दें आम आदमी पार्टी के गठन होने के बाद से जो पुराने नेता प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, कुमार विश्वास, आनंद कुमार के पार्टी से दूर होने के बाद अरविंद केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोसिया और संजय सिंह की ही चुनाव प्रचार में बड़ी भूमिका रहती थी. अब केजरीवाल के अलावा पार्टी के यह दो बड़े नेता तिहाड़ जेल में हैं. ऐसे में चुनाव की जिम्मेदारी और चेहरे को लेकर संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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