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अब महिलाओं का भी मछली पालने पर मिलेगा अनुदान, मत्स्य विभाग ने शुरू की योजना - UP GOVERNMENT SCHEEME

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 10:09 PM IST

योगी सरकार में मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद ने महिलाओं को लिए योजना की घोषणा की है. जिसके तहत अब महिला मछली पालकों को भी अनुदान मिलेगा.

मंत्री संजय निषाद.
मंत्री संजय निषाद. (Etv Bharat)

लखनऊ: आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए मत्स्य विभाग ने पहली बार महिला मत्स्य पालकों को अनुदान देने की योजना शुरू की है. मत्स्यपालकों को आकर्षित करने के लिए ऑक्सीजन प्लांट के जरिए मछली उत्पादन में बढ़ोतरी और तालाबों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जाएगा. मत्स्य उत्पादन के स्तर में इजाफा और उपभोक्ताओं को ताजी मछलियां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से योजना धरातल पर उतारी गई है. मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय निषाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस योजना की जानकारी दी है.



कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि खेती किसानी के साथ-साथ मत्स्य पालन और जलीय कृषि एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है. इसके तहत तालाबों के ताजे जल संसाधनों के स्थाई संचयन की बड़ी संभावना है. मौजूदा समय में मत्स्य विभाग तालाबों और टैंकों में कुल उपलब्ध जल से सिर्फ 4.96 लाख हेक्टेयर का उपयोग कर रहा है. प्रदेश में मछली उत्पादन साल 2018-19 में 6.62 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर साल 2022-23 में 9.5 लाख मीट्रिक टन हो गया है. मछली उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 7.5 फीसद है.

मत्स्य विकास मंत्री डॉ संजय निषाद ने कहा कि महिला मत्स्य उत्पादकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहली बार अनुदान की योजना लागू की जा रही है. इससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा. हमें उम्मीद है कि बड़ी संख्या में महिलाएं भी मछलियों का उत्पादन करने के लिए आगे आएंगी.

लखनऊ: आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए मत्स्य विभाग ने पहली बार महिला मत्स्य पालकों को अनुदान देने की योजना शुरू की है. मत्स्यपालकों को आकर्षित करने के लिए ऑक्सीजन प्लांट के जरिए मछली उत्पादन में बढ़ोतरी और तालाबों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जाएगा. मत्स्य उत्पादन के स्तर में इजाफा और उपभोक्ताओं को ताजी मछलियां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से योजना धरातल पर उतारी गई है. मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार में मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय निषाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस योजना की जानकारी दी है.



कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद ने कहा कि खेती किसानी के साथ-साथ मत्स्य पालन और जलीय कृषि एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है. इसके तहत तालाबों के ताजे जल संसाधनों के स्थाई संचयन की बड़ी संभावना है. मौजूदा समय में मत्स्य विभाग तालाबों और टैंकों में कुल उपलब्ध जल से सिर्फ 4.96 लाख हेक्टेयर का उपयोग कर रहा है. प्रदेश में मछली उत्पादन साल 2018-19 में 6.62 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर साल 2022-23 में 9.5 लाख मीट्रिक टन हो गया है. मछली उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 7.5 फीसद है.

मत्स्य विकास मंत्री डॉ संजय निषाद ने कहा कि महिला मत्स्य उत्पादकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पहली बार अनुदान की योजना लागू की जा रही है. इससे उन्हें काफी लाभ मिलेगा. हमें उम्मीद है कि बड़ी संख्या में महिलाएं भी मछलियों का उत्पादन करने के लिए आगे आएंगी.

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