शिमला: हिमाचल में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सरकार गिराने की बयानबाजी को लेकर सियासी घमासान मचा है. भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन हाल ही में कभी भी कांग्रेस सरकार को गिराने को लेकर बयान दिया था. जिस पर सुक्खू सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने भाजपा सांसद को नसीहत दी है. कैबिनेट मंत्री धर्माणी ने कहा, "झूठे प्रचार से अखबारों की सुर्खियों में तो आया जा सकता है, लेकिन इससे हिमाचल का कुछ भला नहीं होने वाला है. हिमाचल की जनता बहुत समझदार है, वह जानती है कि हिमाचल के लोगों के लिए कौन काम कर रहा है."
कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा, "सांसद हर्ष महाजन को ऑपरेशन लोटस को छोड़कर दिल्ली में हिमाचल के हितों को लेकर पैरवी करनी चाहिए. हर्ष महाजन कांग्रेस के लीडर रहे हैं. आज उनकी जनता के बीच में जो पहचान बनी है, वह कांग्रेस की वजह से है. हर्ष महाजन भाजपा में नए-नए गए हैं. इसलिए बीजेपी की लीडरशिप को इंप्रेस करने के लिए वे इस तरह की बयानबाजी करते हैं. कांग्रेस के हर्ष महाजन पर बहुत एहसान है. इसलिए उनको इस तरह की बयानबाजी से परहेज करना चाहिए".
"मुख्यमंत्री कांग्रेस का एसेट": तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा, "हर्ष महाजन कांग्रेस पार्टी ने मुकाम तक पहुंचाया है. जिसे उन्हें भूलना नहीं चाहिए. मुख्यमंत्री कांग्रेस के लिए एसेट है. यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा के सभी तरह के हथकंडों के बावजूद हिमाचल में ऑपरेशन लोटस फेल हुआ है. यहां तक जनता ने बीजेपी की लोकतंत्र विरोधी अप्रोच को नकार दिया है".
राजेश धर्माणी ने कहा, "उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ वोट डालकर 9 में से 6 सीटें कांग्रेस की झोली में डाली. जिससे कांग्रेस के विधायकों की संख्या फिर से 40 तक पहुंच गई. राजेश हम हर्ष महाजन को कहना चाहते हैं कि जो आपके नई पार्टी में संपर्क बने हैं और आपको यहां से सांसद चुनकर हिमाचल की पैरवी करने के लिए दिल्ली भेजा गया है. हम स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा सहित सभी सांसदों से उम्मीद करते हैं कि वे दिल्ली में प्रदेश के हितों की बात करें न कि हिमाचल को बदनाम करने के लिए बाहर जाकर झूठा प्रचार करें".
बता दें कि हर्ष महाजन ने बयान दिया था कि वे चाहें, तो आज ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार को गिरा सकते हैं. उन्होंने कांग्रेस सरकार के स्थिरता पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए थे. महाजन ने दावा किया है कि सभी छह मुख्य संसदीय सचिवों की विधानसभा की सदस्यता भी रद्द की जा सकती है. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और चुनाव आयोग के पास यह संवैधानिक शक्ति है. राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा था कि उनके साथ कांग्रेस के अलग-अलग ग्रुप टच में हैं. जिससे अब उनके पास अब पिक एंड चूज का भी विकल्प है.
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