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उत्तराखंड में एप्पल मिशन से जुड़ेंगे काश्तकार, जम्मू-कश्मीर व हिमाचल की तर्ज पर बगीचे होंगे विकसित - Uttarakhand apple production - UTTARAKHAND APPLE PRODUCTION

Uttarakhand Horticulture Department, Uttarakhand Apple Production उत्तराखंड में सरकार काश्तकारों को पारंपरिक खेती के साथ ही सेब उत्पादन से भी जोड़ने की कवायद में लगी है. जिससे काश्तकारों आत्मनिर्भर हो सकें. वहीं एप्पल मिशन के तहत काश्तकारों को सेब की खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 21, 2024, 7:20 PM IST

Updated : Apr 21, 2024, 8:13 PM IST

पौड़ी: उत्तराखंड में सेब उत्पादन की अपार संभावनाए हैं. राज्य सरकार इन संभावनाओं को हकीकत में बदलने में जुटी है. इसके लिये सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें सेब उत्पादन को बढ़ावा देना भी शामिल है. सहकारिता विभाग के अंतर्गत एप्पल मिशन के तहत काश्तकारों को सेब की खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है.

Uttarakhand Horticulture Department
उत्तराखंड में सेब उत्पादन बढ़ाने के प्रयास

इस मिशन के तहत प्रदेशभर के सेब काश्तकारों को जोड़ा जा रहा है, ताकि जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल की तर्ज पर सेब के बगीचे विकसित कर उत्तराखंड को सेब उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाया जा सके. यह बात प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने पौड़ी गढ़वाल के चोपड़ा (नौगांव) में कलासन फार्म में आयोजित सेमिनार में कही. उन्होंने कहा कि राज्य की जलवायु सेब उत्पादन के लिये काफी मुफीद है. ऐसे में यहां सेब उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है. सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है और काश्तकारों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ काश्तकार उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सेब की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सहकारिता विभाग की कृषि ऋण योजना के अंतर्गत एक हजार सेब के बगीचे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए प्रदेशभर में सेब के 17 कलस्टर तैयार किये गये हैं. उन्होंने बताया कि एप्पल मिशत के तहत अधिक से अधिक संख्या में सेब काश्तकारों को जोड़ा जायेगा, ताकि जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश की भांति प्रदेश में सेब के बगीचे विकसित किये जा सके.

धन सिंह रावत ने सेब उत्पादन में विशेष पहचान बनाने के लिये सेब की गुणवत्ता व पैकिंग पर ध्यान देने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को उन्नत किस्म की प्रजातियों व वायरस फ्री पौधे लगाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है.सेमीनार में दूरभाष के माध्यम से जुड़कर पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष व आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखंड के पास जड़ी-बूटियों से लेकर उद्यान के क्षेत्र में काफी सम्भावनाएं हैं. इसके लिये ठोस कार्य योजना विकसित की जाना चाहिए और काश्तकारों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना चाहिए.

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पौड़ी: उत्तराखंड में सेब उत्पादन की अपार संभावनाए हैं. राज्य सरकार इन संभावनाओं को हकीकत में बदलने में जुटी है. इसके लिये सरकार की ओर से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें सेब उत्पादन को बढ़ावा देना भी शामिल है. सहकारिता विभाग के अंतर्गत एप्पल मिशन के तहत काश्तकारों को सेब की खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है.

Uttarakhand Horticulture Department
उत्तराखंड में सेब उत्पादन बढ़ाने के प्रयास

इस मिशन के तहत प्रदेशभर के सेब काश्तकारों को जोड़ा जा रहा है, ताकि जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल की तर्ज पर सेब के बगीचे विकसित कर उत्तराखंड को सेब उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाया जा सके. यह बात प्रदेश के कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने पौड़ी गढ़वाल के चोपड़ा (नौगांव) में कलासन फार्म में आयोजित सेमिनार में कही. उन्होंने कहा कि राज्य की जलवायु सेब उत्पादन के लिये काफी मुफीद है. ऐसे में यहां सेब उत्पादन को बढ़ावा मिल सकता है. सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में काम कर रही है और काश्तकारों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका लाभ काश्तकार उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सेब की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए सहकारिता विभाग की कृषि ऋण योजना के अंतर्गत एक हजार सेब के बगीचे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए प्रदेशभर में सेब के 17 कलस्टर तैयार किये गये हैं. उन्होंने बताया कि एप्पल मिशत के तहत अधिक से अधिक संख्या में सेब काश्तकारों को जोड़ा जायेगा, ताकि जम्मू-कश्मीर व हिमाचल प्रदेश की भांति प्रदेश में सेब के बगीचे विकसित किये जा सके.

धन सिंह रावत ने सेब उत्पादन में विशेष पहचान बनाने के लिये सेब की गुणवत्ता व पैकिंग पर ध्यान देने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि इसके लिए किसानों को उन्नत किस्म की प्रजातियों व वायरस फ्री पौधे लगाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है.सेमीनार में दूरभाष के माध्यम से जुड़कर पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष व आयुर्वेदाचार्य बालकृष्ण ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखंड के पास जड़ी-बूटियों से लेकर उद्यान के क्षेत्र में काफी सम्भावनाएं हैं. इसके लिये ठोस कार्य योजना विकसित की जाना चाहिए और काश्तकारों को योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना चाहिए.

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Last Updated : Apr 21, 2024, 8:13 PM IST
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