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MP में CAA को लेकर जश्न, CM मोहन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय, दिग्विजय सिंह बोले-संविधान विरोधी - citizenship amendment act

CAA Notification: भारत में 11 मार्च 2024 का दिन महत्वपूर्ण है. आज से देशभर में नागरिकता संशोधन कानून यानि की सीएए लागू हो गया है. जिसे लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है तो वहीं सत्ता पक्ष के नेता इसका स्वागत कर रहे हैं.

caa notification issue india
एमपी में सीएए को लेकर जश्न सीएम मोहन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 11, 2024, 10:15 PM IST

Updated : Mar 11, 2024, 11:09 PM IST

MP में CAA को लेकर जश्न

भोपाल। सीएए यानी की नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) सोमवार से देशभर में लागू हो गया है. केंद्र सरकार ने सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया. इस कानून के तहत तीन पड़ोसी देशों के छह अल्पसंख्यत के लोगों को भारत की नागरिकता मिल सकती है. जिसमें हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, पारसी और बौद्ध धर्म के लोग शामिल हैं. इसमें मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है. वहीं सीएए के लागू होने के बाद से ही पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी. जहां पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बीजेपी पर विभाजनकारी राजनीति का आरोप लगाया तो पूर्व सीएम शिवराज ने स्वागत किया है.

हिंदू-मुस्लिमों को बांटती है बीजेपी

पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि 'नागरिकता संशोधन कानून संविधान के खिलाफ है. सत्तारूढ़ भाजपा हर मुद्दे को हिंदूओं और मुसलमानों के बीच बांटती है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि केंद्र ने सोमवार को इसे लागू करने की घोषणा की है. यह एक ऐसा कदम है, जो विवादास्पद कानून पारित होने के चार साल बाद आया है. उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि इसमें इतनी देरी क्यों हुई. अगर देरी हुई ही थी तो इसे चुनाव के बाद लागू करने में क्या समस्या थी?

राज्यसभा सांसद ने कहा कि बीजेपी का एकमात्र उद्देश्य हिंदूओं और मुसलमानों को बांटना है. संविधान हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है. यदि कोई कानून यह निर्णय लेता है कि धर्म के आधार पर कौन नागरिक बन सकता है और कौन नहीं, तो मेरी राय में यह संविधान के खिलाफ है.

जीतू पटवारी ने जताया विरोध

इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी X पर ट्वीट कर इस कानून का विरोध जताया है. जीतू पटवारी ने लिखा 'मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि बीजेपी ने संविधान को सम्पूर्ण तरीके से स्वीकार नहीं किया है. एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं- संविधान नहीं बदला जाएगा. दूसरी तरफ वो अपने सांसद से कहलवाते हैं कि संविधान बदलने के लिए हमें दो तिहाई बहुमत चाहिए.'

सीएम मोहन यादव ने बताया ऐतिहासिक निर्णय

जबकि बीजेपी नेताओं ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया है. एमपी के सीएम मोहन यादव ने भी सोशल मीडिया X पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा 'एक और ऐतिहासिक निर्णय...मानवता के कल्याण के लिए समर्पित पीएम मोदी के नेतृत्व में आज एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर दिया गया है. इससे हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अत्याचार की पीड़ा से उन अल्पसंख्यक नागरिकों को हमेशा के लिए मुक्त होने का रास्ता मिल सकेगा. जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 तक भारत में शरण ली थी. इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का अभिनंदन'.

शिवराज ने भी बताया ऐतिहासिक कदम

वहीं पूर्व सीएम शिवराज ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए इस कानून का स्वागत किया है. पूर्व सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. मानवीय गरिमा का सम्मान करने, उसे सुरक्षा बोध देने व सभ्य समाज के मानकों पर खरा उतरने की दिशा में देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू किया गया है. ये निर्णय विश्व को भारत की प्रगतिशीलता का संदेश दे रहा है. इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों के लिए उम्मीद के नए द्वार खुले हैं. इस अभूतपूर्व निर्णय के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार'.

इंदौर में आतिशबाजी कर मनाया गया जश्न

इसके साथ ही इंदौर में आतिशबाजी के बाद मोदी सरकार के फैसले पर जश्न मनाया गया. शहर के राजवाड़ा पर इन इन छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ सांसद शंकर लालवानी ने आतिशबाजी के बाद मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए जश्न मनाया. इस दौरान भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने दावा करते हुए कहा कि 'केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जो भी वादे किए गए हैं, सभी वादे पूरे किए गए हैं. इसी कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा सीएए कानून का नोटिफिकेशन जारी करने से पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे भारतीय लोगों में में खुशी का माहौल है. उन्हें अब भारत की नागरिकता मिलना आसान होगी.

यहां पढ़ें...

क्या है सीएए, मुस्लिमों को इस कानून से क्यों रखा गया है बाहर, जानें

ज्ञानवापी की तरह होगा धार के भोजशाला का सर्वे, इंदौर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

जानिए कब विधेयक पेश हुए और कब कानून बना

बता दें भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक साल 2016 में सदन में पेश किया गया था. जिसके बाद 10 दिसंबर 2019 को लोकसभा और दूसरे दिन 11 दिसंबर को राज्यसभा यह विधेयक पास हो गया था. इसके बाद 12 दिसंबर को इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. जिसके बाद यह कानून बन गया था. वहीं पांच साल बाद अब 11 मार्च 2024 को इस कानून को लागू किया गया है.

MP में CAA को लेकर जश्न

भोपाल। सीएए यानी की नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) सोमवार से देशभर में लागू हो गया है. केंद्र सरकार ने सीएए को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया. इस कानून के तहत तीन पड़ोसी देशों के छह अल्पसंख्यत के लोगों को भारत की नागरिकता मिल सकती है. जिसमें हिंदू, सिख, जैन, ईसाई, पारसी और बौद्ध धर्म के लोग शामिल हैं. इसमें मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया है. वहीं सीएए के लागू होने के बाद से ही पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी. जहां पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बीजेपी पर विभाजनकारी राजनीति का आरोप लगाया तो पूर्व सीएम शिवराज ने स्वागत किया है.

हिंदू-मुस्लिमों को बांटती है बीजेपी

पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि 'नागरिकता संशोधन कानून संविधान के खिलाफ है. सत्तारूढ़ भाजपा हर मुद्दे को हिंदूओं और मुसलमानों के बीच बांटती है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि केंद्र ने सोमवार को इसे लागू करने की घोषणा की है. यह एक ऐसा कदम है, जो विवादास्पद कानून पारित होने के चार साल बाद आया है. उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि इसमें इतनी देरी क्यों हुई. अगर देरी हुई ही थी तो इसे चुनाव के बाद लागू करने में क्या समस्या थी?

राज्यसभा सांसद ने कहा कि बीजेपी का एकमात्र उद्देश्य हिंदूओं और मुसलमानों को बांटना है. संविधान हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है. यदि कोई कानून यह निर्णय लेता है कि धर्म के आधार पर कौन नागरिक बन सकता है और कौन नहीं, तो मेरी राय में यह संविधान के खिलाफ है.

जीतू पटवारी ने जताया विरोध

इसके अलावा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी X पर ट्वीट कर इस कानून का विरोध जताया है. जीतू पटवारी ने लिखा 'मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि बीजेपी ने संविधान को सम्पूर्ण तरीके से स्वीकार नहीं किया है. एक तरफ प्रधानमंत्री कहते हैं- संविधान नहीं बदला जाएगा. दूसरी तरफ वो अपने सांसद से कहलवाते हैं कि संविधान बदलने के लिए हमें दो तिहाई बहुमत चाहिए.'

सीएम मोहन यादव ने बताया ऐतिहासिक निर्णय

जबकि बीजेपी नेताओं ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया है. एमपी के सीएम मोहन यादव ने भी सोशल मीडिया X पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा 'एक और ऐतिहासिक निर्णय...मानवता के कल्याण के लिए समर्पित पीएम मोदी के नेतृत्व में आज एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर दिया गया है. इससे हमारे पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अत्याचार की पीड़ा से उन अल्पसंख्यक नागरिकों को हमेशा के लिए मुक्त होने का रास्ता मिल सकेगा. जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 तक भारत में शरण ली थी. इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का अभिनंदन'.

शिवराज ने भी बताया ऐतिहासिक कदम

वहीं पूर्व सीएम शिवराज ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करते हुए इस कानून का स्वागत किया है. पूर्व सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि आज का दिन ऐतिहासिक है. मानवीय गरिमा का सम्मान करने, उसे सुरक्षा बोध देने व सभ्य समाज के मानकों पर खरा उतरने की दिशा में देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू किया गया है. ये निर्णय विश्व को भारत की प्रगतिशीलता का संदेश दे रहा है. इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों के लिए उम्मीद के नए द्वार खुले हैं. इस अभूतपूर्व निर्णय के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार'.

इंदौर में आतिशबाजी कर मनाया गया जश्न

इसके साथ ही इंदौर में आतिशबाजी के बाद मोदी सरकार के फैसले पर जश्न मनाया गया. शहर के राजवाड़ा पर इन इन छह अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के साथ सांसद शंकर लालवानी ने आतिशबाजी के बाद मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए जश्न मनाया. इस दौरान भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने दावा करते हुए कहा कि 'केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जो भी वादे किए गए हैं, सभी वादे पूरे किए गए हैं. इसी कड़ी में केंद्र सरकार द्वारा सीएए कानून का नोटिफिकेशन जारी करने से पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे भारतीय लोगों में में खुशी का माहौल है. उन्हें अब भारत की नागरिकता मिलना आसान होगी.

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जानिए कब विधेयक पेश हुए और कब कानून बना

बता दें भारतीय नागरिकता कानून 1955 में बदलाव के लिए नागरिकता संशोधन विधेयक साल 2016 में सदन में पेश किया गया था. जिसके बाद 10 दिसंबर 2019 को लोकसभा और दूसरे दिन 11 दिसंबर को राज्यसभा यह विधेयक पास हो गया था. इसके बाद 12 दिसंबर को इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. जिसके बाद यह कानून बन गया था. वहीं पांच साल बाद अब 11 मार्च 2024 को इस कानून को लागू किया गया है.

Last Updated : Mar 11, 2024, 11:09 PM IST
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