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खूंटी में बाइपास सड़क को लेकर राजनीति के बीच 7 जनवरी को नितिन गडकरी करेंगे समीक्षा, भाजपा नेताओं ने दी प्रतिक्रिया - BYPASS ROAD IN KHUNTI

खूंटी में बाइपास सड़क को लेकर राजनीति जारी है. सांसद, विधायकों के अलग-अलग बयान है. वहीं भाजपा नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है.

BYPASS ROAD IN KHUNTI
खूंटी में बाइपास सड़क को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 16 hours ago

खूंटी: जिले के नागरिकों की लंबे समय से बाइपास रोड की मांग रही है. जिसपर हो रही राजनीति अपने चरम पर है. विधायक राम सूर्या मुंडा के विरोध के बाद सांसद कालीचरण मुंडा द्वारा इसे अपनी उपलब्धियों में शामिल करने के बाद से खूंटी में सियासत गरमा गई है. सांसद और विधायक के अलग अलग बयानों से शहरवासियों की उम्मीद टूटती दिखाई दे रही है तो जिले के भाजपा नेताओं ने इस योजना को धरातल पर उतारने को लेकर शहरवासियों को सजग रहने की अपील की है.

जिला गठन के बाद से शहर में गाड़ियों की बढ़ती भीड़ ने यहां पर लोगों के लिए समस्याएं पैदा कर दी हैं, जिससे शहर के किनारे स्थित दुकानें एवं प्रतिष्ठान और निवास करने वाले हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों पर भीड़ रहने के कारण यहां पर चलना मुश्किल हो गया है. डेढ़ दशक पूर्व बाइपास बनाने की मांग उठी थी और जनप्रतिनिधियों ने बाइपास बनाने पर जोर भी दिया और आखिर में केंद्र सरकार ने खूंटी वासियों की मांग पर आठ मार्च 2024 को योजना स्वीकृत की.

खूंटी में बाइपास सड़क को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान (Etv Bharat)

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व सांसद अर्जुन मुंडा समेत कई दिग्गजों ने 10 मार्च 2024 को बाइपास सड़क का शिलान्यास किया. चुनावी कारणों से योजना पर ब्रेक लगा. इसी बीच विधनसभा चुनाव ने इस योजना पर ग्रहण लगा दिया लेकिन शहरवासियों ने योजना को धरातल पर लाने की उम्मीद नही छोड़ी.

विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं ने बाइपास को मुद्दा बनाया और इस मुद्दे ने भाजपा के किले को ध्वस्त कर दिया और झामुमो के विधायक के किये वायदों के अनुसार वह चुनाव जीत गए लेकिन चुनाव जीतने के कुछ दिनों बाद विधायक ने बाइपास निर्माण पर विरोध जताया. उन्होंने कहा था कि सड़क निर्माण से स्थानीय किसानों की जमीन चली जायेगी जिसके कारण किसान खेती नहीं कर पाएंगे.

वहीं सांसद कालीचरण मुंडा ने इसे अपनी उपलब्धियों में शामिल किया और इस सिलसिले में उनके द्वारा योजना की स्वीकृति कराए जाने पर बयान भी सामने आया है. सांसद के बयान के बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि योजना की उपलब्धि गठबंधन ही ले, लेकिन योजना को पहले धरातल पर उतारे न कि इसे एक मुद्दा बनाकर राजनीति करे.

भाजपा के वरिष्ठ सदस्य आनंद कुमार ने स्थानीय विधायक और सांसद के बयान पर कहा कि उप राजधानी में जब बाइपास सड़क का निर्माण हुआ था उस वक्त किसी ने इसका विरोध नहीं किया, जबकि वहां झामुमो सुप्रीमो का क्षेत्र है लेकिन यहां झामुमो के विधायक ही इसका विरोध कर रहे हैं यह गलत है. जबकि महामंत्री निखिल कंडुलना और भाजपा नेता सह सांसद के पूर्व प्रतिनिधि मनोज कुमार ने झारखंड सरकार से आग्रह किया है कि इस योजना को धरातल पर उतारने का प्रयास करें ताकि जिले का विकास हो और शहर जाम से मुक्त हो सके.

भाजपा नेताओं ने कहा कि खूंटी का यह दुर्भाग्य है कि यहां आने वाला हर बड़ा प्रोजेक्ट विरोध के बाद रद्द हो जाता है. कोयला कारो परियोजना, मित्तल की योजना, नॉलेज सिटी में बनने वाला रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय विरोध की भेंट चढ़ गया. इस योजना को रद्द नहीं होने दिया जाएगा. भाजपाइयों ने शहरवासियों को सजग रहने को कहा है और स्पष्ट रूप से सरकार एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से आग्रह करते हुए कहा कि योजना की शुरुआत कराएं अन्यथा विकल्प बहुत हैं.

वहीं फोन पर हुई बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस योजना को लेकर कहा है कि आज भले खूंटी का सांसद नहीं हूं लेकिन खूंटी में प्रस्तावित इस योजना को जमीन पर उतारने का प्रयास जारी है. उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण नहीं होने के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पायी है. अर्जुन मुंडा ने झारखंड सरकार और स्थानीय सांसद एवं विधायकों से अपील की है कि भूमि अधिग्रहण कराने की दिशा में पहल करें न कि राजनीति कर शहरवासियों को गुमराह करें.

जिले में प्रस्तवित बाइपास सड़क को लेकर जानाकरी मिली है कि खूंटी में हो रही राजनीति के बीच केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा संज्ञान लिया गया और 7 जानवरी 2025 को झारखंड के मुख्य सचिव और खूंटी जिले के अधिकारी और मोर्थ के अधिकारियों से बैठक कर योजना की समीक्षा की जाएगी. साथ ही इस योजना को लेकर आगे बड़ा फैसला लिया जा सकेगा.

वहीं मोर्थ (मिनिस्ट्री ऑफ रॉड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे ऑफ इंडिया) के रीजनल ऑफिसर अभिलाष कुमार यादव ने बताया कि खूंटी में प्रस्तवित बाइपास योजना का टेंडर फाइनल अभी तक नही हुआ है टेंडर प्रक्रियाधीन है. उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण के कारण योजना पेंडिंग है.

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खूंटी: जिले के नागरिकों की लंबे समय से बाइपास रोड की मांग रही है. जिसपर हो रही राजनीति अपने चरम पर है. विधायक राम सूर्या मुंडा के विरोध के बाद सांसद कालीचरण मुंडा द्वारा इसे अपनी उपलब्धियों में शामिल करने के बाद से खूंटी में सियासत गरमा गई है. सांसद और विधायक के अलग अलग बयानों से शहरवासियों की उम्मीद टूटती दिखाई दे रही है तो जिले के भाजपा नेताओं ने इस योजना को धरातल पर उतारने को लेकर शहरवासियों को सजग रहने की अपील की है.

जिला गठन के बाद से शहर में गाड़ियों की बढ़ती भीड़ ने यहां पर लोगों के लिए समस्याएं पैदा कर दी हैं, जिससे शहर के किनारे स्थित दुकानें एवं प्रतिष्ठान और निवास करने वाले हजारों लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सड़कों पर भीड़ रहने के कारण यहां पर चलना मुश्किल हो गया है. डेढ़ दशक पूर्व बाइपास बनाने की मांग उठी थी और जनप्रतिनिधियों ने बाइपास बनाने पर जोर भी दिया और आखिर में केंद्र सरकार ने खूंटी वासियों की मांग पर आठ मार्च 2024 को योजना स्वीकृत की.

खूंटी में बाइपास सड़क को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान (Etv Bharat)

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व सांसद अर्जुन मुंडा समेत कई दिग्गजों ने 10 मार्च 2024 को बाइपास सड़क का शिलान्यास किया. चुनावी कारणों से योजना पर ब्रेक लगा. इसी बीच विधनसभा चुनाव ने इस योजना पर ग्रहण लगा दिया लेकिन शहरवासियों ने योजना को धरातल पर लाने की उम्मीद नही छोड़ी.

विधानसभा चुनाव के दौरान नेताओं ने बाइपास को मुद्दा बनाया और इस मुद्दे ने भाजपा के किले को ध्वस्त कर दिया और झामुमो के विधायक के किये वायदों के अनुसार वह चुनाव जीत गए लेकिन चुनाव जीतने के कुछ दिनों बाद विधायक ने बाइपास निर्माण पर विरोध जताया. उन्होंने कहा था कि सड़क निर्माण से स्थानीय किसानों की जमीन चली जायेगी जिसके कारण किसान खेती नहीं कर पाएंगे.

वहीं सांसद कालीचरण मुंडा ने इसे अपनी उपलब्धियों में शामिल किया और इस सिलसिले में उनके द्वारा योजना की स्वीकृति कराए जाने पर बयान भी सामने आया है. सांसद के बयान के बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि योजना की उपलब्धि गठबंधन ही ले, लेकिन योजना को पहले धरातल पर उतारे न कि इसे एक मुद्दा बनाकर राजनीति करे.

भाजपा के वरिष्ठ सदस्य आनंद कुमार ने स्थानीय विधायक और सांसद के बयान पर कहा कि उप राजधानी में जब बाइपास सड़क का निर्माण हुआ था उस वक्त किसी ने इसका विरोध नहीं किया, जबकि वहां झामुमो सुप्रीमो का क्षेत्र है लेकिन यहां झामुमो के विधायक ही इसका विरोध कर रहे हैं यह गलत है. जबकि महामंत्री निखिल कंडुलना और भाजपा नेता सह सांसद के पूर्व प्रतिनिधि मनोज कुमार ने झारखंड सरकार से आग्रह किया है कि इस योजना को धरातल पर उतारने का प्रयास करें ताकि जिले का विकास हो और शहर जाम से मुक्त हो सके.

भाजपा नेताओं ने कहा कि खूंटी का यह दुर्भाग्य है कि यहां आने वाला हर बड़ा प्रोजेक्ट विरोध के बाद रद्द हो जाता है. कोयला कारो परियोजना, मित्तल की योजना, नॉलेज सिटी में बनने वाला रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय विरोध की भेंट चढ़ गया. इस योजना को रद्द नहीं होने दिया जाएगा. भाजपाइयों ने शहरवासियों को सजग रहने को कहा है और स्पष्ट रूप से सरकार एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों से आग्रह करते हुए कहा कि योजना की शुरुआत कराएं अन्यथा विकल्प बहुत हैं.

वहीं फोन पर हुई बातचीत में पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने इस योजना को लेकर कहा है कि आज भले खूंटी का सांसद नहीं हूं लेकिन खूंटी में प्रस्तावित इस योजना को जमीन पर उतारने का प्रयास जारी है. उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण नहीं होने के कारण प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पायी है. अर्जुन मुंडा ने झारखंड सरकार और स्थानीय सांसद एवं विधायकों से अपील की है कि भूमि अधिग्रहण कराने की दिशा में पहल करें न कि राजनीति कर शहरवासियों को गुमराह करें.

जिले में प्रस्तवित बाइपास सड़क को लेकर जानाकरी मिली है कि खूंटी में हो रही राजनीति के बीच केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के द्वारा संज्ञान लिया गया और 7 जानवरी 2025 को झारखंड के मुख्य सचिव और खूंटी जिले के अधिकारी और मोर्थ के अधिकारियों से बैठक कर योजना की समीक्षा की जाएगी. साथ ही इस योजना को लेकर आगे बड़ा फैसला लिया जा सकेगा.

वहीं मोर्थ (मिनिस्ट्री ऑफ रॉड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे ऑफ इंडिया) के रीजनल ऑफिसर अभिलाष कुमार यादव ने बताया कि खूंटी में प्रस्तवित बाइपास योजना का टेंडर फाइनल अभी तक नही हुआ है टेंडर प्रक्रियाधीन है. उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण के कारण योजना पेंडिंग है.

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