लखनऊ : लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही उत्तर प्रदेश की विधानसभा की खाली सीटों पर भी उपचुनाव की तैयारी है. जिसमें सबसे खास सीट उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पूर्वी विधानसभा सीट है. यह भाजपा के वरिष्ठ नेता आशुतोष टंडन 'गोपाल जी' की मृत्यु के बाद खाली हुई है. यह सीट पारंपरिक तौर पर भाजपा की सीट मानी जाती है. इस सीट पर आशुतोष टंडन से पहले उनके पिता लालजी टंडन विधायक रह चुके हैं. पिछली बार इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी. लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो चुका है. ऐसे में प्रदेश की चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए भी दोनों पार्टियों के गठबंधन की उम्मीद की जा रही है.
कांग्रेस लखनऊ पूर्वी पर उतारना चाहती है उम्मीदवार : दिसंबर 2023 में पूर्वी विधानसभा सीट के रिक्त घोषित होने के बाद कांग्रेस ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की अगुवाई में इस विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारियों की बैठक भी हो चुकी है. अब जब प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच में गठबंधन हो गया है. ऐसे में इस सीट पर पेंच फंस सकता है. 2022 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट रहे अनुराग भदौरिया को समाजवादी पार्टी ने धौरहरा से लोकसभा का प्रत्याशी बना दिया है. अनुराग भदौरिया के हटने से कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि यह सीट उनको मिल सकती है. बहरहाल अभी कोई फैसला किसी पार्टी की ओर से नहीं लिया गया है.
कांग्रेस को सीट मिलने की उम्मीद : कांग्रेस की तरफ से उपचुनाव की तैयारी कर रहे कुछ नेताओं को यह सीट कांग्रेस के खाते में आने की उम्मीद जगी है. इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस के ओर से मुकेश सिंह चौहान सहित दो अन्य लोग टिकट की उम्मीद लगा कर बैठे हैं. वहीं समाजवादी पार्टी से इस सीट पर रमेश श्रीवास्तव टिकट की दावेदारी कर रहे हैं. गठबंधन होने के बाद सपा से टिकट की उम्मीद पाले रमेश श्रीवास्तव ने बीते दिनों कांग्रेस और सपा के कुछ नेताओं को अपने घर पर दावत भी दी थी. इस दौरान वहां पर उनके समर्थकों की तरफ से कहा गया कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें पूर्वी विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी करने को कहा है. कांग्रेस की तरफ से भी जिन नेताओं को यहां चुनाव लड़ना है वह तैयारी कर रहे हैं और क्षेत्र में उन्होंने भी अपने बैनर-पोस्टर आदि लगाने शुरू कर दिए हैं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने सोनभद्र की दुद्धी विधानसभा सीट पर पहले ही उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी उतार दिया है. यहां से भाजपा के विधायक रहे राम दुलारे गोंड को 25 वर्ष की सजा होने के बाद यह विधानसभा सीट खाली हुई है. यहां पर समाजवादी पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता विजय सिंह गोंड को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
कांग्रेस को 2% से कम वोट मिले थे : 2022 की विधानसभा चुनाव की बात करें तो पूर्वी विधानसभा सीट पर सभी प्रत्याशियों ने अपने उम्मीदवार उतारे थे. इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार आशुतोष टंडन 'गोपाल जी' ने जीत हासिल की थी. उन्हें इस सीट पर कुल 59.4% वोट मिले थे. सपा उम्मीदवार अनुराग भदौरिया को 32.7 फीसदी वोट मिले थे. भाजपा को 1 लाख 52 हजार 998 वोट मिले थे. सपा को 84 हजार 197 वोट मिले थे. आशुतोष टंडन ने यह चुनाव 68 हजार 731 वोट से जीत लिया था. कांग्रेस ने इस सीट से मनोज तिवारी को प्रत्याशी बनाया था. उन्हें कुल 1.74 फीसदी ही वोट मिले थे. इनको मिले कुल मतों की संख्या 4485 थी. वह चौथे नंबर पर थे. इस पूरे मामले पर कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. मनीष हिंदवी का कहना है कि उपचुनाव को लेकर पार्टी का रुख गठबंधन के लिए साफ है. गठबंधन के जो भी फैसले होंगे वह बैठकर तय कर लिए जाएंगे, क्योंकि हमें एक बड़ी लड़ाई लड़नी है इसके लिए दोनों पार्टियों साथ आई हैं.
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