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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मिली उप-चुनाव की पूरी जिम्मेदारी, कसौटी पर कसे जाएंगे उत्तर प्रदेश के सीएम - Tough Challenge for CM Yogi

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 18, 2024, 9:33 PM IST

Updated : Jul 18, 2024, 9:59 PM IST

यूपी में उपचुनाव 2024 (BY ELECTION IN UP 2024) की राजनीतिक चौसर बिछ चुकी है. भाजपा में अंदरूनी उथल पुथल के बीच योगी आदित्यनाथ को उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ.
जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ. (Photo credit: ETV Bharat)
यूपी उपचुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ की भूमिका पर संवाददाता ऋषि मिश्रा की खास रिपोर्ट. (Video Credit : ETV Bharat)

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की 10 उपचुनाव वाली सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सारी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दे दी है. जिस तरह से मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों की बैठक ली है उससे यह स्पष्ट है कि संगठन का काम मुख्यमंत्री कर रहे हैं. उपचुनाव में अगर बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा, तो यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी बड़ा सवाल होगा. इसलिए 2027 में योगी आदित्यनाथ की दावेदारी उपचुनाव के परिणाम पर निर्भर करेगी.

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के बीच में संगठन और सरकार का जो मतभेद चल रहा है और इसमें जिस सर्जरी की उम्मीद की जा रही है वह फिलहाल नहीं होने जा रही है. केंद्रीय नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में किसी भी तरह के राजनीतिक बदलाव को लेकर स्टे लगा दिया है. फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे बड़ा टास्क 10 सीटों का उपचुनाव है. इन उपचुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी की जीत का पूरा जिम्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ही निर्भर है. इन सीटों पर मिलने वाली सफलता और असफलता की पूरी जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ पर होगी.

भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इसीलिए मंत्रियों की सीधी बैठक मुख्यमंत्री ने ली है और उनसे उपचुनाव वाली सीटों पर जाकर रात्रि विश्राम करने के लिए कहा है. कहा यह गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए यह 10 उपचुनाव एक परीक्षा की तरह हैं. उनको कसौटी पर कसा जाना है. अगर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, तो इसकी जिम्मेदारी कहीं न कहीं योगी आदित्यनाथ पर होगी. अगर प्रदर्शन अच्छा रहा, तो योगी आदित्यनाथ 2027 में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर एक बार फिर से सुनिश्चित हो जाएंगे.

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अविनाश मिश्रा ने बताया कि निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है. यूपी चुनाव को लेकर उन्होंने मंत्रियों को जुटने के लिए कह दिया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को यह निर्देश दिया है कि उपचुनाव को लेकर हुए जमीनी स्तर पर जाएं, ताकि लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में हमको खराब परिणाम का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री हो या संगठन सभी जीत के लिए जुटे हुए हैं.

इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव:

  • करहल : अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट मैनपुरी लोकसभा में आती है.
  • मिल्कीपुर : सपा के अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट अयोध्या में आती है.
  • मीरापुर : रालोद के चंदन चौहान के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट बिजनौर में है.
  • कुंदरकी : सपा के जियाउर्रहमान बर्क के इस्तीफे से खाली यह सीट संभल में है.
  • गाजियाबाद : भाजपा के अतुल गर्ग के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट गाजियाबाद जिले में है.
  • खैर : भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि के इस्तीफे से यह सीट अलीगढ़ में आती है.
  • फूलपुर : भाजपा सांसद प्रवीण पटेल के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट प्रयागराज में है.
  • कटेहरी : सपा के लालजी वर्मा के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट अम्बेडकरनगर में आती है.
  • मझवां : निषाद पार्टी के विनोद बिंद के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट मिर्जापुर में आती है.
  • शीशामऊ : सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा से खाली हुई है.

यह भी पढ़ें : यूपी में उपचुनाव से पहले सपा ने कांग्रेस से मांगी हरियाणा और महाराष्ट्र में विधानसभा सीटें, क्या बनेगी बात? - BY ELECTION UP

यह भी पढ़ें : लखनऊ की पूर्वी विधानसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी उतार सकती है कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से लिया फीडबैक

यूपी उपचुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ की भूमिका पर संवाददाता ऋषि मिश्रा की खास रिपोर्ट. (Video Credit : ETV Bharat)

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की 10 उपचुनाव वाली सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सारी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दे दी है. जिस तरह से मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों की बैठक ली है उससे यह स्पष्ट है कि संगठन का काम मुख्यमंत्री कर रहे हैं. उपचुनाव में अगर बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा, तो यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी बड़ा सवाल होगा. इसलिए 2027 में योगी आदित्यनाथ की दावेदारी उपचुनाव के परिणाम पर निर्भर करेगी.

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के बीच में संगठन और सरकार का जो मतभेद चल रहा है और इसमें जिस सर्जरी की उम्मीद की जा रही है वह फिलहाल नहीं होने जा रही है. केंद्रीय नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में किसी भी तरह के राजनीतिक बदलाव को लेकर स्टे लगा दिया है. फिलहाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे बड़ा टास्क 10 सीटों का उपचुनाव है. इन उपचुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी की जीत का पूरा जिम्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर ही निर्भर है. इन सीटों पर मिलने वाली सफलता और असफलता की पूरी जिम्मेदारी योगी आदित्यनाथ पर होगी.

भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि इसीलिए मंत्रियों की सीधी बैठक मुख्यमंत्री ने ली है और उनसे उपचुनाव वाली सीटों पर जाकर रात्रि विश्राम करने के लिए कहा है. कहा यह गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए यह 10 उपचुनाव एक परीक्षा की तरह हैं. उनको कसौटी पर कसा जाना है. अगर उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा, तो इसकी जिम्मेदारी कहीं न कहीं योगी आदित्यनाथ पर होगी. अगर प्रदर्शन अच्छा रहा, तो योगी आदित्यनाथ 2027 में मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर एक बार फिर से सुनिश्चित हो जाएंगे.

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अविनाश मिश्रा ने बताया कि निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है. यूपी चुनाव को लेकर उन्होंने मंत्रियों को जुटने के लिए कह दिया है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों को यह निर्देश दिया है कि उपचुनाव को लेकर हुए जमीनी स्तर पर जाएं, ताकि लोकसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में हमको खराब परिणाम का सामना न करना पड़े. मुख्यमंत्री हो या संगठन सभी जीत के लिए जुटे हुए हैं.

इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव:

  • करहल : अखिलेश यादव के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट मैनपुरी लोकसभा में आती है.
  • मिल्कीपुर : सपा के अवधेश प्रसाद के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट अयोध्या में आती है.
  • मीरापुर : रालोद के चंदन चौहान के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट बिजनौर में है.
  • कुंदरकी : सपा के जियाउर्रहमान बर्क के इस्तीफे से खाली यह सीट संभल में है.
  • गाजियाबाद : भाजपा के अतुल गर्ग के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट गाजियाबाद जिले में है.
  • खैर : भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि के इस्तीफे से यह सीट अलीगढ़ में आती है.
  • फूलपुर : भाजपा सांसद प्रवीण पटेल के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट प्रयागराज में है.
  • कटेहरी : सपा के लालजी वर्मा के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट अम्बेडकरनगर में आती है.
  • मझवां : निषाद पार्टी के विनोद बिंद के इस्तीफे से खाली हुई यह सीट मिर्जापुर में आती है.
  • शीशामऊ : सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा से खाली हुई है.

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Last Updated : Jul 18, 2024, 9:59 PM IST
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