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रिटायर्ड बैंक कर्मचारी को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने ठगे थे 1 करोड़ 73 लाख, अलग-अलग राज्यों से पकड़े गए 4 शातिर - Cyber Fraud In Meerut - CYBER FRAUD IN MEERUT

रिटायर्ड बैंक कर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 1 करोड़ 73 लाख रुपये ठगने वाले चार साइबर अपराधियों तक आखिरकार मेरठ पुलिस पहुंच ही गई.

मेरठ में बैंक कर्मी को ठगने वाले पकड़े गए.
मेरठ में बैंक कर्मी को ठगने वाले पकड़े गए. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 1, 2024, 10:30 AM IST

Updated : Oct 1, 2024, 5:13 PM IST

मेरठ : रिटायर्ड बैंक कर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 1 करोड़ 73 लाख रुपये ठगने वाले चार साइबर अपराधियों तक आखिरकार मेरठ पुलिस पहुंच ही गई. इन्हें दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है.

पिछले 17 सितंबर को मेरठ के एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी से साइबर ठगी हुई थी. इसके बाद एसएसपी विपिन ताड़ा ने तीन टीमों का गठन किया था. पुलिस ने अलग-अलग तीन राज्यों से चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. एसएसपी विपिन ताड़ा का कहना है कि उन्होंने इस ठगी को चुनौती के रूप में लिया था औऱ तीन टीमें लगाई गई थीं. टीम वर्क के चलते पुलिस ने आठ दिन में साइबर ठगी करने वाले 4 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है.

मेरठ एसएसपी ने ठगी के खुलासे की दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

17 सितंबर को आई कॉल और शुरू हुआ खेल: सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र के रहने वाले रिटायर्ड बैंक कर्मी सूरज प्रकाश के पास 17 सितंबर को एक कॉल आई थी, जिसमें कहा गया था कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है. जिसमें 6.80 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं. इसके बाद उनके व्हाट्सएप नंबर पर कॉल आई थी और कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए उनके खिलाफ महाराष्ट्र में रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी थी. धीरे-धीरे अलग-अलग कई लोग उन्हें कॉल करते रहे और जेल भेजने की धमकी देकर डराते रहे. साथ ही इसके एवज में उनसे पैसे भी ऐंठते रहे.

5 दिनों तक दंपति रहे डिजिटल अरेस्ट: रिटायर बैंक कर्मी सूरज प्रकाश और उनकी पत्नी सरोज बाला को घर से बाहर जाने और किसी से मिलने से रोक दिया गया था. दोनों बहुत डर गये थे. पांच दिन तक दोनों को घर में डिजिटल अरेस्ट रखा गया था. इस दौरान 18 सितंबर को उनके खाते से एक बार में 3 लाख 80 हजार लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए. इसके बाद यह सिलसिला थमा नहीं और बार-बार अलग-अलग एकाउंट में पैसा ट्रांसफर कराते रहे.

इस तरह ट्रांसफर कराई गई रकम: मेरठ पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों बैंक एकाउंट के संबंध में केंद्र सरकार के राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर मेरठ के अलावा विभिन्न राज्यों में लगभग 14 और भी शिकायतें दर्ज हैं. गिरफ्तार अभियुक्तों में निलेश बालकृष्ण के बैंक खाता में 90,000,00 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे. इसमें से 4,99,500 लाख रुपये नावेद एजास सैयद के खाते में डाले गए. वहीं तीसरे आरोपी सोम्यासिस पाईन के बैंक के खाते में यूपीआई द्वारा 4500000 लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए थे. पुलिस की छानबी में सामने आया कि नामिजला राजकुमार ने अपने व अपनी पत्नी के नाम पर 12 बैंक खाते खुलवाए हुए हैं, जिनमें से कुछ खाते किराये पर ट्रेंडिग कंपनी को दिए गए हैं. अभियुक्त राजकुमार की पत्नी के बैंक खाते में 8,80,000 लाख रुपये टार्न्सफर किये गये थे. अभियुक्त राजकुमार की गिरफ्तारी के दौरान विभिन्न बैंको के 10 एटीएम कार्ड व विभिन्न बैंकों की 08 पासबुक व मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. अभियुक्त राजकुमार के विरूद्व अन्य शहरों में भी 02 अभियोग पंजीकृत होने के साक्ष्य मिले हैं. गिरफ्तार साइबर अपराधियों की उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है.

इनकी हुई गिरफ्तारी

  1. निलेश बालकृष्ण पुत्र बालकृष्ण साल्वी निवासी वीटीसी शीर, पोस्ट शीर, सब डिस्ट्रिक गुहागर जिला रत्नागिरि, हरिनिवास सर्किल थाना नौपाडा, महाराष्ट्र. उम्र-करीब 32 वर्ष.
  2. नावेद एजास सैयद पुत्र एजास सैयद निवासी तानाजी नगर, बिर्लागेट मस्जिद, जवल उल्हासनगर ठाणे, महाराष्ट्र. उम्र-करीब 25 वर्ष.
  3. नामिजला राजकुमार पुत्र नामिजला कोमरैया निवासी 1/181 कोमाटी पल्ली, तहसील हसनपार्था, थाना केयूसी, जिला बारागत, तेलंगाना. उम्र-करीब 40 वर्ष.
  4. सोम्यासिस पाईन पुत्र स्वपन कुमार पाईन निवासी 15 सी चिदमन मुजी लेन विडन स्ट्रीट, कोलकाता, पश्चिम बंगाल. उम्र-करीब 32 वर्ष.

साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जायेंगे: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की 17वीं बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में वित्तीय सुरक्षा और साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए विशेष रूप से चर्चा की गई. मुख्य सचिव ने कहा कि साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों को फाइनेंशियल लिटरेसी (वित्तीय साक्षरता) के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे ऐसे खतरों से सतर्क रह सकें. मुख्य सचिव ने आगे कहा कि अनियमित जमा लेने वाली कंपनियों और डिफॉल्ट करने वाली संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने गैर-निगमित संस्थाओं की अवैध गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए उन पर प्रभावी रोक लगाने के निर्देश दिए. बैंकों से संबंधित अनरेगुलेटेड ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर बल दिया गया.

यह भी पढ़ें : गुस्से ने महिला को कोठे पर बिठाया; पति से नाराज होकर भाग गई थी वृंदावन, दलालों ने 20 हजार में बेचा - Woman Sold in Agra

मेरठ : रिटायर्ड बैंक कर्मी को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 1 करोड़ 73 लाख रुपये ठगने वाले चार साइबर अपराधियों तक आखिरकार मेरठ पुलिस पहुंच ही गई. इन्हें दक्षिण भारत के अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है.

पिछले 17 सितंबर को मेरठ के एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी से साइबर ठगी हुई थी. इसके बाद एसएसपी विपिन ताड़ा ने तीन टीमों का गठन किया था. पुलिस ने अलग-अलग तीन राज्यों से चार साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. एसएसपी विपिन ताड़ा का कहना है कि उन्होंने इस ठगी को चुनौती के रूप में लिया था औऱ तीन टीमें लगाई गई थीं. टीम वर्क के चलते पुलिस ने आठ दिन में साइबर ठगी करने वाले 4 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है.

मेरठ एसएसपी ने ठगी के खुलासे की दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

17 सितंबर को आई कॉल और शुरू हुआ खेल: सिविल लाइन्स थाना क्षेत्र के रहने वाले रिटायर्ड बैंक कर्मी सूरज प्रकाश के पास 17 सितंबर को एक कॉल आई थी, जिसमें कहा गया था कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल कर केनरा बैंक में एक खाता खोला गया है. जिसमें 6.80 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग के आए हैं. इसके बाद उनके व्हाट्सएप नंबर पर कॉल आई थी और कॉलर ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए उनके खिलाफ महाराष्ट्र में रिपोर्ट दर्ज होने की जानकारी दी थी. धीरे-धीरे अलग-अलग कई लोग उन्हें कॉल करते रहे और जेल भेजने की धमकी देकर डराते रहे. साथ ही इसके एवज में उनसे पैसे भी ऐंठते रहे.

5 दिनों तक दंपति रहे डिजिटल अरेस्ट: रिटायर बैंक कर्मी सूरज प्रकाश और उनकी पत्नी सरोज बाला को घर से बाहर जाने और किसी से मिलने से रोक दिया गया था. दोनों बहुत डर गये थे. पांच दिन तक दोनों को घर में डिजिटल अरेस्ट रखा गया था. इस दौरान 18 सितंबर को उनके खाते से एक बार में 3 लाख 80 हजार लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए. इसके बाद यह सिलसिला थमा नहीं और बार-बार अलग-अलग एकाउंट में पैसा ट्रांसफर कराते रहे.

इस तरह ट्रांसफर कराई गई रकम: मेरठ पुलिस के मुताबिक, पकड़े गए आरोपियों बैंक एकाउंट के संबंध में केंद्र सरकार के राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर मेरठ के अलावा विभिन्न राज्यों में लगभग 14 और भी शिकायतें दर्ज हैं. गिरफ्तार अभियुक्तों में निलेश बालकृष्ण के बैंक खाता में 90,000,00 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे. इसमें से 4,99,500 लाख रुपये नावेद एजास सैयद के खाते में डाले गए. वहीं तीसरे आरोपी सोम्यासिस पाईन के बैंक के खाते में यूपीआई द्वारा 4500000 लाख रुपये ट्रांसफर कराए गए थे. पुलिस की छानबी में सामने आया कि नामिजला राजकुमार ने अपने व अपनी पत्नी के नाम पर 12 बैंक खाते खुलवाए हुए हैं, जिनमें से कुछ खाते किराये पर ट्रेंडिग कंपनी को दिए गए हैं. अभियुक्त राजकुमार की पत्नी के बैंक खाते में 8,80,000 लाख रुपये टार्न्सफर किये गये थे. अभियुक्त राजकुमार की गिरफ्तारी के दौरान विभिन्न बैंको के 10 एटीएम कार्ड व विभिन्न बैंकों की 08 पासबुक व मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. अभियुक्त राजकुमार के विरूद्व अन्य शहरों में भी 02 अभियोग पंजीकृत होने के साक्ष्य मिले हैं. गिरफ्तार साइबर अपराधियों की उम्र 25 से 40 वर्ष के बीच है.

इनकी हुई गिरफ्तारी

  1. निलेश बालकृष्ण पुत्र बालकृष्ण साल्वी निवासी वीटीसी शीर, पोस्ट शीर, सब डिस्ट्रिक गुहागर जिला रत्नागिरि, हरिनिवास सर्किल थाना नौपाडा, महाराष्ट्र. उम्र-करीब 32 वर्ष.
  2. नावेद एजास सैयद पुत्र एजास सैयद निवासी तानाजी नगर, बिर्लागेट मस्जिद, जवल उल्हासनगर ठाणे, महाराष्ट्र. उम्र-करीब 25 वर्ष.
  3. नामिजला राजकुमार पुत्र नामिजला कोमरैया निवासी 1/181 कोमाटी पल्ली, तहसील हसनपार्था, थाना केयूसी, जिला बारागत, तेलंगाना. उम्र-करीब 40 वर्ष.
  4. सोम्यासिस पाईन पुत्र स्वपन कुमार पाईन निवासी 15 सी चिदमन मुजी लेन विडन स्ट्रीट, कोलकाता, पश्चिम बंगाल. उम्र-करीब 32 वर्ष.

साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जायेंगे: मुख्य सचिव

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की 17वीं बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में वित्तीय सुरक्षा और साइबर अपराधों पर रोक लगाने के लिए विशेष रूप से चर्चा की गई. मुख्य सचिव ने कहा कि साइबर फ्रॉड की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है. साइबर अपराध से बचने के लिए लोगों को फाइनेंशियल लिटरेसी (वित्तीय साक्षरता) के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे ऐसे खतरों से सतर्क रह सकें. मुख्य सचिव ने आगे कहा कि अनियमित जमा लेने वाली कंपनियों और डिफॉल्ट करने वाली संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने गैर-निगमित संस्थाओं की अवैध गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए उन पर प्रभावी रोक लगाने के निर्देश दिए. बैंकों से संबंधित अनरेगुलेटेड ऐप्स पर भी प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर बल दिया गया.

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Last Updated : Oct 1, 2024, 5:13 PM IST
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