देहरादून: किसान भवन में बायर सेलर मीट का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के तहत आने वाली संस्था NCOL से तीन अधिकारी और हरिद्वार-देहरादून के 12 किसान समूहों के प्रतिनिधि शामिल हुए. इसी बीच किसानों और NCOL संस्था (राष्ट्रीय सहकारी आर्गेनिक्स लिमिटेड) के मध्य सामंजस्य कैसे स्थापित किया जाना है, इसको लेकर प्रारंभिक चर्चा की गई.
उत्तराखंड के दौरे पर NCOL के विशेषज्ञ: बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में देश को ऑर्गेनिक के क्षेत्र में सहकारिता की मदद से पूरे विश्व में नंबर वन स्थान पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है. इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के अधीन गठित संस्था राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) के कुछ विशेषज्ञ उत्तराखंड दौरे पर थे.
ऑर्गेनिक के क्षेत्र में उत्तराखंड हो चुका है सम्मानित: हाल ही में दिल्ली में हुए एक सहकारिता कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में उत्तराखंड को ऑर्गेनिक के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए सम्मानित किया गया है. इसी कार्यक्रम के दौरान एक MOU भी साइन किया गया है, जिसके तहत उत्तराखंड के हर एक ऑर्गेनिक किसान को भारत सरकार बाजार प्रदान करेगी. यानी उत्तराखंड में ऑर्गेनिक के क्षेत्र में काम करने वाले किसानों को यह चिंता नहीं होगी कि उसका उत्पाद बिकेगा या नहीं.
ऑर्गेनिक बासमती के लिए 4000 टन का लक्ष्य: NCOL के अधिकारी भरत राजपुरोहित ने बताया कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री की मौजूदगी में MOU साइन होने के बाद NCOL ने उत्तराखंड से ऑर्गेनिक बासमती के लिए 4000 टन का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अभी तक 2000 टन की उपलब्धता किसानों द्वारा दे दी गई है. उन्होंने बताया कि जो भी किसान बासमती चावल उपलब्ध कराते हैं, उन्हें ऑर्गेनिक प्रीमियम प्राइस रेट में खरीदे जाने का NCOL आश्वासन देती है.
सामूहिक रणनीति तैयार करेंगे किसान: किसान समूह ने अधिकारियों को बताया कि देहरादून और हरिद्वार में कई तरह की प्रजातियों की बासमती धान उगाई जा रही है, जिसमें देहरादूनी बासमती, तरावड़ी, पूसा 1 और पूसा 1121 नवंबर में कटाई के लिए तैयार हो जाएगी. वह अपने बासमती उत्पादन की मात्रा का आकलन कर उसे बेचने के लिए अपनी सामूहिक रणनीति तैयार करेंगे.
किसानों में वेट एंड वॉच की स्थिति: किसान सूर्य प्रकाश बहुगुणा ने बताया कि सरकार की पहल काफी अच्छी है, लेकिन किसान अभी इस योजना को लेकर वेट एंड वॉच की स्थिति में है. किसानों ने अपनी तरफ से पूरा सहयोग का आश्वासन दिया है, लेकिन उनका कहना है कि भरोसा उन्हें तभी होगा जब यह स्कीम अगले कुछ सालों तक अपने वादों के अनुसार इसी तरह से काम करेगी.
किसानों को उत्पाद का मिलेगा बेहतर मूल्य: उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड के प्रबंध निदेशक विनय कुमार ने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य मिलेगा और समय से भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के तहत बनी संस्था द्वारा भुगतान डी.बी.टी के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक किसानों के लिए उत्तराखंड ऑर्गेनिक बोर्ड ने एक बड़ा बाजार तैयार कर लिया है.
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