बक्सरः बिहार में शराबबंदी कानून को ठेंगा दिखाने वाले उत्पाद अधीक्षक को विभाग ने सस्पेंड कर दिया. शराब धंधेबाज से सांठगांठ कर उतर प्रदेश से बिहार में शराब की तस्करी कराता था. बता दें कि पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद दिलीप पाठक बक्सर में योगदान देने की तैयारी में थे. उत्पदा अधीक्षक के सस्पेंड होने से पूरे महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है. उत्पदा अधीक्षक के खिलाफ औद्योगिक थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही वह फरार चल रहे थे.
8 साल से करा रहा था तस्करीः बिहार के बक्सर में उत्पाद अधीक्षक को गिरफ्तार करने का आदेश तत्कालीन एसपी मनीष कुमार ने दी थी. भगोड़े उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक की गिरफ्तारी के लिए लगातार पुलिस छापेमारी कर रही थी. इसी बीच उन्होंने पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद बक्सर में योगदान देने की तैयारी कर रहे थे, तभी विभाग ने सस्पेंड कर दिया.
21 जून 2024 को एफआईआर दर्जः औद्योगिक थाने की पुलिस ने वीरकुंवर सिंह सेतु से यूपी के रास्ते बक्सर की सीमा में प्रवेश करने के बाद एनएच 922 पर शराब लदे तीन वाहनों को पकड़ा था. सबसे पहले शराब से भरी एक स्कॉर्पियो पर पुलिस की नजर पड़ी थी. चालक से पूछताछ के आधार पर शराब लदी एक इंडिका कार और एक होंडा सिटी कार को जब्त कर 21 जून 2024 को औधोगिक थाने में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी.
2016 से ही तस्करी करा रहा थाः कुछ साल पहले डुमरांव के अमसारी गांव में जहरीली शराब कांड के दो मुख्य आरोपी मुन्ना सिंह के साथ उसके एक और शागिर्द की संलिप्तता थी. जिसके बाद पुलिस उसे गिरफ्तार कर 23 जून 2024 को थाने ले आई. पुलिस पूछताछ में शराब तस्कर मुन्ना सिंह ने बताया कि वर्तमान उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से ही बक्सर यूपी के अलग-अलग बॉर्डर से शराब लदे वाहन को बक्सर पास कराते हैं. इसके एवज मोटी रकम दी जाती थी.
मोबाइल ने खोला राज: शराब तस्कर के बयान पर जांच के क्रम में पुलिस ने पटना के रहने वाले एक बड़े शराब तस्कर मनीष उर्फ मरांडी को बक्सर से ही गिरफ्तार किया. जिसके मोबाइल से उत्पाद चेकपोस्ट पर तैनात उत्पाद विभाग के सिपाही शेषनाथ यादव को शराब लदे तीनों वाहन की तस्वीर और नंबर शेयर किया गया था. जिसे उत्पाद विभाग की चेकपोस्ट ने बिना जांच किए छोड़ दिया और बक्सर पुलिस ने जब्त कर लिया.
उत्पाद अधीक्षक फरार: सिपाही का फोन जब्त कर पुलिस ने जब जांच शुरू की तो उत्पाद विभाग के ही एक और सिपाही रामशंकर सिंह के साथ कुल 8 लोगों को पुलिस ने उस समय गिरफ्तार किया था. मोबाइल से उत्पाद अधीक्षक दिलीप पाठक और शराब तस्करों के बीच सांठगांठ के अलावे मोटी रकम लेनदेन करने का पुलिस को कई पुख्ता सबूत मिला. इसी मामले में दिलीप पाठक को सस्पेंड कर दिया गया.
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