नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में फैले सैकड़ों एकड़ मखमली घास के मैदान (क्षेत्रीय भाषा में बुग्याल) को बचाने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. इसी दौरान बटर फेस्टिवल समिति ने प्रार्थनापत्र पेश किया. जिसमें 200 से अधिक लोगों को बुग्याल में जाने की अनुमति देने की बात कही गई, जिस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फेस्टिवल में कितने लोग प्रतिभाग करेंगे, उसकी लिस्ट देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई कल होगी.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता फेस्टिवल समिति ने प्रार्थना पत्र में कहा कि 2018 में उच्च न्यायालय ने मखमली घास के मैदानों में पर्यटकों, पर्वतारोही और 200 से अधिक लोगों के आवागमन पर रोक लगा रखी है. साथ ही पक्के निर्माण सहित अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर भी रोक लगा दी थी. भाद्रपक्ष की पहली एकादशी और द्वादशी 15 और 16 अगस्त को पड़ रही है. इसी दौरान यह फेस्टिवल होना है, इसलिए इस आदेश को संसोधित करते हुए बटर फेस्टिवल के लिए 200 से अधिक लोगों के आवागमन के लिए अनुमति दी जाए.
मामले के अनुसार साल 2014 में वेदनी बुग्याल संरक्षक समिति ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि मानवीय दखल से उच्च हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण पर संकट आ गया है. साथ ही उच्च हिमालय की श्रेणी की तलहटी में स्थित बुग्याल यानी मखमली घास के मैदान भी चपेट आ गए हैं. जिसकी वजह से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, इसलिए इनको बचाने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि इन क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियां कम हो.
ये भी पढ़ें-