रीवा: शहर के समान थाना क्षेत्र निवासी एक व्यापारी 6 घंटे तक अपने ही घर में डिजिटल अरेस्ट रहा. बदमाशों ने विडियो कॉल के जरिए युवक को उसके ही घर में कैद रखा और पीड़ित के खाते से अपने खाते में रकम ट्रांसफर करवा लिए. घटना के दूसरे दिन जब युवक को खुद के साथ हुइ साइबर ठगी का एहसास हुआ तो उसके होश उड़ गए. परिजनों के साथ पुलिस थाने पहुंच कर पहुंचकर व्यापारी ने मामले की शिकायत दर्ज कराई. मामला दर्ज कर पुलिस घटना की जांच में जुटी है. जानकारी के मुताबिक रीवा में डिजिटल अरेस्ट का यह पहला मामला है.
रीवा का व्यपारी हुआ साइबर ठगी का शिकार
दरअसल समान थाने के नेहरू नगर के रहने वाले नितिन वर्मा पेशे से व्यपारी हैं. 10 नवंबर को सुबह तकरीबन 8 बजे नितिन के मोबाइल पर एक कॉल आई. कॉल करने वाले शख्स ने नितिन से कहा कि 2 घंटे बाद आपकी मोबाइल सेवा पूरी तरह से बंद हो जाएगी. अधिक जानकारी के लिए हम आपका कॉल कस्टमर केयर को फारवर्ड कर रहे है. इसके बाद कॉल कस्टमर केयर में ट्रांसफर होते ही दूसरी तरफ बैठे शख्स ने नितिन को अपनी बातों में उलझाना शुरू कर दिया और और उसे डराते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की बात कही.
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खाते 180 करोड़ के ड्रग्स खरीदने हवाला देकर व्यापारी को डराया
बदमाश ने पीड़ित से कहा कि आपके खिलाफ दिल्ली में एफआईआर दर्ज हुई है. आपके अधार कार्ड से एक खाता खोला गया था. जिससे 180 करोड़ की ड्रग्स खरीदी गई थी. अब आपके सभी बैंक खातों की जांच होगी. आपके जितने भी बैंक अकाउंट है उसमें जमा रकम हमारे सेफ कस्टडी में जमा कर दें. पीड़ित डर कर ठग गिरोह के झांसे में आ गया. इसके बाद पीड़ित ने 99 हजार, 38 हजार व 12 हजार रुपए बैंक आफ महाराष्ट्र के खाते में ट्रांसफर कर दिये.
अपने ही घर में 6 घंटे तक डिजिटली अरेस्ट रहा व्यापारी
इसके बाद पीड़ित के पास वीडियो कॉल आई जिसमें कहा गया कि आप की जांच की जा रही है. इस दौरान आप किसी से बात नहीं कर सकते. आप एक स्थान पर ही बैठे रहें. बदमाशों के बिछाए गए जाल में पीड़ित फंसता चला गया. सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक वीडियो कॉल के जरिए पूरे 6 घंटे तक वह अपने ही घर में डिजिटली अरेस्ट रहा. ऑनलाइन ठगी का शिकार बनाने के बाद बदमाशों ने व्यापारी को डिजिटली अरेस्ट कर लिया और उससे 10 लाख 73 रुपये की ठगी कर लिए.
ठगों की तलाश जारी साइबर टीम एक्टिव
एसपी विवेक सिंह ने बताया, शिकायतकर्ता व्यापारी नितिन वर्मा दो तरीके से ठगी की शिकार हुआ है. पहला बदमाशों के द्वारा ऑनलाइन वर्क के नाम पर उससे लाखों रुपया रूपये ठगे गए. इसके कुछ दिन बाद उसे डिजिटल अरेस्ट करके लाखों के ठगी की गई. इस तरह से उसके साथ तकरीबन 10 लाख 73 हजार की ठगी की गई है. साइबर टीम एक्टिव है.