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दिल्ली-NCR में पराली जलाने पर लगेगा 15000 तक का जुर्माना, खेतों की होगी मॉनिटरिंग, देखें जुर्माने की लिस्ट - Stubble Burning In DELHI NCR

DELHI NCR POLLUTION UPDATE: सर्दियां शुरू होते ही दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का जहर घुलना शुरू हो जाता है. इसके साथ ठंड के मौसम में किसान फसलों के अवशेष यानी पराली को जलाना शुरू कर देते हैं. इसका सीधा असर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स पर भी देखने को मिलता है.

पराली जलाने पर लगेगा 15000 तक का जुर्माना
पराली जलाने पर लगेगा 15000 तक का जुर्माना (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 1, 2024, 6:41 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हर साल दशहरा के बाद मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही दिल्ली एनसीआर में धुंध नजर आने लगता है. वर्तमान में एनसीआर क्षेत्र के आनंद विहार इलाके का प्रदूषण स्तर रेड जोन में पहुंच चुका है. गाजियाबाद देश के प्रदूषित शहरों में से एक है. ऐसे में अब प्रदूषण की रोकथाम को लेकर इस बार जिला प्रशासन ने योजना तैयार कर कार्यवाही शुरू कर दी है. जिले में पराली जलाने वाले किसानों को जुर्माना तक लगाया जाएगा.

गाजियाबाद में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में अनुश्रवण सेल का गठन किया गया है. जो जनपद स्तर पर मॉनिटरिंग करेगा. तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारियों के नेतृत्व में सचल दस्ते का गठन और राजस्व ग्रामवार क्लस्टर के रूप में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गई है. यह सचल दस्ता और क्लस्टर ग्राम पंचायत और नगर पंचायत स्तर पर जलने वाले पराली और कूड़ा-करकट जलने की निगरानी करेगा. जिन किसानों द्वारा पराली अथवा कूड़ा जलाया जायेगा, उनके विरूद्ध वसूली के साथ-साथ राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम के आलोक में प्रथम सूचना रिपोर्ट की कार्यवाही भी की जाएगी.

पराली जलाने पर लगेगा 15,000 तक का जुर्माना: अपर कृषि निदेशक के मुताबिक, पराली जलाने पर दो एकड़ से कम क्षेत्र में ₹2500, 5 एकड़ जमीन के लिए ₹5000 और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए ₹15000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा. जिला प्रशासन किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक करेगा. साथ ही धान, गेहूं, मक्का, सरसों, जौ आदि फसलों के अपशिष्ट न जलाएं. इसका वैकल्पिक उपयोग बायो एनर्जी, कम्पोस्ट खाद आदि में करने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा.

सर्दियां शुरू होते ही हवा में प्रदूषण का जहर घुलना शुरू: ठंड की शुरुआत होते ही हवा में प्रदूषण का जहर घुलना शुरू हो जाता है. ठंड के मौसम में पराली जलाने की घटनाएं सामने आती हैं. इसके चलते हवा में धुंध की चादर नजर आने लगती है. पराली जलाने की घटनाएं बढ़ते प्रदूषण के पीछे मुख्य कारण मानी जाती हैं. बढ़ती प्रदूषण के चलते विशेष कर बुजुर्गों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आलम यह होता है कि प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली-एनसीआर के लोग घर से निकलना कम कर देते हैं.

ये भी पढ़ें:

  1. प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली में 7 अक्टूबर से एंटी डस्ट अभियान, निगरानी के लिए 530 टीमों का गठन
  2. दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा तो बदलेगा आपके ऑफिस का समय, सड़कों पर पौधे लेकर निकलेंगी महिलाएं, जानिए क्यों

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हर साल दशहरा के बाद मौसम में परिवर्तन होने के साथ ही दिल्ली एनसीआर में धुंध नजर आने लगता है. वर्तमान में एनसीआर क्षेत्र के आनंद विहार इलाके का प्रदूषण स्तर रेड जोन में पहुंच चुका है. गाजियाबाद देश के प्रदूषित शहरों में से एक है. ऐसे में अब प्रदूषण की रोकथाम को लेकर इस बार जिला प्रशासन ने योजना तैयार कर कार्यवाही शुरू कर दी है. जिले में पराली जलाने वाले किसानों को जुर्माना तक लगाया जाएगा.

गाजियाबाद में अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) की अध्यक्षता में अनुश्रवण सेल का गठन किया गया है. जो जनपद स्तर पर मॉनिटरिंग करेगा. तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारियों के नेतृत्व में सचल दस्ते का गठन और राजस्व ग्रामवार क्लस्टर के रूप में विभिन्न विभागों के कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गई है. यह सचल दस्ता और क्लस्टर ग्राम पंचायत और नगर पंचायत स्तर पर जलने वाले पराली और कूड़ा-करकट जलने की निगरानी करेगा. जिन किसानों द्वारा पराली अथवा कूड़ा जलाया जायेगा, उनके विरूद्ध वसूली के साथ-साथ राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम के आलोक में प्रथम सूचना रिपोर्ट की कार्यवाही भी की जाएगी.

पराली जलाने पर लगेगा 15,000 तक का जुर्माना: अपर कृषि निदेशक के मुताबिक, पराली जलाने पर दो एकड़ से कम क्षेत्र में ₹2500, 5 एकड़ जमीन के लिए ₹5000 और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए ₹15000 तक का जुर्माना लगाया जाएगा. जिला प्रशासन किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक करेगा. साथ ही धान, गेहूं, मक्का, सरसों, जौ आदि फसलों के अपशिष्ट न जलाएं. इसका वैकल्पिक उपयोग बायो एनर्जी, कम्पोस्ट खाद आदि में करने के लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा.

सर्दियां शुरू होते ही हवा में प्रदूषण का जहर घुलना शुरू: ठंड की शुरुआत होते ही हवा में प्रदूषण का जहर घुलना शुरू हो जाता है. ठंड के मौसम में पराली जलाने की घटनाएं सामने आती हैं. इसके चलते हवा में धुंध की चादर नजर आने लगती है. पराली जलाने की घटनाएं बढ़ते प्रदूषण के पीछे मुख्य कारण मानी जाती हैं. बढ़ती प्रदूषण के चलते विशेष कर बुजुर्गों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. आलम यह होता है कि प्रदूषण बढ़ने पर दिल्ली-एनसीआर के लोग घर से निकलना कम कर देते हैं.

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