बुरहानपुर। मध्यप्रदेश के सबसे बड़ा केला उत्पादक जिला बुरहानपुर में किसान परेशान हैं. इस साल केले की फसल पर कुकुंबर मोजेक वायरस ने अटैक कर दिया है. जिले के पातोंडा गांव के दर्जनों खेतों में केला फ़सल पर कुकुंबर मोजेक वायरस ने कहर बरपाया है. फसलें खराब हो गई हैं, पौधों का विकास रुक गया है. पत्तियां पीली पड़ रही हैं. ऐसे में किसान परेशान हैं. हालात ये हैं कि किसानों ने अपने खेतों से पूरी फसल उखाड़कर फेंक दी है. कुछ किसान फसलों को उखाड़ने की तैयारी कर रहे हैं. किसानों ने केला फसल को बीमा योजना में शामिल करने की गुहार लगाई है.
ये वायरस बहुत जल्दी फैलता है
पातोंडा गांव में केला उत्पादक किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. यहां 40 से ज्यादा किसानों की फसल पर कुकुंबर मोजेक वायरस ने दस्तक दे दी है. किसानों के मुताबिक सीएमवी वायरस छुआछूत की बीमारी की तरह है. यह एक पौधे से दूसरे पौधे पर तेजी से फैलता है. इससे खड़ी फसल के पत्ते सिकुड़ने लगते हैं. पत्तों पर दाग धब्बे पड़ते हैं. पौधों की बढ़त पर असर पड़ता है, जबकि किसान 3 बार दवाई का छिड़काव कर चुके हैं, लेकिन इस रोग से कोई बचाव नहीं हो पाया.
महाराष्ट्र की तर्ज पर एमपी में भी बीमा योजना की मांग
गुरुवार को पातोंडा गांव के किसान ओमराज बावस्कर, विजय बावस्कर सहित अन्य किसानों ने फसल उखाड़ फेंकी है. पीड़ित किसानों ने कहा कि सरकार पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भी केला फ़सल बीमा योजना लागू की जानी चाहिए, ताकि किसानों के नुकसानी की उचित भरपाई हो सकें. पीड़ित किसान ओमराज बावस्कर ने बताया मैंने 5600 केले के पौधे लगाए हैं. फसल को रोग से बचाने के लिए तीन बार दवाइयों का छिड़काव किया था, लेकिन फ़सल नहीं बच पाई. 3 महीने से फ़सल की बच्चों की तरह देखभाल की, मेहनत पर पानी फिर गया.