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कीचड़ में 'रेल' बनाकर नंगे पैर नन्हे बच्चे 'आओ स्कूल चलें हम', आदिवासी बाहुल्य गांवों की तस्वीर - No basic facilities villages - NO BASIC FACILITIES VILLAGES

मध्यप्रदेश के आदिवासी बाहुल्य गांव विकास को तरस रहे हैं. यहां मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. बुरहानपुर जिले के सोनपुरा गांव में नन्हे बच्चे कीचड़ में नगे पैर स्कूल जाने को मजबूर हैं.

No basic facilities villages
बुरहानपुर के आदिवासी बाहुल्य गांवों की तस्वीर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 10, 2024, 2:01 PM IST

बुरहानपुर। जिले के आदिवासी फालियाओं में बच्चों के लिए शिक्षा के मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं है. अधिकांश फालियाओं में स्कूल तक पहुंच मार्ग कच्चा है. बारिश में इस कच्चे रास्ते पर कीचड़ ही कीचड़ पसरा रहता है. खकनार विकासखंड के ग्राम पंचायत नांदखेड़ा के सोनपुरा में भी यही स्थिति है. यहां स्कूली बच्चों को कच्चे रास्ते से स्कूल जाना पड़ता है. बच्चे कीचड़ से होकर स्कूल पहुंचते हैं. कीचड़ में बच्चों के पैर धंस जाते हैं, इसलिए इन्हें नंगे पैर चलना पड़ता है.

कीचड़ से होकर स्कूल जाते बच्चे (ETV BHARAT)

गांव का पहुंच मार्ग कीचड़ से सराबोर

ग्रामीणों ने कई बार सरकार और प्रशासन से पक्की सड़क की गुहार लगाई लेकिन अभी तक किसी ने सुनवाई नहीं की. प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं की लापरवाही के कारण सोनपुरा गांव के स्कूली बच्चों को पक्की सड़क नसीब नहीं हुई है. इस गांव तक पहुंचने वाला कच्चा मार्ग पूरी तरह कीचड़ से सन जाता है, यहां पैदल चलना भी दूभर हो जाता है, जिसके चलते 3 माह इस गांव के बच्चों को शिक्षा के मंदिर तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब तक जनप्रतिनिधियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है.

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भीम आर्मी ने दी आंदोलन की चेतावनी

इस मामले में भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तू मेढ़े का कहना है "जल्द ही कलेक्टर भव्या मित्तल से मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों के हालातों से अवगत कराएंगे. उनसे समस्या के निराकरण करने और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग करेंगे. यदि जल्द इस समस्या का निराकरण नही हुआ तो भीम आर्मी मैदान में उतरेगी." मेढे ने बताया कि जब वे दौरे पर निकले तो उन्होंने खकनार क्षेत्र के सोनपुरा के बच्चें स्कूल जाते दिखाई दिए, पक्की सड़क के अभाव में बच्चें कीचड़ से निकलने को मजबूर हैं.

बुरहानपुर। जिले के आदिवासी फालियाओं में बच्चों के लिए शिक्षा के मंदिर तक पहुंचना आसान नहीं है. अधिकांश फालियाओं में स्कूल तक पहुंच मार्ग कच्चा है. बारिश में इस कच्चे रास्ते पर कीचड़ ही कीचड़ पसरा रहता है. खकनार विकासखंड के ग्राम पंचायत नांदखेड़ा के सोनपुरा में भी यही स्थिति है. यहां स्कूली बच्चों को कच्चे रास्ते से स्कूल जाना पड़ता है. बच्चे कीचड़ से होकर स्कूल पहुंचते हैं. कीचड़ में बच्चों के पैर धंस जाते हैं, इसलिए इन्हें नंगे पैर चलना पड़ता है.

कीचड़ से होकर स्कूल जाते बच्चे (ETV BHARAT)

गांव का पहुंच मार्ग कीचड़ से सराबोर

ग्रामीणों ने कई बार सरकार और प्रशासन से पक्की सड़क की गुहार लगाई लेकिन अभी तक किसी ने सुनवाई नहीं की. प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं की लापरवाही के कारण सोनपुरा गांव के स्कूली बच्चों को पक्की सड़क नसीब नहीं हुई है. इस गांव तक पहुंचने वाला कच्चा मार्ग पूरी तरह कीचड़ से सन जाता है, यहां पैदल चलना भी दूभर हो जाता है, जिसके चलते 3 माह इस गांव के बच्चों को शिक्षा के मंदिर तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अब तक जनप्रतिनिधियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है.

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इस मामले में भीम आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तू मेढ़े का कहना है "जल्द ही कलेक्टर भव्या मित्तल से मिलकर ग्रामीण क्षेत्रों के हालातों से अवगत कराएंगे. उनसे समस्या के निराकरण करने और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग करेंगे. यदि जल्द इस समस्या का निराकरण नही हुआ तो भीम आर्मी मैदान में उतरेगी." मेढे ने बताया कि जब वे दौरे पर निकले तो उन्होंने खकनार क्षेत्र के सोनपुरा के बच्चें स्कूल जाते दिखाई दिए, पक्की सड़क के अभाव में बच्चें कीचड़ से निकलने को मजबूर हैं.

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