ETV Bharat / state

यहां नहाने से मिलता है चर्म रोगों से छुटकारा, मां जानकी से जुड़ा इस रहस्यमयी कुंड का रहस्य - BURHANPUR MYSTERIES SITA NAHANI

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 13, 2024, 5:25 PM IST

बुरहानपुर के नेपानगर क्षेत्र में एक अद्भुत जलधारा निकलती है, जिसे सीता नहानी के नाम से लोग जानते हैं. लोगों का मानना है कि सीताजी की प्यास बुझाने और स्नान के लिए भगवान राम ने बाण मार कर ये जलधारा प्रवाहित की थी. जो कि आज भी बहती है. कहते हैं कि इस पानी के पीने और स्नान करने से चर्म रोग सही होता है.

BURHANPUR MYSTERIES SITA NAHANI
जानिए बुरहानपुर के सीता नहानी के अद्भुत रहस्य (Etv Bharat)

BURHANPUR MYSTERIES SITA NAHANI: मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला देश में ऐतिहासिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध है. यहां अनगिनत ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जिन्हें निहारने के लिए दूर-दूर से पर्यटक बुरहानपुर आते हैं. इन्हीं सब में एक ऐतिहासिक स्थल नेपानगर में भी मौजूद है. यह ऐतिहासिक स्थल नेपानगर के बीड गांव में स्थित है, जिसे लोग सीता नहानी के नाम से जानते हैं. इस सुरंग से पूरे साल अविरल पानी की धारा बहती है, जिससे नेपानगर की जनता की प्यास बुझाई जाती है. लोगों का मानना है कि इस कुंड का पानी पीने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है, लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय नगर पालिका परिषद की उदासीनता के चलते इसकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.

बुरहानपुर के सीता नहानी के अद्भुत रहस्य (Etv Bharat)

भगवान राम की कृपा से निकली है धारा

जानकारी के मुताबिक नेपानगर की स्थापना वर्ष 1956 में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने की थी. इससे पहले यहा पूरा क्षेत्र सतपुडा जंगल था. लोगों के बीच मान्यता है कि जब त्रेता युग में भगवान श्रीराम 14 वर्षों का वनवास काट रहे थे, तब वह सतपुड़ा का क्षेत्र घुमते हुए नेपानगर आए थे. यहां सीता जी को प्यास लगी, लेकिन यहां उस समय प्यास बुझाने के लिए आसपास नदी, तालाब और बावड़ी नहीं थी. इसके बाद भगवान श्रीराम ने अपने धनुष से एक बांण धरती पर चलाया और उस स्थान से पानी की धारा निकलने लगी. तब जाकर माता सीता ने अपनी प्यास बुझाई और रात्रि विश्राम भी इसी जगह किया.

BURHANPUR MYSTERIES SITA NAHANI
बुरहानपुर के सीता नहानी के अद्भुत रहस्य (Etv Bharat)

आज भी बह रही है अविरल धारा

उसी के बाद से आज तक यहां पानी की अविरल धारा बह रही है, इसलिए इस जगह का नाम सीता नहानी कुंड पड़ गया है. जहां से जल की अविरल धारा बह रही है, वहा कई कुंड बने हुए हैं. जहां लोग आकर स्नान भी करते हैं. सावन के महीने में निकलने वाली कावड़ यात्रा में भी कावड़ियों द्वारा यहीं से अपनी कांवड़ में जल भरकर ले जाया जाता है. सीता नहानी के कुंड से निकलने वाली अविरल धारा का जल इतना साफ होता है कि इसे किसी फिल्टर करने की जरूरत भी नहीं होती है.

ये भी पढ़ें:

बिन पानी सब सून, बुरहानपुर में पेयजल संकट से जूझ रहे हैं लोग, कई किलोमीटर दूर से ला रहे पानी

यहां तिल-तिल बढ़ रही हनुमान जी की मूर्ति, दर्शन करने से दूर हो जाती है पैसों की तंगी

हनुमान जी के अनोखे मुस्लिम भक्त, बचपन से हैं प्रभु श्री राम के दीवाने

चर्म रोगों से मिलता है छुटकारा

स्थानीय लोगों का दावा है कि 'इस कुंड का पानी पीने व स्नान करने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा यह पानी कई असाध्य रोगों से निजात दिलाने में मददगार साबित होता है.' सीता नहानी के कुंड का पानी फिल्टर प्लांट के पानी से भी शुद्ध है. इसका उपयोग बीड गांव की पूरी आबादी करती है. साथ ही कुएं में पानी स्टॉरेज करके नेपानगर में सप्लाई किया जाता है.

Disclaimer : अंधविश्वास को बढ़ावा देना ईटीवी भारत का मकसद नहीं है. ये खबर मान्यताओं पर आधारित है.

BURHANPUR MYSTERIES SITA NAHANI: मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला देश में ऐतिहासिक नगरी के नाम से प्रसिद्ध है. यहां अनगिनत ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं, जिन्हें निहारने के लिए दूर-दूर से पर्यटक बुरहानपुर आते हैं. इन्हीं सब में एक ऐतिहासिक स्थल नेपानगर में भी मौजूद है. यह ऐतिहासिक स्थल नेपानगर के बीड गांव में स्थित है, जिसे लोग सीता नहानी के नाम से जानते हैं. इस सुरंग से पूरे साल अविरल पानी की धारा बहती है, जिससे नेपानगर की जनता की प्यास बुझाई जाती है. लोगों का मानना है कि इस कुंड का पानी पीने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है, लेकिन जिला प्रशासन और स्थानीय नगर पालिका परिषद की उदासीनता के चलते इसकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.

बुरहानपुर के सीता नहानी के अद्भुत रहस्य (Etv Bharat)

भगवान राम की कृपा से निकली है धारा

जानकारी के मुताबिक नेपानगर की स्थापना वर्ष 1956 में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने की थी. इससे पहले यहा पूरा क्षेत्र सतपुडा जंगल था. लोगों के बीच मान्यता है कि जब त्रेता युग में भगवान श्रीराम 14 वर्षों का वनवास काट रहे थे, तब वह सतपुड़ा का क्षेत्र घुमते हुए नेपानगर आए थे. यहां सीता जी को प्यास लगी, लेकिन यहां उस समय प्यास बुझाने के लिए आसपास नदी, तालाब और बावड़ी नहीं थी. इसके बाद भगवान श्रीराम ने अपने धनुष से एक बांण धरती पर चलाया और उस स्थान से पानी की धारा निकलने लगी. तब जाकर माता सीता ने अपनी प्यास बुझाई और रात्रि विश्राम भी इसी जगह किया.

BURHANPUR MYSTERIES SITA NAHANI
बुरहानपुर के सीता नहानी के अद्भुत रहस्य (Etv Bharat)

आज भी बह रही है अविरल धारा

उसी के बाद से आज तक यहां पानी की अविरल धारा बह रही है, इसलिए इस जगह का नाम सीता नहानी कुंड पड़ गया है. जहां से जल की अविरल धारा बह रही है, वहा कई कुंड बने हुए हैं. जहां लोग आकर स्नान भी करते हैं. सावन के महीने में निकलने वाली कावड़ यात्रा में भी कावड़ियों द्वारा यहीं से अपनी कांवड़ में जल भरकर ले जाया जाता है. सीता नहानी के कुंड से निकलने वाली अविरल धारा का जल इतना साफ होता है कि इसे किसी फिल्टर करने की जरूरत भी नहीं होती है.

ये भी पढ़ें:

बिन पानी सब सून, बुरहानपुर में पेयजल संकट से जूझ रहे हैं लोग, कई किलोमीटर दूर से ला रहे पानी

यहां तिल-तिल बढ़ रही हनुमान जी की मूर्ति, दर्शन करने से दूर हो जाती है पैसों की तंगी

हनुमान जी के अनोखे मुस्लिम भक्त, बचपन से हैं प्रभु श्री राम के दीवाने

चर्म रोगों से मिलता है छुटकारा

स्थानीय लोगों का दावा है कि 'इस कुंड का पानी पीने व स्नान करने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा यह पानी कई असाध्य रोगों से निजात दिलाने में मददगार साबित होता है.' सीता नहानी के कुंड का पानी फिल्टर प्लांट के पानी से भी शुद्ध है. इसका उपयोग बीड गांव की पूरी आबादी करती है. साथ ही कुएं में पानी स्टॉरेज करके नेपानगर में सप्लाई किया जाता है.

Disclaimer : अंधविश्वास को बढ़ावा देना ईटीवी भारत का मकसद नहीं है. ये खबर मान्यताओं पर आधारित है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.