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काला ताजमहल और मुगलों की लोकल धरोहर बनेगी इंटरनेशनल, देखना है तो इस हाइवे तो पकड़ें - Kala Taj Mahal Mughals Heritage

बुरहानपुर जिले में कई ऐसी ऐतिहासिक धरोहरें हैं जो भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में एक अलग पहचान बनाए हुए हैं. इन धरोहरों तक पहुंचाने वाली सड़कों का संकट अब खत्म हो सकता है. इसे लेकर जिला प्रशासन ने एक प्रस्ताव भेजा है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 24, 2024, 12:02 PM IST

Updated : Jul 24, 2024, 12:19 PM IST

BURHANPUR HERITAGE SITES ROAD PROPOSAL SENT
काला ताजमहल और आहुखाना तक जल्द बनेगी सड़क (ETV Bharat)

बुरहानपुर: देश सहित विदेशों में मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर अपने खूबसूरत धरोहर के लिए जाना व पहचाना जाता है. कभी इस शहर में मुमताज महल ने अंतिम सांस ली थी और आज भी ये जिला उनकी यादों के लिए जाना जाता है. वहीं विश्व की एकमात्र जीवित भूमिगत जल वितरण प्रणाली कुंडी भंडारे जैसी अद्भुत कला इसके आगोश में समाए हुए हैं. साथ ही यहां काला ताजमहल और आहुखाना जैसी धरोहरों भी शामिल हैं, लेकिन ये धरोहरें इन दिनों पर्यटकों के पहुंच से कोसों हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इनके पहुंच मार्ग बदहाल और जर्जर हो चुके हैं.

प्रस्तावित सड़क मार्ग की जानकारी देतीं कलेक्टर (ETV Bharat)

ऐतिहासिक विरासतों तक पहुंचना होगा आसान

बदहाल सड़कों की वजह से बुरहानपुर की इन ऐतिहासिक विरासतों का दीदार करना या यहां पहुंचना आम पर्यटक के बस की बात नहीं है. हकीकत ये है कि यहां तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं है और यदि सड़क है भी तो बेहद दयनीय स्थिति में. रास्ता कच्चा होने की वजह से कीचड़ से पटा हुआ है. इस मामले को लेकर जिला प्रशासन ने एक अहम खुशखबरी दी है.

काला ताजमहल और आहुखाना तक बनेगी सड़क

केंद्रीय पुरातत्व विभाग यानी एएसआई द्वारा अपने अधीन ऐतिहासिक धरोहरों व इमारतों के संवर्धन के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें काला ताज महल भी शामिल है. काला ताजमहल देश-विदेश में मशहूर है, लेकिन दुर्भाग्य से यहां तक पहुंचने का जो मार्ग है, वहां वाहन तो दूर पैदल चलना भी काफी मुश्किल है. इस मामले को लेकर बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने कहा, ''जिले में स्थित ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व की धरोहरों तक पहुंचने के लिए पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए पर्यटन विभाग की स्वदेश दर्शन योजना में प्रस्ताव भेजा गया है. भारत सरकार द्वारा इसकी मंजूरी मिलते ही जर्जर पहुंच मार्गों का निर्माण कराया जाएगा. ''

kala Taj Mahal Aahukhana road burhanpur mp
बुरहानपुर का काला ताजमहल (ETV Bharat)

बुरहानपुर के ऐतिहासिक साइट्स से जुड़ी ये खबरें जरुर पढ़ें: Burhanpur Sites

यहां नहाने से मिलता है चर्म रोगों से छुटकारा, मां जानकी से जुड़ा इस रहस्यमयी कुंड का रहस्य

ताप्ती नदी की बीच धार में 500 साल पुराना हाथी, बच्चे के साथ गजराज के दर्शन को आतुर लोग

पुरातत्व विभाग कर रहा है अनदेखी

बुरहानपुर से महज 5 किमी दूर स्थित आहुखाना के नाम से मशहूर इमारत जिसका निर्माण तीन-तीन मुगल शासकों ने करवाया था. अब यह भी पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते जर्जर हो रही है. कुछ ऐसा ही हाल काला ताजमहल यानी शाहनवाज के मकबरे का भी है, जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. अगर केंद्र सरकार द्वारा इन रास्तों को मंजूरी दे दी जाती है तो जाहिर सी बात है कि जिले में पर्टयकों की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिलेगा. सड़क निर्माण के साथ-साथ केंद्रीय पुरातत्व विभाग को इन धरोहरों के रख रखाव का भी ध्यान देना चाहिए.

बुरहानपुर: देश सहित विदेशों में मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक शहर बुरहानपुर अपने खूबसूरत धरोहर के लिए जाना व पहचाना जाता है. कभी इस शहर में मुमताज महल ने अंतिम सांस ली थी और आज भी ये जिला उनकी यादों के लिए जाना जाता है. वहीं विश्व की एकमात्र जीवित भूमिगत जल वितरण प्रणाली कुंडी भंडारे जैसी अद्भुत कला इसके आगोश में समाए हुए हैं. साथ ही यहां काला ताजमहल और आहुखाना जैसी धरोहरों भी शामिल हैं, लेकिन ये धरोहरें इन दिनों पर्यटकों के पहुंच से कोसों हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इनके पहुंच मार्ग बदहाल और जर्जर हो चुके हैं.

प्रस्तावित सड़क मार्ग की जानकारी देतीं कलेक्टर (ETV Bharat)

ऐतिहासिक विरासतों तक पहुंचना होगा आसान

बदहाल सड़कों की वजह से बुरहानपुर की इन ऐतिहासिक विरासतों का दीदार करना या यहां पहुंचना आम पर्यटक के बस की बात नहीं है. हकीकत ये है कि यहां तक पहुंचने के लिए सड़क तक नहीं है और यदि सड़क है भी तो बेहद दयनीय स्थिति में. रास्ता कच्चा होने की वजह से कीचड़ से पटा हुआ है. इस मामले को लेकर जिला प्रशासन ने एक अहम खुशखबरी दी है.

काला ताजमहल और आहुखाना तक बनेगी सड़क

केंद्रीय पुरातत्व विभाग यानी एएसआई द्वारा अपने अधीन ऐतिहासिक धरोहरों व इमारतों के संवर्धन के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें काला ताज महल भी शामिल है. काला ताजमहल देश-विदेश में मशहूर है, लेकिन दुर्भाग्य से यहां तक पहुंचने का जो मार्ग है, वहां वाहन तो दूर पैदल चलना भी काफी मुश्किल है. इस मामले को लेकर बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने कहा, ''जिले में स्थित ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व की धरोहरों तक पहुंचने के लिए पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए पर्यटन विभाग की स्वदेश दर्शन योजना में प्रस्ताव भेजा गया है. भारत सरकार द्वारा इसकी मंजूरी मिलते ही जर्जर पहुंच मार्गों का निर्माण कराया जाएगा. ''

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बुरहानपुर का काला ताजमहल (ETV Bharat)

बुरहानपुर के ऐतिहासिक साइट्स से जुड़ी ये खबरें जरुर पढ़ें: Burhanpur Sites

यहां नहाने से मिलता है चर्म रोगों से छुटकारा, मां जानकी से जुड़ा इस रहस्यमयी कुंड का रहस्य

ताप्ती नदी की बीच धार में 500 साल पुराना हाथी, बच्चे के साथ गजराज के दर्शन को आतुर लोग

पुरातत्व विभाग कर रहा है अनदेखी

बुरहानपुर से महज 5 किमी दूर स्थित आहुखाना के नाम से मशहूर इमारत जिसका निर्माण तीन-तीन मुगल शासकों ने करवाया था. अब यह भी पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते जर्जर हो रही है. कुछ ऐसा ही हाल काला ताजमहल यानी शाहनवाज के मकबरे का भी है, जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. अगर केंद्र सरकार द्वारा इन रास्तों को मंजूरी दे दी जाती है तो जाहिर सी बात है कि जिले में पर्टयकों की संख्या में खासा इजाफा देखने को मिलेगा. सड़क निर्माण के साथ-साथ केंद्रीय पुरातत्व विभाग को इन धरोहरों के रख रखाव का भी ध्यान देना चाहिए.

Last Updated : Jul 24, 2024, 12:19 PM IST
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