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बुरहानपुर में केला क्लस्टर की मांग ने फिर पकड़ा जोर, सांसद ने केंद्रीय मंत्री से की मुलाकात - Burhanpur banana cluster Demand

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 9:41 PM IST

बुरहानपुर जिले में किसानों के द्वारा लगातार केला क्लस्टर की स्थापना की मांग की जा रही है. इसको लेकर दिल्ली में बीते दिनों सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल मंत्री चिराग पासवान से मुलाकात की थी. पढ़िए कि केला क्लस्टर बनने से किसानों को क्या-क्या लाभ होगा...

BURHANPUR BANANA CLUSTER DEMAND
बुरहानपुर में केला क्लस्टर की मांग ने फिर पकड़ा जोर (Etv Bharat)

बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के सर्वाधिक केला उत्पादन वाले बुरहानपुर जिले में केला क्लस्टर की स्थापना की मांग फिर जोर पकड़ रही है. दरअसल केला क्लस्टर बनने से जिले के केला उत्पादक किसानों को आधुनिक तकनीकों और नई किस्मों के साथ वैज्ञानिकों की सलाह का लाभ भी मिलेगा. दरअसल बीते दिनों सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान से दिल्ली प्रवास के दौरान मुलाकात कर इस बारे में बातचीत की थी.

बुरहानपुर में केला क्लस्टर की मांग ने फिर पकड़ा जोर (Etv Bharat)

कमलनाथ ने भेजा था केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव

आपको बता दें कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान बुरहानपुर में प्रदेश के पहले केला अनुसंधान केंद्र के लिए मोदी सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने यह कहकर प्रस्ताव खारिज कर दिया था कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के जलगांव में पहले से केला अनुसंधान केंद्र मौजूद हैं, जबकि इसकी दूरी करीब 90 किमी है. वर्ष 2021 में हुए लोकसभा उप चुनाव और बीते लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने जिले में केला क्लस्टर की स्थापना का वादा किया था, लेकिन अब तक यह वादा अधूरा है. सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की चिराग पासवान से मुलाकात के बाद लोगों में इसको लेकर एक बार फिर उम्मीद जगी है. सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि केला क्लस्टर को लेकर मंत्री जी से मुलाकात हुई है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि फिजकल रिपोर्ट मंगाकर इस पर गंभीरता से विचार करेंगे. किसानों की भलाई के लिए जो होगा वह करेंगे.'

ये भी पढ़ें:

केला क्लस्टर बनने से किसानों को होगा ये लाभ

केला क्लस्टर स्थापित होने से जिले के हजारों केला उत्पादक किसानों का केला निर्यात होगा. जिससे किसानों को अपने उपज के अच्छे दाम मिलेंगे. इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. साथ ही किसानों को आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक सलाह मिलेगी. बता दें कि बुरहानपुर जिले में 23 हजार हेक्टेयर रकबे में केला फसल लगाई जाती है. यहां का केला खाड़ी देशों में सप्लाई होती है. इसमें ईरान, इराक, दुबई व बहरीन शामिल हैं. बुरहानपुर के केला की खासी डिमांड है. कई युवाओं ने राष्ट्रीय स्तर भी केला व्यवसाय शुरू किया है, लेकिन केला क्लस्टर के अभाव में किसान आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक सलाह से वंचित हैं. इस वजह से केला क्लस्टर की मांग ने जोर पकड़ ली है.

बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के सर्वाधिक केला उत्पादन वाले बुरहानपुर जिले में केला क्लस्टर की स्थापना की मांग फिर जोर पकड़ रही है. दरअसल केला क्लस्टर बनने से जिले के केला उत्पादक किसानों को आधुनिक तकनीकों और नई किस्मों के साथ वैज्ञानिकों की सलाह का लाभ भी मिलेगा. दरअसल बीते दिनों सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान से दिल्ली प्रवास के दौरान मुलाकात कर इस बारे में बातचीत की थी.

बुरहानपुर में केला क्लस्टर की मांग ने फिर पकड़ा जोर (Etv Bharat)

कमलनाथ ने भेजा था केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव

आपको बता दें कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल के दौरान बुरहानपुर में प्रदेश के पहले केला अनुसंधान केंद्र के लिए मोदी सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने यह कहकर प्रस्ताव खारिज कर दिया था कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के जलगांव में पहले से केला अनुसंधान केंद्र मौजूद हैं, जबकि इसकी दूरी करीब 90 किमी है. वर्ष 2021 में हुए लोकसभा उप चुनाव और बीते लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने जिले में केला क्लस्टर की स्थापना का वादा किया था, लेकिन अब तक यह वादा अधूरा है. सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की चिराग पासवान से मुलाकात के बाद लोगों में इसको लेकर एक बार फिर उम्मीद जगी है. सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि केला क्लस्टर को लेकर मंत्री जी से मुलाकात हुई है. उन्होंने आश्वस्त किया है कि फिजकल रिपोर्ट मंगाकर इस पर गंभीरता से विचार करेंगे. किसानों की भलाई के लिए जो होगा वह करेंगे.'

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केला क्लस्टर बनने से किसानों को होगा ये लाभ

केला क्लस्टर स्थापित होने से जिले के हजारों केला उत्पादक किसानों का केला निर्यात होगा. जिससे किसानों को अपने उपज के अच्छे दाम मिलेंगे. इससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. साथ ही किसानों को आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक सलाह मिलेगी. बता दें कि बुरहानपुर जिले में 23 हजार हेक्टेयर रकबे में केला फसल लगाई जाती है. यहां का केला खाड़ी देशों में सप्लाई होती है. इसमें ईरान, इराक, दुबई व बहरीन शामिल हैं. बुरहानपुर के केला की खासी डिमांड है. कई युवाओं ने राष्ट्रीय स्तर भी केला व्यवसाय शुरू किया है, लेकिन केला क्लस्टर के अभाव में किसान आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक सलाह से वंचित हैं. इस वजह से केला क्लस्टर की मांग ने जोर पकड़ ली है.

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