बुरहानपुर: अफ्रीका की सबसे ऊंची पहाड़ी किलिमंजारो पर भारत का तिरंगा फहराकर पर्वतारोही योगेश कुमार सूरजिया बुरहानपुर लौटे हैं. उनका बुरहानपुर पहुंचने पर परिजनों और रहवासियों ने जोरदार स्वागत किया. योगेश कुमार सूरजिया बुरहानपुर के रोवर रोड स्थित ड्रीम लौंड सिटी कॉलोनी के रहने वाले हैं. हाल ही में उन्होंने किलिमंजारों पर्वत पर फतह हासिल की है. बता दें कि किलिमंजारो पर्वत तंजानिया में स्थित है, जिसकी ऊंचाई करीब 5,895 मीटर है.
4 दिन में पूरी की चढ़ाई
योगेश ने बताया कि "मैंने 4 दिन में किलिमंजारो पहाड़ की चढ़ाई पूरी की है. इसके लिए रोजाना 8 घंटे तक 8 से 12 किलोमीटर तक चलना पड़ा. इस चढ़ाई के दौरान वह अकेले नहीं थे, उनके साथ भारत के कई पर्वतारोही थे. इसके अलावा जर्मनी और पोलैंड के पर्वतारोही भी थे." इस उपलब्धि से देश का मान सम्मान बढ़ा है. इस उपलब्धि से पर्वतारोही योगेश खुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं. वहीं इससे परिजन भी खुश हैं.
योगेश ने यहां सीखी क्लाइबिंग
बता दें कि योगेश सूरजिया ने साल 2019 में अटल बिहारी वाजपेयी माउंटेनियरिंग इंस्टिट्यूट मनाली से पर्वत पर चढ़ाई का प्रशिक्षण हासिल किया है. अब तक वह 4 पहाड़ियों पर क्लाइबिंग कर चुके हैं. योगेश ने क्लाइबिंग से पहले कड़ी मेहनत की, रोजाना प्रैक्टिस की गई. ज्ञात हो कि किलिमंजारो पहाड़ी की ऊंचाई 19 हजार 340 फीट हैं. इस पर चढ़ने के लिए 3 पर्वतारोहियों ने पीठ पर करीब 7 से 8 किलो का वजनी बैग लेकर यात्रा शुरुआत की थी. इस बैग में खाने-पीने का सामान, कपड़े सहित अन्य वस्तुएं शामिल थीं.
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माइनस 15 से 20 डिग्री में की चढ़ाई
पर्वतारोही योगेश कुमार सुरजिया ने बताया कि "जब उन्होंने चढ़ाई शुरू की, तो तापमान माइनस 15 से 20 डिग्री था. ऊंचाई पर तेज हवाएं चलने लग गई, यह पहाड़ी विश्व के सबसे ऊंचे महाद्वीप में से एक है."