बुरहानपुर: जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के बोदरली गांव स्थित मैदान में बुधवार को मेला आयोजित किया गया. आरोप है कि इस मेले में मेला समिति ने हेलों (पशु) की टक्कर भी कराई. जबकि इसके एक दिन पहले थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा और तहसीलदार रामलाल पगारे ने मेला समिति के पदाधिकारियों और पशु मालिकों को कोर्ट व जिला कलेक्टर के आदेशों का हवाला दिया. उन्हें आदेशों के पालन की समझाइश दी गई थी. लेकिन इस समझाइश का उन पर कोई खास असर नहीं हुआ. बावजूद इसके मेला समिति ने हेलो की टक्कर का आयोजन किया.
67 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
इसके बाद शाहपुर थाना पुलिस ने इस टक्कर को कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना करार दिया है. जिसके चलते मेला समिति के 5 पदाधिकारियों और 62 पशु लड़ाने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. शाहपुर पुलिस ने सभी के खिलाफ बीएनएस सहित पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस की इस कार्रवाई से पशु मालिकों में हड़कंप मच गया है. हालांकि खबर लिखे जाने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
परंपरा के नाम पर पशुओं को लड़वाया
बता दें कि, दीपावली के बाद जिले के विभिन्न गांवों में पुरानी परंपरा के नाम पर हेलों की टक्कर कराने का प्रचलन है. मेला समिति दशकों से टक्कर का आयोजन करती आ रही है. कई बार ऐसे आयोजनों पर पाबंदी लगाई जा चुकी है. लेकिन पुरानी परंपरा का हवाला देकर मेला समिति द्वारा प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं. इस बार भी प्रशासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाई गई, लेकिन पुलिस प्रशासन ने ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया है. पुलिस ने मेले में टक्कर कराने सहित पशुओं को लड़ाने वाले पशु पालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. बुधवार देर रात 67 लोगों के खिलाफ बीएनएस सहित पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.
मेला समिति और पशुपालकों पर समझाइश का असर नहीं
शाहपुर थाना प्रभारी अखिलेश मिश्रा ने बताया कि, ''मेला समिति के पदाधिकारियों को एक दिन पहले हेलों की टक्कर नहीं कराने की समझाइश दी गई थी. तहसीलदार और मैंने उन्हें समझाया, बावजूद इसके उन्होंने टक्कर कराई. यह जिला दंडाधिकारी के आदेशों की अवहेलना है. जिसके चलते 67 लोगों के खिलाफ BNS सहित पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है.''