नई दिल्लीः दिल्ली सरकार के मंत्रियों को आवंटित होने वाला बंगला नंबर चार किसी भी मंत्री को रास नहीं आया है. जिसको भी यह बंगला अलॉट हुआ है वह मंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है. किसी न किसी वजह से उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. किसी को विवादों में फंसने की वजह से तो किसी को पार्टी की राजनीति रास नहीं आने की वजह से तो किसी को किसी दूसरी वजह से. आम आदमी पार्टी की वर्ष 2013 में पहली बार सरकार बनने के बाद से लेकर आज तक यही कहानी जारी है. आइए अब बात करते हैं इस बंगले में रह चुके मंत्रियों की.
राखी बिड़ला
28 दिसंबर 2013 को आम आदमी पार्टी की पहली बार की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहीं राखी बिड़ला को समाज कल्याण व महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया था. इसके बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री की हैसियत से सिविल लाइंस स्थित बंगला नंबर चार आवंटित किया गया. लेकिन, 14 फरवरी 2014 को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके चलते राखी बिड़ला का भी मंत्री पद चला गया और वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाईं.
संदीप कुमार
साल 2015 में जब आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ 70 में से 67 सीटें जीतकर सत्ता में आई तो सुल्तानपुर माजरा से विधायक बने संदीप कुमार को समाज कल्याण, एससी-एसटी और महिला एवं बाल विकास मंत्री बनाया गया. संदीप कुमार को भी बंगला नंबर चार आवंटित किया गया. लेकिन साल के अंदर ही उनकी एक कथित सेक्स सीडी वायरल होने पर केजरीवाल ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त करते हुए उन्हें पार्टी से निकाल दिया.
राजेंद्र पाल गौतम
फिर केजरीवाल ने संदीप कुमार की जगह सीमापुरी के विधायक राजेंद्र पाल गौतम को कैबिनेट मंत्री बनाया. गौतम को भी बंगला नंबर चार मिला. लेकिन राजेंद्र गौतम केजरीवाल सरकार के पहले पांच साल के कार्यकाल में चार साल मंत्री रहे. इसके बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के सत्ता में वापसी करने के बाद उन्हें फिर से कैबिनेट मंत्री बनाया गया. पहले से मंत्री होने के कारण वह बंगला नंबर चार में ही रह रहे थे. लेकिन, अक्टूबर 2022 में हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का उनका वीडियो वायरल होने के बाद केजरीवाल ने उनसे इस्तीफा ले लिया. इस तरह वह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.
राजकुमार आनंद
गौतम के बाद अरविंद केजरीवाल ने पटेल नगर के विधायक राजकुमार आनंद को मंत्री बनाया. राजेंद्र गौतम के खाली करने के बाद यह बंगला राजकुमार आनंद को आवंटित किया गया. अब डेढ़ साल तक मंत्री रहने के बाद 10 अप्रैल को राजकुमार आनंद ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने आम आदमी पार्टी पर दलित विरोधी होने और भ्रष्टाचार में डूबे होने का आरोप लगाया.
यह भी पढ़ें-मनीष सिसोदिया की अंतरिम जमानत अर्जी पर CBI-ED को नोटिस, सुनवाई 20 अप्रैल को
यह भी पढ़ें-'केजरीवाल नहीं चाहते कि AAP से कोई दूसरा CM बने'... भाजपा का आतिशी के बयान पर पलटवार