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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास की सजा, 1.30 लाख का लगा जुर्माना - Bundi POCSO Court

बूंदी पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग ने दुष्कर्म करने के आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 1.38 लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.

बूंदी पॉक्सो कोर्ट
बूंदी पॉक्सो कोर्ट (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 16, 2024, 3:09 PM IST

बूंदी. पॉक्सो क्रम संख्या दो के न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए एमपी निवासी आरोपी को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त को 1,38,000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.

घर से स्कूल के लिए निकली थी पीड़िता : विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने बताया कि 27 जनवरी 2021 को एक महिला ने थाने पर आकर रिपोर्ट दी थी. इसमें उसने बताया कि नाबालिग पुत्री सुबह स्कूल जाने का कहकर घर से निकली थी, लेकिन वो वापस घर नहीं आई. आसपास, रिश्तेदारों और दोस्तों में काफी तलाश करने पर भी उसका पता नहीं चला. इसपर उन्होंने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. इसके बाद पुलिस ने नाबालिग पीड़िता को दस्तयाब कर उससे पूछताछ की तब पीड़िता ने एमपी निवासी युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया.

इसे भी पढ़ें. नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपियों को 10 वर्ष का कठोर कारावास, 58 हजार का लगाया जुर्माना - Imprisonment and Fine to Rapist

पुलिस ने अनुसंधान कर आरोपी को गिरफ्तार किया. इसके बाद उसके खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए आरोपी युवक को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त को 1,38,000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ठ लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने 26 गवाह और 37 दस्तावेज प्रदर्शित किए.

बूंदी. पॉक्सो क्रम संख्या दो के न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए एमपी निवासी आरोपी को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त को 1,38,000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.

घर से स्कूल के लिए निकली थी पीड़िता : विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने बताया कि 27 जनवरी 2021 को एक महिला ने थाने पर आकर रिपोर्ट दी थी. इसमें उसने बताया कि नाबालिग पुत्री सुबह स्कूल जाने का कहकर घर से निकली थी, लेकिन वो वापस घर नहीं आई. आसपास, रिश्तेदारों और दोस्तों में काफी तलाश करने पर भी उसका पता नहीं चला. इसपर उन्होंने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. इसके बाद पुलिस ने नाबालिग पीड़िता को दस्तयाब कर उससे पूछताछ की तब पीड़िता ने एमपी निवासी युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया.

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पुलिस ने अनुसंधान कर आरोपी को गिरफ्तार किया. इसके बाद उसके खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए आरोपी युवक को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त को 1,38,000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ठ लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने 26 गवाह और 37 दस्तावेज प्रदर्शित किए.

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