बूंदी. पॉक्सो क्रम संख्या दो के न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सुनवाई करते हुए एमपी निवासी आरोपी को दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त को 1,38,000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.
घर से स्कूल के लिए निकली थी पीड़िता : विशिष्ट लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने बताया कि 27 जनवरी 2021 को एक महिला ने थाने पर आकर रिपोर्ट दी थी. इसमें उसने बताया कि नाबालिग पुत्री सुबह स्कूल जाने का कहकर घर से निकली थी, लेकिन वो वापस घर नहीं आई. आसपास, रिश्तेदारों और दोस्तों में काफी तलाश करने पर भी उसका पता नहीं चला. इसपर उन्होंने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की. इसके बाद पुलिस ने नाबालिग पीड़िता को दस्तयाब कर उससे पूछताछ की तब पीड़िता ने एमपी निवासी युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया.
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पुलिस ने अनुसंधान कर आरोपी को गिरफ्तार किया. इसके बाद उसके खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए आरोपी युवक को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त को 1,38,000 रुपए के जुर्माने से दंडित किया है. अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ठ लोक अभियोजक महावीर प्रसाद मेघवाल ने 26 गवाह और 37 दस्तावेज प्रदर्शित किए.