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टमाटर होगा महंगा, ठंड में ला देगा पसीना, वायरस के अटैक से ब्रेक होगी डिमांड सप्लाई - VIRUS ATTACK TOMATO CROPS

मध्य प्रदेश के बुंदलेखंड की पहचान टमाटर को नजर लग गई है. टमाटर की फसलों पर TLCV वायरस ने अटैक कर दिया है.

VIRUS ATTACK TOMATO CROPS
बुंदेलखंड के टमाटरों का दुश्मन TLCV वायरस (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 12, 2024, 4:01 PM IST

Updated : Dec 12, 2024, 9:51 PM IST

सागर (कपिल तिवारी): प्रदेश के सागर जिले की पहचान बुंदेलखंड ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में रसदार टमाटर की खेती के लिए है. सागर जिले में कई गांव तो ऐसे हैं, जो टमाटर की खेती के चलते मशहूर है, लेकिन इस बार टमाटर उत्पादक किसानों पर मौसम की मार पड़ी है. अचानक से ठंड बढ़ने से टमाटर पर TLCV यानि की (Tomato Leaf Curl Virus) वायरस ने अटैक किया है. जिसे स्थानीय भाषा में लोग कुकरा रोग कहते हैं, क्योंकि इस वायरस के अटैक से टमाटर के पौधे की पत्तियां सिकुड़ जाती है.

बताया जा रहा है कि जिले में सर्वाधिक टमाटर उत्पादन करने वाले चनौआ में करीब तीन सौ एकड़ की फसल इससे बर्बाद हो गयी है. इसके अलावा खुरई, रहली विकासखंड से ऐसी ही खबरें मिल रही है. उद्यानिकी विभाग ने फसलों की रक्षा के लिए किसानों को सलाह दी है.

बुंदेलखंड के किसानों को भारी नुकसान (ETV Bharat)

महंगा बिक रहा था टमाटर

इस बार टमाटर के दाम बाजार में काफी अच्छे मिल रहे हैं, लेकिन अचानक से बढ़ी ठंड ने टमाटर उत्पादक किसानों की फसल को चौपट कर दिया है. जिले में टमाटर की खेती के लिए जाने जाने वाले चनौआ गांव में टमाटर की फसल को कुकरा रोग लग गया है. बताया जा रहा है कि करीब 300 एकड़ में टमाटर की फसल इस रोग के कारण बर्बाद हो गयी है. इस रोग की वजह से टमाटर के पौधे का पत्ता सिकुड़ रहा है, जिससे टमाटर के उत्पादन पर असर पड़ा है. टमाटर उत्पादक किसान तुलसीराम पटेल ने बताया कि "हर साल की तरह उन्होंने इस साल भी करीब 10 एकड़ में टमाटर की खेती की थी, लेकिन कुकरा रोग के कारण ये फसल नष्ट हो गयी है.

Bundelkhand Tomato Farming
टमाटर की फसल पर वायरस का हमला (ETV Bharat)

उन्होंने बताया कि फसल दो महीने बाद जैसे ही फलन के लिए तैयार हुई, तो TLCV वायरस (Tomato Leaf Curl Virus) के कारण कुकरा रोग लग गया. किसानों का कहना है कि टमाटर की खेती की लागत प्रति एकड़ सवा लाख रुपए पड़ी थी, लेकिन फसल खराब होने से लागत निकलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है. वहीं किसानों का कहना है कि पिछले साल भी टमाटर उत्पादक किसानों को नुकसान हुआ था. मावठ गिरने के कारण करीब 4 सौ एकड़ की फसल में झुलसा रोग लग गया है. जिससे फसल बुरी तरह झुलस गई थी. कुकरा रोग के कारण टमाटर पर असर पड़ा है और अच्छा भाव नहीं मिल रहा है. टमाटर का उत्पादन काफी गिर गया है. अब हमें दूसरी फसल के लिए दो से तीन महीने का इंतजार करना पड़ेगा."

TYLCV Virus Attack on Tomato Crops
टमाटर की फसलों पर वायरस अटैक (ETV Bharat)

क्या कहते हैं जिम्मेदार

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के उप संचालक पी एस बडोले बताते हैं कि "टमाटर का रकबा सागर जिले में 15 हजार हेक्टेयर के लगभग है. वर्तमान में ठंड के प्रकोप के कारण TLCV एक वायरस होता है. उसके कारण किसानों को आर्थिक क्षति होती है. इस वायरस पर अभी कोई नियंत्रण नहीं है. ठंड ज्यादा होने के कारण फास्फोरस और सल्फर को अवशोषित करने की गति कम हो जाती है. इस वजह से पौधे को कैल्शियम जम जाता है. वर्तमान में इससे छुटकारा पाने के लिए पीएसव्ही (PSV) कल्चर आता है.

Tomato Crops Destroyed
टमाटर फसलों पर मौसम की मार (ETV Bharat)

इससे वो स्थिर फास्फोरस और कैल्शियम की पूर्ति करता है. अधिक ठंड के कारण फास्फोरस उठाने की क्षमता कम हो जाती है. इसमें कीडे़ अधिक मात्रा में लगने से पत्तियां सिकुड़ जाती है, तो उसके नियंत्रण करता है. फंफूद नाशक और कीटनाशक का स्प्रे करते रहना चाहिए. मेढ़ो पर धुंआ करने पर वायरस का असर कम होगा. वर्तमान में ठंड शुरू हुई है. इसलिए ज्यादा शिकायत नहीं है. अभी 2 से 5 फीसदी ही इलाका प्रभावित हुआ है.

सागर (कपिल तिवारी): प्रदेश के सागर जिले की पहचान बुंदेलखंड ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में रसदार टमाटर की खेती के लिए है. सागर जिले में कई गांव तो ऐसे हैं, जो टमाटर की खेती के चलते मशहूर है, लेकिन इस बार टमाटर उत्पादक किसानों पर मौसम की मार पड़ी है. अचानक से ठंड बढ़ने से टमाटर पर TLCV यानि की (Tomato Leaf Curl Virus) वायरस ने अटैक किया है. जिसे स्थानीय भाषा में लोग कुकरा रोग कहते हैं, क्योंकि इस वायरस के अटैक से टमाटर के पौधे की पत्तियां सिकुड़ जाती है.

बताया जा रहा है कि जिले में सर्वाधिक टमाटर उत्पादन करने वाले चनौआ में करीब तीन सौ एकड़ की फसल इससे बर्बाद हो गयी है. इसके अलावा खुरई, रहली विकासखंड से ऐसी ही खबरें मिल रही है. उद्यानिकी विभाग ने फसलों की रक्षा के लिए किसानों को सलाह दी है.

बुंदेलखंड के किसानों को भारी नुकसान (ETV Bharat)

महंगा बिक रहा था टमाटर

इस बार टमाटर के दाम बाजार में काफी अच्छे मिल रहे हैं, लेकिन अचानक से बढ़ी ठंड ने टमाटर उत्पादक किसानों की फसल को चौपट कर दिया है. जिले में टमाटर की खेती के लिए जाने जाने वाले चनौआ गांव में टमाटर की फसल को कुकरा रोग लग गया है. बताया जा रहा है कि करीब 300 एकड़ में टमाटर की फसल इस रोग के कारण बर्बाद हो गयी है. इस रोग की वजह से टमाटर के पौधे का पत्ता सिकुड़ रहा है, जिससे टमाटर के उत्पादन पर असर पड़ा है. टमाटर उत्पादक किसान तुलसीराम पटेल ने बताया कि "हर साल की तरह उन्होंने इस साल भी करीब 10 एकड़ में टमाटर की खेती की थी, लेकिन कुकरा रोग के कारण ये फसल नष्ट हो गयी है.

Bundelkhand Tomato Farming
टमाटर की फसल पर वायरस का हमला (ETV Bharat)

उन्होंने बताया कि फसल दो महीने बाद जैसे ही फलन के लिए तैयार हुई, तो TLCV वायरस (Tomato Leaf Curl Virus) के कारण कुकरा रोग लग गया. किसानों का कहना है कि टमाटर की खेती की लागत प्रति एकड़ सवा लाख रुपए पड़ी थी, लेकिन फसल खराब होने से लागत निकलने की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है. वहीं किसानों का कहना है कि पिछले साल भी टमाटर उत्पादक किसानों को नुकसान हुआ था. मावठ गिरने के कारण करीब 4 सौ एकड़ की फसल में झुलसा रोग लग गया है. जिससे फसल बुरी तरह झुलस गई थी. कुकरा रोग के कारण टमाटर पर असर पड़ा है और अच्छा भाव नहीं मिल रहा है. टमाटर का उत्पादन काफी गिर गया है. अब हमें दूसरी फसल के लिए दो से तीन महीने का इंतजार करना पड़ेगा."

TYLCV Virus Attack on Tomato Crops
टमाटर की फसलों पर वायरस अटैक (ETV Bharat)

क्या कहते हैं जिम्मेदार

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के उप संचालक पी एस बडोले बताते हैं कि "टमाटर का रकबा सागर जिले में 15 हजार हेक्टेयर के लगभग है. वर्तमान में ठंड के प्रकोप के कारण TLCV एक वायरस होता है. उसके कारण किसानों को आर्थिक क्षति होती है. इस वायरस पर अभी कोई नियंत्रण नहीं है. ठंड ज्यादा होने के कारण फास्फोरस और सल्फर को अवशोषित करने की गति कम हो जाती है. इस वजह से पौधे को कैल्शियम जम जाता है. वर्तमान में इससे छुटकारा पाने के लिए पीएसव्ही (PSV) कल्चर आता है.

Tomato Crops Destroyed
टमाटर फसलों पर मौसम की मार (ETV Bharat)

इससे वो स्थिर फास्फोरस और कैल्शियम की पूर्ति करता है. अधिक ठंड के कारण फास्फोरस उठाने की क्षमता कम हो जाती है. इसमें कीडे़ अधिक मात्रा में लगने से पत्तियां सिकुड़ जाती है, तो उसके नियंत्रण करता है. फंफूद नाशक और कीटनाशक का स्प्रे करते रहना चाहिए. मेढ़ो पर धुंआ करने पर वायरस का असर कम होगा. वर्तमान में ठंड शुरू हुई है. इसलिए ज्यादा शिकायत नहीं है. अभी 2 से 5 फीसदी ही इलाका प्रभावित हुआ है.

Last Updated : Dec 12, 2024, 9:51 PM IST
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