लखनऊ: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से सभी मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. मुख्य सचिव ने निकट भविष्य में पुलिस की भर्ती परीक्षा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा परीक्षा केन्द्र का चयन कर सूची 27 जून तक भर्ती बोर्ड को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि समिति उचित गुणवत्ता के केंद्रों के चयन के लिए पूरी तरह से उत्तरदायी होगी.
नए नियम के साथ पुलिस भर्ती की तैयारी
- इस बार सेंटर्स का चयन दो श्रेणी में किया जाना है.
- श्रेणी ए में राजकीय माध्यमिक विद्यालय, राजकीय डिग्री कॉलेज, केन्द्र के विश्वविद्यालय, पॉलीटेक्निक, राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज व राजकीय मेडिकल कॉलेज को शामिल किया गया है.
- श्रेणी बी में ख्याति प्राप्त तथा सुविधा संपन्न वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थाओं को शामिल किया गया है, जो काली सूची में न हों, संदिग्ध व विवादित न हों.
- परीक्षा केन्द्र के चयन में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि परीक्षा केंद्र यथासंभव नगरीय क्षेत्र में हों.
- आवश्यकता पड़ने पर परीक्षा केंद्र का चयन नगरीय क्षेत्र के 10 किमी के व्यास में मुख्य मार्ग पर स्थित हो.
- परीक्षा केंद्र की किसी भी दशा में निगेटिव रिपोर्ट नहीं होनी चाहिए.
- प्रश्न पत्रों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए.
- परीक्षा की सेंसटिविटी को ध्यान में रखते हुए ट्रेजरी में अलग कक्ष की व्यवस्था की जाए.
- ट्रेजरी कक्ष की डबल लॉक में और उसकी सीसीटीवी के 24*7 निगरानी की व्यवस्था होनी चाहिए.
- ट्रेजरी कक्ष को परीक्षा के उद्देश्य के अतिरिक्त न खोला जाए.
एक जुलाई से बदल जाएंगे तीन कानून: उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 से लागू होंगे. 1 जुलाई से नए कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी. 1 जुलाई से पूर्व दर्ज मुकदमों में पुराने कानून के आधार पर ही कार्रवाई होगी. आम लोगों में किसी तरह असमंजस की स्थिति नहीं होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को सभी थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, इसमें पुलिस कर्मियों के अतिरिक्त स्थानीय लोगों को आमंत्रित किया जाए और कानून के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाए. उन्होंने यह भी कहा कि नए कानून के बारे में पुलिस विभाग द्वारा तैयारी की गई बुकलेट का वितरण विवेचना अधिकारियों को करा दिया जाए. विवेचना अधिकारी बुकलेट को हमेशा अपनी पॉकेट में रखें, यह उनके लिए रेफ्रेंस का काम करेगी.
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि नए कानून में अपराध स्थल से लेकर जांच और मुकदमे तक की प्रक्रियाओं को तकनीक से जोड़ा गया है. गवाहों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही देने की भी आजादी होगी. नई तकनीक के जरिए मामलों के निस्तारण में तेजी आएगी और न्याय जल्दी मिलेगा.
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को प्रत्येक थाने पर विशेष कार्यक्रम होना है, इसकी सभी तैयारी पूरी कर ली जाए. कानून लागू होने के उपरांत जिन तत्काल हस्तक्षेप (intervention) की आवश्यकता हैं, उनका विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए. सभी पुलिस कर्मियों की विधिवत ट्रेनिंग पूरी हो जाए. ट्रेनिंग पूरी कर चुके कर्मी को पुनः ट्रेनिंग की आवश्यकता हो तो उनकी रिफ्रेशमेंट ट्रेनिंग करा दी जाए.
नए कानून के बारे में प्रशिक्षण सामग्री एनसीआरबी के संकलन एप और पुलिस विभाग की वेबसाइट पर अपलोड है. उन्होंने एग्रीस्टैक योजनान्तर्गत फार्मर रजिस्ट्री के लिए 01 जुलाई से 31 जुलाई, 2024 तक प्रत्येक ग्राम में आबादी के अनुसार 2-5 दिन कैंप मोड में अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. कैंप में कृषक को आधार एवं भूलेख विवरण के साथ प्रतिभाग करने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए.
जिसमें ग्रामवार कैंप के आयोजन के स्थल, समय एवं दिनांक की जानकारी कृषकों दी जाए. कैंप के लिए सार्वजानिक स्थल का चयन किया जाए. यथासंभव ग्राम पंचायत भवन में कैंप लगाये जाएं. जहां पर कार्मिकों के बैठने की व्यवस्था भी करायी जाए.
उन्होंने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने के लिए कैंप आयोजन किए जाएं. इसके लिए लेखपाल, तकनीकी सहायक, बीटीएम, एटीएम, कृषि सखी आदि तथा जनपद एवं तहसील स्तरीय मास्टर ट्रेनर्स की नियुक्ति समय से सुनिश्चित कराया जाए. 30 जून, 2024 के पूर्व कार्मिकों का प्रशिक्षण करा लिया जाए. कैंप के तिथि स्थल एवं समय के साथ ग्रामवार विस्तृत कार्य योजना समय से तैयार कर लिया जाए.
पीएम किसान योजना के अंतर्गत 19वीं किस्त प्राप्त करने के लिए फार्मर रजिस्ट्री को अनिवार्य किया गया है. अतः फार्मर रजिस्ट्री में पीएम किसान के लाभार्थियों को अनिवार्य रूप से सम्मिलित किया जाए.
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