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पूर्वांचल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी की मूर्ति के लिए बने फाउंडेशन पर चला बुलडोजर, विधानसभा में हंगामा - Late Harishankar Tiwari

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 1, 2024, 11:59 AM IST

Updated : Aug 1, 2024, 4:36 PM IST

गोरखपुर के गांव टाडा में स्व. हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बनाए गए चबूतरे को ध्वस्त कराने के बाद सियासत गरमा गई है. सपा के राष्ट्रीय सचिव पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे पर चला बुलडोजर
हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे पर चला बुलडोजर (Photo credit: ETV Bharat)
हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे पर चला बुलडोजर (Video credit: ETV Bharat)

गोरखपुर : यूपी की राजनीति का बड़ा नाम रहे पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बनाए गए चबूतरे को जिला प्रशासन ने बुधवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. जिसके बाद हड़कंप मच गया. इस दौरान अधिकारियों को विरोध का सामना भी करना पड़ा. मामले में हरिशंकर तिवारी के पुत्र पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी का आरोप है कि योगी सरकार की यह कार्रवाई जबरदस्ती और राजनीति से प्रेरित है. बता दें कि बडहलगंज थाना क्षेत्र में स्थित हरिशंकर तिवारी के पैतृक गांव टाडा में चबूतरे का निर्माण किया गया था, जिस पर दिवंगत नेता की प्रतिमा स्थापित की जाने वाली थी. वहीं यह मुद्दा गुरुवार को विधानसभा में भी गूंजा. सपा विधायकों ने हंगामा किया.

हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे पर चला बुलडोजर
हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे पर चला बुलडोजर (Photo credit: ETV Bharat)

यूपी की राजनीति का बड़ा नाम रहे पंडित हरिशंकर तिवारी. उनकी पहचान बाहुबली नेता के रूप में भी होती थी, हालांकि अब वह इस दुनिया में नहीं रहे. उत्तर प्रदेश के पांच मुख्यमंत्री के कार्यकाल में इन्हें करीब 11 वर्षों तक लगातार कैबिनेट मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त था. सात बार वह लगातार विधायक चुने गए थे. उनके गांव के लोगों ने ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर उनके नाम से प्रवेश द्वार बनवाया था. उसके ठीक बगल में ग्राम सभा की भूमि पर उनकी प्रतिमा स्थापित की जानी थी. उसकी स्थापना के लिए चबूतरा बनाया जा रहा था. बुधवार को जिला प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में चबूतरे को ध्वस्त कर दिया. जिसके बाद स्थानीय लोगों की अधिकारियों से तीखी नोंकझोक भी हुई. इस कार्रवाई के बाद जिले के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र समेत पूरे जिले में सियासत गरमा गई है.

स्व. हरिशंकर तिवारी के पुत्र पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं. उन्होंने कहा कि योगी सरकार की यह कार्रवाई जबरदस्ती और राजनीति से प्रेरित है. प्रतिमा स्थापना के लिए सभी प्रक्रिया अपनाई गई थी. प्रशासन ने अपनी मनमानी से चबूतरे को तोड़ा है, जबकि 5 अगस्त को इसका अनावरण होना तय था. उन्होंने कहा कि यह सत्ता के अहंकार की पराकाष्ठा है. उन्होंने कहा कि इसका निर्णय समय आने पर चिल्लूपार विधानसभा के लोग तो करेंगे ही देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भिन्न भिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे स्व. पण्डित हरिशंकर तिवारी का जन्म दिवस 5 अगस्त को है. उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गांव टाड़ा के ग्राम प्रधान और ग्राम प्रबंध समिति के लोगों ने गांव के मुख्य द्वार का नामकरण उनके नाम पर करने और वहीं बगल में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया था. विधिक रूप से प्रस्ताव बनाकर उसे स्वीकृति के लिए उपजिलाधिकारी गोला को प्रेषित किया गया था.

उन्होंने कहा कि गांव के मुख्य द्वार पर लिखा गया स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी का नाम सत्ता के नशे में चूर विधायक के गुंडों ने रात के अंधेरे में चोरी से मिटा दिया था. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गार्ड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार में सम्मानित किया गया हो. जिस व्यक्ति को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो. मुलायम सिंह यादव, मायावती की सरकारों ने भी जिन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर लगातार सम्मानित किया हो. ब्राह्मण अस्मिता के पर्याय रहे हों. उनके मरने के बाद लगातार उन्हें अपमानित किया जा रहा हो तो हमें क्या करना चाहिए? गांव में उनकी मूर्ति स्थापित हो यह निर्णय उनके पुत्रों का नहीं था, यह निर्णय ग्रामवासियों का है.

इस मामले में जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि टांडा गांव में नवीन परती की जमीन पर चबूतरा बनाए जाने की शिकायत तहसील प्रशासन को मिली थी. इस मामले में प्रधान को चबूतरा न बनाने को कहा गया था, लेकिन प्रधान द्वारा ऐसा नहीं किया गया. इसके बाद तहसील प्रशासन द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की गई है. ग्राम प्रधान दयाशंकर तिवारी ने कहा कि गांव के प्रवेश द्वार के बगल में नवीन परती की भूमि पर पूर्व मंत्री की प्रतिमा स्थापित कर श्रद्धांजलि देने के लिए, डुगडुगी पिटवाकर सर्वसम्मत से ग्राम सभा का प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसे एसडीएम गोला को अनुमति प्रदान करने के लिए प्रस्ताव भी दिया गया था, लेकिन अनुमति क्यों नहीं मिल रही थी. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया. यह कार्रवाई गलत है.

इस मामले में गोला तहसील के एसडीएम राजू कुमार ने कहा कि राजस्व जांच में अवैध निर्माण की पुष्टि होने के बाद एक सप्ताह पहले ग्राम प्रधान से चबूतरा हटवाने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने न तो काम रोका और नहीं निर्माण हटवाया. जिस पर कार्रवाई की गई है. इस मामले में उन्होंने बताया कि टांडा गांव के राजा वशिष्ठ तिवारी के द्वारा शिकायत की गई थी, जिसमें बताया गया था कि ग्राम सभा के प्रधान और ग्राम वासियों के द्वारा ग्राम समाज की भूमि पर मूर्ति स्थापित करने के उद्देश्य से चबूतरे का निर्माण कराया जा रहा है. ग्राम समाज की भूमि पर कोई भी निर्माण करने के लिए नियमानुसार पहले प्रस्ताव होता है, जिसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी. बुधवार को उप जिलाधिकारी, सीओ रत्नेश्वर सिंह मौके पहुंचे. इस दौरान उन्हें ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ा. हरिशंकर तिवारी की जयंती (5 अगस्त) पर बड़ा आयोजन होना है.

यह भी पढ़ें : सरकार किसी की भी हो हरिशंकर बनते थे मंत्री, पहली बार जेल से जीता था चुनाव

यह भी पढ़ें : पूर्व कैबिनेट मंत्री और यूपी के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का निधन

हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे पर चला बुलडोजर (Video credit: ETV Bharat)

गोरखपुर : यूपी की राजनीति का बड़ा नाम रहे पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बनाए गए चबूतरे को जिला प्रशासन ने बुधवार को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. जिसके बाद हड़कंप मच गया. इस दौरान अधिकारियों को विरोध का सामना भी करना पड़ा. मामले में हरिशंकर तिवारी के पुत्र पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी का आरोप है कि योगी सरकार की यह कार्रवाई जबरदस्ती और राजनीति से प्रेरित है. बता दें कि बडहलगंज थाना क्षेत्र में स्थित हरिशंकर तिवारी के पैतृक गांव टाडा में चबूतरे का निर्माण किया गया था, जिस पर दिवंगत नेता की प्रतिमा स्थापित की जाने वाली थी. वहीं यह मुद्दा गुरुवार को विधानसभा में भी गूंजा. सपा विधायकों ने हंगामा किया.

हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे पर चला बुलडोजर
हरिशंकर तिवारी की प्रतिमा के लिए बने चबूतरे पर चला बुलडोजर (Photo credit: ETV Bharat)

यूपी की राजनीति का बड़ा नाम रहे पंडित हरिशंकर तिवारी. उनकी पहचान बाहुबली नेता के रूप में भी होती थी, हालांकि अब वह इस दुनिया में नहीं रहे. उत्तर प्रदेश के पांच मुख्यमंत्री के कार्यकाल में इन्हें करीब 11 वर्षों तक लगातार कैबिनेट मंत्री होने का सौभाग्य प्राप्त था. सात बार वह लगातार विधायक चुने गए थे. उनके गांव के लोगों ने ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित कर उनके नाम से प्रवेश द्वार बनवाया था. उसके ठीक बगल में ग्राम सभा की भूमि पर उनकी प्रतिमा स्थापित की जानी थी. उसकी स्थापना के लिए चबूतरा बनाया जा रहा था. बुधवार को जिला प्रशासन ने पुलिस बल की मौजूदगी में चबूतरे को ध्वस्त कर दिया. जिसके बाद स्थानीय लोगों की अधिकारियों से तीखी नोंकझोक भी हुई. इस कार्रवाई के बाद जिले के चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र समेत पूरे जिले में सियासत गरमा गई है.

स्व. हरिशंकर तिवारी के पुत्र पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं. उन्होंने कहा कि योगी सरकार की यह कार्रवाई जबरदस्ती और राजनीति से प्रेरित है. प्रतिमा स्थापना के लिए सभी प्रक्रिया अपनाई गई थी. प्रशासन ने अपनी मनमानी से चबूतरे को तोड़ा है, जबकि 5 अगस्त को इसका अनावरण होना तय था. उन्होंने कहा कि यह सत्ता के अहंकार की पराकाष्ठा है. उन्होंने कहा कि इसका निर्णय समय आने पर चिल्लूपार विधानसभा के लोग तो करेंगे ही देश और प्रदेश के निवासियों को भी करना है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भिन्न भिन्न सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे स्व. पण्डित हरिशंकर तिवारी का जन्म दिवस 5 अगस्त को है. उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गांव टाड़ा के ग्राम प्रधान और ग्राम प्रबंध समिति के लोगों ने गांव के मुख्य द्वार का नामकरण उनके नाम पर करने और वहीं बगल में उनकी प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया था. विधिक रूप से प्रस्ताव बनाकर उसे स्वीकृति के लिए उपजिलाधिकारी गोला को प्रेषित किया गया था.

उन्होंने कहा कि गांव के मुख्य द्वार पर लिखा गया स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी का नाम सत्ता के नशे में चूर विधायक के गुंडों ने रात के अंधेरे में चोरी से मिटा दिया था. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को मृत्योपरांत गार्ड ऑफ ऑनर देकर इसी सरकार में सम्मानित किया गया हो. जिस व्यक्ति को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के सानिध्य में भी सम्मान मिलता रहा हो. मुलायम सिंह यादव, मायावती की सरकारों ने भी जिन्हें कैबिनेट मंत्री बनाकर लगातार सम्मानित किया हो. ब्राह्मण अस्मिता के पर्याय रहे हों. उनके मरने के बाद लगातार उन्हें अपमानित किया जा रहा हो तो हमें क्या करना चाहिए? गांव में उनकी मूर्ति स्थापित हो यह निर्णय उनके पुत्रों का नहीं था, यह निर्णय ग्रामवासियों का है.

इस मामले में जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि टांडा गांव में नवीन परती की जमीन पर चबूतरा बनाए जाने की शिकायत तहसील प्रशासन को मिली थी. इस मामले में प्रधान को चबूतरा न बनाने को कहा गया था, लेकिन प्रधान द्वारा ऐसा नहीं किया गया. इसके बाद तहसील प्रशासन द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की गई है. ग्राम प्रधान दयाशंकर तिवारी ने कहा कि गांव के प्रवेश द्वार के बगल में नवीन परती की भूमि पर पूर्व मंत्री की प्रतिमा स्थापित कर श्रद्धांजलि देने के लिए, डुगडुगी पिटवाकर सर्वसम्मत से ग्राम सभा का प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसे एसडीएम गोला को अनुमति प्रदान करने के लिए प्रस्ताव भी दिया गया था, लेकिन अनुमति क्यों नहीं मिल रही थी. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया. यह कार्रवाई गलत है.

इस मामले में गोला तहसील के एसडीएम राजू कुमार ने कहा कि राजस्व जांच में अवैध निर्माण की पुष्टि होने के बाद एक सप्ताह पहले ग्राम प्रधान से चबूतरा हटवाने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने न तो काम रोका और नहीं निर्माण हटवाया. जिस पर कार्रवाई की गई है. इस मामले में उन्होंने बताया कि टांडा गांव के राजा वशिष्ठ तिवारी के द्वारा शिकायत की गई थी, जिसमें बताया गया था कि ग्राम सभा के प्रधान और ग्राम वासियों के द्वारा ग्राम समाज की भूमि पर मूर्ति स्थापित करने के उद्देश्य से चबूतरे का निर्माण कराया जा रहा है. ग्राम समाज की भूमि पर कोई भी निर्माण करने के लिए नियमानुसार पहले प्रस्ताव होता है, जिसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी. बुधवार को उप जिलाधिकारी, सीओ रत्नेश्वर सिंह मौके पहुंचे. इस दौरान उन्हें ग्रामीणों के विरोध का भी सामना करना पड़ा. हरिशंकर तिवारी की जयंती (5 अगस्त) पर बड़ा आयोजन होना है.

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Last Updated : Aug 1, 2024, 4:36 PM IST
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