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फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ के थिएटर पर चला बुलडोजर, खंडहर से इतिहास हो गई जबलपुर की एम्पायर टॉकीज - Jabalpur Empire Theatre - JABALPUR EMPIRE THEATRE

जबलपुर के एम्पायर टॉकीज पर मंगलवार को प्रशासन बुलडोजर चला है. सागर में हुई घटना को देखते हुए जर्जर हुई इस टॉकीज को गिरा दिया गया. बता दें महाकौशल का यह पहला थियटर था.

JABALPUR EMPIRE THEATRE
फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ के थिएटर पर चला बुलडोजर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 10:40 PM IST

जबलपुर। जिले की एंपायर थिएटर अब किस्सा बन गया है. इसके पुराने खंडहर पर जबलपुर जिला प्रशासन ने मंगलवार को बुलडोजर चला दिया और इस इमारत को पूरी तरह जमींदोज कर दिया है. भारतीय सिनेमा के कई मशहूर कलाकार इससे जुड़े रहे हैं. फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ ने इस थिएटर को खरीदा था. इसके बाद कई बड़े कलाकार यहां आए, लेकिन बीते कुछ समय से यह संपत्ति विरान पड़ी थी. जिला प्रशासन ने इसे खतरनाक घोषित करते हुए आज गिरा दिया.

फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ के थिएटर पर चला बुलडोजर (ETV Bharat)

महाकौशल का पहला थिएटर एम्पायर

जबलपुर के सिविल लाइन में 1918 में अंग्रेजों ने एक थिएटर बनाया था. जिसे एम्पायर थिएटर के नाम से जाना जाता था. यह पूरे महाकौशल इलाके का पहला थिएटर था, इसमें लाइव प्रोग्राम होते थे. यह पूरा क्षेत्र एंपायर थिएटर के नाम से ही जाना जाता था. इसके सामने जो चौराहा है, उसे एम्पायर चौराहे के नाम से जाना जाता था. कुल मिलाकर इस पूरे क्षेत्र की पहचान एम्पायर थिएटर की वजह से थी. यहां दिन भर चहल कदमी बनी रहती थी. अंग्रेज और उस जमाने के रईस इस थिएटर को देखने के लिए और थिएटर में होने वाले कार्यक्रमों को देखने के लिए आते थे.

कलाकार प्रेमनाथ ने खरीद ली थी संपत्ति

यह थिएटर उस जमाने के युवाओं के लिए एक कोतूहल का विषय था, इसीलिए भारतीय फिल्म जगत के मशहूर कलाकार प्रेमनाथ रीवा से जबलपुर एम्पायर थिएटर में होने वाले कार्यक्रमों को देखने के लिए आते थे और वह इस थिएटर के दीवाने थे. इसलिए जब भारत स्वतंत्र हुआ, अंग्रेज भारत से चले गए, तब फिल्म कलाकार प्रेमनाथ ने इस पूरी संपत्ति को खरीद लिया और लंबे समय तक उन्होंने एम्पायर थिएटर को जिंदा रखा. बाद में इसे टॉकीज बना दिया था. 25 साल पहले तक यहां टॉकीज थी. जिसमें लगातार फिल्में चलती थी.

जबलपुर के इतिहास में रुचि रखने वाले पंकज सघी का कहना है कि 'इस थिएटर के ठीक पीछे प्रेमनाथ का बंगला था और इस बंगले में राज कपूर और उनका पूरा परिवार भी कई बार आकर रुकता था. ऋषि कपूर और रणधीर कपूर भी बचपन में इस बंगले में कई बार आए हैं, क्योंकि प्रेमनाथ का परिवार रीवा से जबलपुर शिफ्ट हो गया था और प्रेमनाथ की बहन की शादी राज कपूर के साथ हुई थी. प्रेमनाथ की मृत्यु के बाद यह संपत्ति उनके पुत्र मोंटी को मिली. मोंटी मुंबई में रहते हैं और लंबे समय तक उन्होंने इस संपत्ति का टैक्स जमा नहीं किया, इसलिए कैंट बोर्ड ने उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया और यह संपत्ति कैंट बोर्ड ने अपने अधिकार में ले ली थी.

एम्पायर टॉकीज पर चला बुलडोजर

हालांकि जबलपुर के कलाकार लगातार यह मांग करते रहे हैं कि एम्पायर थिएटर और उसके पीछे की जमीन के साथ पुराना बंगला जबलपुर की ऐतिहासिक विरासत है. इससे देश के कई नामी गिरामी कलाकारों का जुड़ाव रहा है. इसलिए इस संपत्ति को संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया जाए, लेकिन कलाकारों की इन मांगों पर किसी ने गौर नहीं किया और 2012 में एम्पायर टॉकीज के सड़क की तरफ वाला हिस्सा गिर गया. तब से इस इमारत को जर्जर घोषित कर दिया गया था. इसके आसपास बोर्ड लगा दिए गए थे कि यह इमारत खतरनाक हो गई है और कोई भी इसके पास से न गुजरे.

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बीते दिनों सागर में एक जर्जर मकान के गिरने के बाद जबलपुर जिला प्रशासन ने भी एक मुहिम शुरू की है. जिसमें जबलपुर की पुरानी जर्जर इमारत को गिराया जा रहा है. जिला प्रशासन ने ऐसे लगभग 94 भवन तय किए हैं. जिन्हें गिराया जाना है, इन्हीं में से सबसे पहले एम्पायर टॉकीज के ऊपर बुलडोजर चला और आज इस बिल्डिंग को पूरी तरह गिरा दिया गया है.

जबलपुर। जिले की एंपायर थिएटर अब किस्सा बन गया है. इसके पुराने खंडहर पर जबलपुर जिला प्रशासन ने मंगलवार को बुलडोजर चला दिया और इस इमारत को पूरी तरह जमींदोज कर दिया है. भारतीय सिनेमा के कई मशहूर कलाकार इससे जुड़े रहे हैं. फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ ने इस थिएटर को खरीदा था. इसके बाद कई बड़े कलाकार यहां आए, लेकिन बीते कुछ समय से यह संपत्ति विरान पड़ी थी. जिला प्रशासन ने इसे खतरनाक घोषित करते हुए आज गिरा दिया.

फिल्म अभिनेता प्रेमनाथ के थिएटर पर चला बुलडोजर (ETV Bharat)

महाकौशल का पहला थिएटर एम्पायर

जबलपुर के सिविल लाइन में 1918 में अंग्रेजों ने एक थिएटर बनाया था. जिसे एम्पायर थिएटर के नाम से जाना जाता था. यह पूरे महाकौशल इलाके का पहला थिएटर था, इसमें लाइव प्रोग्राम होते थे. यह पूरा क्षेत्र एंपायर थिएटर के नाम से ही जाना जाता था. इसके सामने जो चौराहा है, उसे एम्पायर चौराहे के नाम से जाना जाता था. कुल मिलाकर इस पूरे क्षेत्र की पहचान एम्पायर थिएटर की वजह से थी. यहां दिन भर चहल कदमी बनी रहती थी. अंग्रेज और उस जमाने के रईस इस थिएटर को देखने के लिए और थिएटर में होने वाले कार्यक्रमों को देखने के लिए आते थे.

कलाकार प्रेमनाथ ने खरीद ली थी संपत्ति

यह थिएटर उस जमाने के युवाओं के लिए एक कोतूहल का विषय था, इसीलिए भारतीय फिल्म जगत के मशहूर कलाकार प्रेमनाथ रीवा से जबलपुर एम्पायर थिएटर में होने वाले कार्यक्रमों को देखने के लिए आते थे और वह इस थिएटर के दीवाने थे. इसलिए जब भारत स्वतंत्र हुआ, अंग्रेज भारत से चले गए, तब फिल्म कलाकार प्रेमनाथ ने इस पूरी संपत्ति को खरीद लिया और लंबे समय तक उन्होंने एम्पायर थिएटर को जिंदा रखा. बाद में इसे टॉकीज बना दिया था. 25 साल पहले तक यहां टॉकीज थी. जिसमें लगातार फिल्में चलती थी.

जबलपुर के इतिहास में रुचि रखने वाले पंकज सघी का कहना है कि 'इस थिएटर के ठीक पीछे प्रेमनाथ का बंगला था और इस बंगले में राज कपूर और उनका पूरा परिवार भी कई बार आकर रुकता था. ऋषि कपूर और रणधीर कपूर भी बचपन में इस बंगले में कई बार आए हैं, क्योंकि प्रेमनाथ का परिवार रीवा से जबलपुर शिफ्ट हो गया था और प्रेमनाथ की बहन की शादी राज कपूर के साथ हुई थी. प्रेमनाथ की मृत्यु के बाद यह संपत्ति उनके पुत्र मोंटी को मिली. मोंटी मुंबई में रहते हैं और लंबे समय तक उन्होंने इस संपत्ति का टैक्स जमा नहीं किया, इसलिए कैंट बोर्ड ने उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया और यह संपत्ति कैंट बोर्ड ने अपने अधिकार में ले ली थी.

एम्पायर टॉकीज पर चला बुलडोजर

हालांकि जबलपुर के कलाकार लगातार यह मांग करते रहे हैं कि एम्पायर थिएटर और उसके पीछे की जमीन के साथ पुराना बंगला जबलपुर की ऐतिहासिक विरासत है. इससे देश के कई नामी गिरामी कलाकारों का जुड़ाव रहा है. इसलिए इस संपत्ति को संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया जाए, लेकिन कलाकारों की इन मांगों पर किसी ने गौर नहीं किया और 2012 में एम्पायर टॉकीज के सड़क की तरफ वाला हिस्सा गिर गया. तब से इस इमारत को जर्जर घोषित कर दिया गया था. इसके आसपास बोर्ड लगा दिए गए थे कि यह इमारत खतरनाक हो गई है और कोई भी इसके पास से न गुजरे.

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