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लखनऊ में 250 अवैध प्लाटिंग पर चलेगा बुलडोजर, SCR के गठन होने से भूमाफियाओं को नहीं मिलेगी राहत - Illegal Plating Lucknow

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 29, 2024, 3:39 PM IST

Updated : Aug 29, 2024, 5:59 PM IST

राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करने का रास्ता साफ हो गया है. अभी तक राज्य राजधानी क्षेत्र (SCR) के गठन होने से जिला पंचायत विभाग उहापोह की स्थिति में था. लेकिन शासन की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है. ऐसे में जल्द ही अवैध प्लाटिंग पर बुलडोजर चलेगा.

लखनऊ में अवैध प्लाटिंग पर चलेगा बुलडोजर.
लखनऊ में अवैध प्लाटिंग पर चलेगा बुलडोजर. (Etv Bharat)

लखनऊ: राजधानी के करीब 200 अवैध प्लॉटिंग करने वाली कंपनियां राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के गठन होने पर राहत की सांस ले रहे थी. एससीआर के गठन होने पर जिला पंचायत की ओर से मिली नोटिस और कार्रवाई से मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी थी. लेकिन जिला पंचायत ने आवास एवं शहरी विभाग के साथ बातचीत कर यह स्पष्ट कर दिया है कि कार्रवाई नहीं रूकेगी. अब भी करीब 250 अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर कार्रवाई करने का हक है, जिसे जल्द ही शुरू कर दिया जायेगा.

जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ज्योति कुमार दीक्षित. (Video Credit; ETV Bharat)
जिला पंचायत विभाग ने कंपनियों को भेजा था नोटिसः दरअसल, राजधानी के ग्रामीण इलाकों में भोले भाले लोगों को बेवकूफ बना अवैध प्लॉटिंग करने वाली कंपनियां बिना नक्शा पास करवाए ही प्लॉट बेच रहे थे. जिससे कंपनिया तो खुद पैसा लेकर भाग जाती हैं लेकिन प्लॉट लेने वाला आम आदमी कार्रवाई की जद में आ जाता था. लिहाजा जिला पंचायत ऐसे ही अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर शिकंजा कसता है. बीते कुछ माह में जिला पंचायत ने करीब ढाई सौ कंपनियों को सीजिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने के लिए नोटिस भेजा था.एससीआर के गठन के बाद जिला पंचायत ने लिखा था पत्रः इसी बीच जुलाई माह में योगी सरकार ने लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) का गठन कर दिया था. ऐसे में उपाहपोह की स्थिति बन गई कि अब उन अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर कार्रवाई कौन और कब करेगा. इसी का रास्ता निकालने के लिए जिला पंचायत कार्यालय ने आवास एवं शहरी विभाग को पत्र लिखकर यह जानना चाहा था कि एससीआर के गठन के बाद ग्रामीण इलाकों में मानचित्र स्वीकृत करने में क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. क्या जिला पंचायत अपने क्षेत्र में आने वाले अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर कार्रवाई कर सकती है.इस अध्यादेश के तहत SCR नहीं आयेगा कार्रवाई के बीचः अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत लखनऊ ज्योति कुमार दीक्षित ने बताया कि जिला पंचायत के पत्र पर मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश ने अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को जवाब देते हुए पत्र भेजा था. जिसमें बताया गया है कि राज्य राजधानी क्षेत्र व अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यादेश की धारा -3 की उपधारा-एक के अधीन अधिसूचित उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत समस्त अभिकरण अपने अधिनियम की व्यस्थानुसार यथावत कार्य करते रहेंगे. यानि कि जिला पंचायत पहली की कार्रवाई कर सकता है.सौ गांवों में अवैध प्लाटिंगः अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन जोन से जिला पंचायत के अधिकार क्षेत्र को लेकर थोड़ी असमंजस की स्थिति थी. लेकिन पत्राचार के बाद अब स्थिति साफ हो गई है. ऐसे में हम ऐसे लोगों पर कार्रवाई तेज करने जा रहे है जिन्होंने अवैध प्लॉटिंग की है या कर रहे हैं. जिला पंचायत ने ढाई सौ से अधिक अवैध प्लॉटिंग करने वालों को नोटिस दे रखी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे. अब यह कार्रवाई शुरू होने जा रही है. जिससे लाखों लोग जो इन अवैध प्लॉटिंग के चक्कर में फंस अपनी पूंजी फंसाते हैं, उन्हें बचाया जा सके. राजधानी में 482 गांव है जिसमें, 100 से अधिक गांवों में हो रही अवैध प्लॉटिंग करने वाले कार्रवाई की जद में है. एससीआर में 6 जिले शामिलः बता दें एनसीआर की तर्ज पर बने एससीआर में 6 जिलों लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव के कुल 27,826 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्रफल को शामिल किया गया है. राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन से इस भूभाग पर ढाई करोड़ से अधिक आबादी के लिए सुनियोजित विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर का पथ तैयार होगा.

इसे भी पढ़ें-SCR के गठन की अधिसूचना जारी, लखनऊ सहित छह जिलों को मिलाकर बनेगी सुपर सिटी, 28000 वर्ग किमी का होगा एक समान विकास

लखनऊ: राजधानी के करीब 200 अवैध प्लॉटिंग करने वाली कंपनियां राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के गठन होने पर राहत की सांस ले रहे थी. एससीआर के गठन होने पर जिला पंचायत की ओर से मिली नोटिस और कार्रवाई से मुक्ति मिलने की उम्मीद जगी थी. लेकिन जिला पंचायत ने आवास एवं शहरी विभाग के साथ बातचीत कर यह स्पष्ट कर दिया है कि कार्रवाई नहीं रूकेगी. अब भी करीब 250 अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर कार्रवाई करने का हक है, जिसे जल्द ही शुरू कर दिया जायेगा.

जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ज्योति कुमार दीक्षित. (Video Credit; ETV Bharat)
जिला पंचायत विभाग ने कंपनियों को भेजा था नोटिसः दरअसल, राजधानी के ग्रामीण इलाकों में भोले भाले लोगों को बेवकूफ बना अवैध प्लॉटिंग करने वाली कंपनियां बिना नक्शा पास करवाए ही प्लॉट बेच रहे थे. जिससे कंपनिया तो खुद पैसा लेकर भाग जाती हैं लेकिन प्लॉट लेने वाला आम आदमी कार्रवाई की जद में आ जाता था. लिहाजा जिला पंचायत ऐसे ही अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर शिकंजा कसता है. बीते कुछ माह में जिला पंचायत ने करीब ढाई सौ कंपनियों को सीजिंग व ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने के लिए नोटिस भेजा था.एससीआर के गठन के बाद जिला पंचायत ने लिखा था पत्रः इसी बीच जुलाई माह में योगी सरकार ने लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) का गठन कर दिया था. ऐसे में उपाहपोह की स्थिति बन गई कि अब उन अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर कार्रवाई कौन और कब करेगा. इसी का रास्ता निकालने के लिए जिला पंचायत कार्यालय ने आवास एवं शहरी विभाग को पत्र लिखकर यह जानना चाहा था कि एससीआर के गठन के बाद ग्रामीण इलाकों में मानचित्र स्वीकृत करने में क्या प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए. क्या जिला पंचायत अपने क्षेत्र में आने वाले अवैध प्लॉटिंग करने वालों पर कार्रवाई कर सकती है.इस अध्यादेश के तहत SCR नहीं आयेगा कार्रवाई के बीचः अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत लखनऊ ज्योति कुमार दीक्षित ने बताया कि जिला पंचायत के पत्र पर मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश ने अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को जवाब देते हुए पत्र भेजा था. जिसमें बताया गया है कि राज्य राजधानी क्षेत्र व अन्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यादेश की धारा -3 की उपधारा-एक के अधीन अधिसूचित उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत समस्त अभिकरण अपने अधिनियम की व्यस्थानुसार यथावत कार्य करते रहेंगे. यानि कि जिला पंचायत पहली की कार्रवाई कर सकता है.सौ गांवों में अवैध प्लाटिंगः अपर मुख्य अधिकारी ने बताया कि राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन जोन से जिला पंचायत के अधिकार क्षेत्र को लेकर थोड़ी असमंजस की स्थिति थी. लेकिन पत्राचार के बाद अब स्थिति साफ हो गई है. ऐसे में हम ऐसे लोगों पर कार्रवाई तेज करने जा रहे है जिन्होंने अवैध प्लॉटिंग की है या कर रहे हैं. जिला पंचायत ने ढाई सौ से अधिक अवैध प्लॉटिंग करने वालों को नोटिस दे रखी थी, लेकिन कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे. अब यह कार्रवाई शुरू होने जा रही है. जिससे लाखों लोग जो इन अवैध प्लॉटिंग के चक्कर में फंस अपनी पूंजी फंसाते हैं, उन्हें बचाया जा सके. राजधानी में 482 गांव है जिसमें, 100 से अधिक गांवों में हो रही अवैध प्लॉटिंग करने वाले कार्रवाई की जद में है. एससीआर में 6 जिले शामिलः बता दें एनसीआर की तर्ज पर बने एससीआर में 6 जिलों लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, रायबरेली और उन्नाव के कुल 27,826 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्रफल को शामिल किया गया है. राज्य राजधानी क्षेत्र के गठन से इस भूभाग पर ढाई करोड़ से अधिक आबादी के लिए सुनियोजित विकास और इंफ्रास्ट्रक्चर का पथ तैयार होगा.

इसे भी पढ़ें-SCR के गठन की अधिसूचना जारी, लखनऊ सहित छह जिलों को मिलाकर बनेगी सुपर सिटी, 28000 वर्ग किमी का होगा एक समान विकास

Last Updated : Aug 29, 2024, 5:59 PM IST
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