वाराणसी: वाराणसी में नरिया इलाके में सड़क चौड़ीकरण अभियान के दौरान करीब 200 साल पुराने हनुमान जी के मंदिर पर बुलडोजर चला. स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी लोगों के आंखों के सामने देखते ही देखते मंदिर धराशाई हो गया. काशी के लंका के नरिया तिराहे के हनुमान मंदिर को रोड चौड़ीकरण के नाम पर हटाया गया. हालांकि मंदिर का संरक्षण करने वाले परिवार का कहना है कि, प्रशासन ने पहले नया मंदिर बनवाकर दिया था. जिसमें भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा करा दी गई है. मंदिर के संरक्षक रूपेंद्र कांत उपाध्याय ने बताया कि, यह मंदिर काशी का सबसे प्रचीन था. जिसमें शंकर भगवान, दुर्गा जी, हनुमानजी की मूर्ति स्थापित थी. उन्होंने बताया कि यह मंदिर 200 साल पुराना है. हमारे दादा जी ने इसे स्थापित किया था. जिसमें नरिया क्षेत्र के लोग पूजा अर्चना करते थे.
रूपेंद्र कांत उपाध्याय ने कहा कि, रोड चौड़ीकरण को लेकर हम लोगों की बैठक जिला प्रशासन से हुआ था. जिसपर यह सहमति बनी थी कि, मंदिर के ही बगल में एक जमीन पर उसी स्वरूप में मंदिर बनाकर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि, मंदिर टूटने से पहले भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा नये मंदिर में कर दिया गया है.
वहीं स्थानीय पार्षद सुशीला देवी ने विधायक और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर मांग की है कि वार्ड 54 नरिया के तिरमुहाणी पर स्थित श्री दुःख हरण हनुमान मंदिर को नए स्थान पर स्थांतरित किया गया है, लेकिन मंदिर से ही सटा हुआ एक सार्वजनिक शौचालय है. जिसकी वजह से मंदिर की पवित्रता और स्वच्छता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. श्रद्धालुओं को भी पूजा-अर्चना में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. पार्षद प्रतिनिधि राजीव पटेल ने कहा कि, एडीएम से इसको लेकर वार्ता हुई है उन्होंने इसे हटाने के लिए सहमति दी है.
बता दें कि, वाराणसी के लहरतारा-बीएचयू फोरलेन का निर्माण होना है. इसके अलावा पहड़िया चौराहे को विस्तार दिया जाएगा. चौराहे की सड़कों को 26 मीटर से बढ़ाकर लगभग 45 मीटर किया जाएगा. चौराहे को खोलने के कार्य में बाधक बनने वाली सड़क के दोनों तरफ की लगभग 50 दुकानों और भवनों पर प्रशासन का हथौड़ा चलेगा. इसकी तैयारियों को तेजी से अंतिम रूप दिया जा रहा है.