भोपाल: मध्य प्रदेश की बुधनी विधानसभा सीट पर एक बार फिर चुनावी जंग शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस परंपरागत सीट पर इस बार बीजेपी ने विदिशा से पूर्व सांसद रहे रमाकांत भार्गव और कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है. शिवराज सिंह चौहान के उम्मीदवार न होने से कांग्रेस को इस बार इस सीट पर जीत की उम्मीद जागी है. पार्टी ने एक बार फिर राजकुमार पटेल को उतारा है, जो 1993 में इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं.
बुधनी पर बीजेपी हमेशा रही मजबूत
बुधनी सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कई बार कांटे की टक्कर रही है. बुधनी विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1957 में हुआ था, जिसे कांग्रेस के राजकुमारी सुराज काला ने जीता था. इसके बाद से इस सीट पर 17 बार चुनाव हुए हैं. इनमें से 5 बार ही कांग्रेस जीत दर्ज कर सकी. जबकि 11 बार बीजेपी और 1 बार 1962 में निर्दलीय उम्मीदवार ने चुनाव जीता था. बुधनी विधानसभा सीट पर 1998 के बाद से कांग्रेस कभी वापसी नहीं कर पाई. 1998 में कांग्रेस के देव कुमार पटेल ने आखिरी चुनाव जीता था.
शिवराज सिंह जीत चुके 6 बार चुनाव
पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सीट से 6 बार चुनाव जीता है. 2023 के विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की थी. उन्होंने बुधनी सीट से 70.70 फीसदी वोट प्राप्त किए थे. उन्हें 1 लाख 64 हजार 951 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार और अभिनेता रहे विक्रम मस्ताल शर्मा 59 हजार 977 वोट लेकर हार गए थे. शिवराज सिंह चौहान इस सीट से 1990 और फिर 2006, 2008, 2013, 2018 और 2023 तक 6 बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.
2006 के विधानसभा चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार पटेल को हराकर विधायक का पहला चुनाव जीता था. 2008 के चुनाव में कांग्रेस के महेश सिंह राजपूत बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान से भारी अंतर से चुनाव हारे थे. 2013 के चुनाव में कांग्रेस नेता महेन्द्र सिंह चौहान भी 84 हजार से ज्यादा मतों से बीजेपी के शिवराज सिंह से चुनाव हार गए थे. 2018 के चुनाव में पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव को कांग्रेस ने इस सीट से उतारा था, लेकिन वे भी 31 फीसदी से जयादा वोट हासिल नहीं कर पाए थे और चुनाव हार गए थे. वे शिवराज सिंह चौहान से 58 हजार 999 मतों से हार गए थे.
शिवराज के बेटे कार्तिकेय ने संभाला मोर्चा
बुधनी विधानसभा सीट में किरार और यादव समाज के मतदाता निर्णयक हैं. इसके अलावा ब्राह्मणों की संख्या भी असर कारक है. पिछले लगातार पांच चुनावों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उतरने की वजह से कांग्रेस के लिए चुनाव चुनौतीपूर्ण लगता रहा है. उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार का चेहरा बदलने के चलते कांग्रेस को इस सीट पर वापसी की उम्मीद है. हालांकि बीजेपी उम्मीदवार रमाकांत भार्गव के चुनाव मैदान में उतरने के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की परंपरागत सीट पर प्रचार का मोर्चा उनके बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान पर संभाल रहे हैं.
2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने बुधनी में प्रचार और चुनाव प्रबंधन की पूरी जिम्मेदारी संभाली थी. उधर कांग्रेस ने कई नेताओं को इस सीट की जिम्मेदारी सौंपी है. अब देखना होगा कि कांग्रेस को इस बार सफलता हाथ लगती है या फिर यहां कमल ही खिलेगा.