कुल्लू: सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है और इस बार वैशाख मास की पूर्णिमा 23 मई वीरवार को मनाई जाएगी. इसे वैशाख पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है और इस पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी पूरे भारत में मनाया जाता है. क्योंकि इसी दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इसके अलावा पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान का भी विशेष एवं महत्व होता है. बुद्ध पूर्णिमा दुनिया भर में बौद्ध समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण त्योहार है. ऐसे में 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा भारत में धूमधाम से मनाई जाएगी.
आचार्य दीप कुमार का कहना है कि हिंदू पंचांग के अनुसार पूर्णिमा तिथि बुधवार 22 मई को शाम 6:00 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 23 मई वीरवार रात 7:22 पर होगा. ऐसे में उदय तिथि के अनुसार बुद्ध पूर्णिमा 23 मई वीरवार को मनाई जाएगी. वहीं, इस दिन स्नान एवं दान का शुभ समय सुबह 4:04 मिनट से लेकर सुबह 5:26 तक रहेगा. बुद्ध पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग 23 मई को सुबह 9:15 पर शुरू होगा और इसका समापन 24 मई को सुबह 5:26 पर होगा.
आचार्य दीप कुमार ने बताया कि इसके अलावा शिवयोग का निर्माण 23 मई को दोपहर 12 बजे से लेकर 24 मई को सुबह 11:22 पर तक रहेगा. बुद्ध पूर्णिमा के दिन भक्त स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें. इसके अलावा पीपल के वृक्ष को भी जल अर्पित करना चाहिए. वहीं, भक्त अपने समर्थ के अनुसार दान भी करें.
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