लखनऊ: बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर हाल ही में अपने बेहद करीबी नेता व समधी डॉ. अशोक सिद्धार्थ पर की गई कार्रवाई को लेकर सफाई दी. उन्होंने पोस्ट के जरिये इशारा किया कि पार्टी हित से बड़ा मेरे लिए कोई नहीं है, फिर चाहे वह कितना ही सगा क्यों न हो. उन्होंने इस तरफ भी इशारा किया कि जिस तरह बसपा के संस्थापक कांशीराम की उत्तराधिकारी होने के नाते मैंने पार्टी को अपना पूरा जीवन दिया.
उसी तरह पार्टी का कोई वास्तविक उत्तराधिकारी तभी होगा जब पार्टी हित के बारे में सोचेगा. यह इशारा उन्होंने अपने भतीजे व पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व उत्तराधिकारी आकाश आनंद के लिए किया है. बसपा अध्यक्ष मायावती ने पोस्ट किया है कि देश में डॉ. भीमराव आंबेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता तक पहुंचाने के लिए, पार्टी संस्थापक कांशीराम के सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन हैं और बहुजन-हित सर्वोपरि है.
उन्होंने लिखा कि कांशीराम की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देकर संघर्ष जारी रखूंगी, ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें.
कांशीराम की तरह ही मेरे जीते जी भी पार्टी व मूवमेन्ट का कोई भी वास्तविक उत्तराधिकारी तभी चुना जायेगा जब वह भी कांशीराम के अन्तिम सांस तक उनकी शिष्या की तरह पार्टी व मूवमेन्ट को हर दुःख-तकलीफ उठाकर, उसे आगे बढ़ाने में पूरे जी-जान से लगातार लगा रहे. साथ ही देश भर में बीएसपी के छोटे-बड़े सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को भी पार्टी प्रमुख द्वारा निर्देश, निर्धारित अनुशासन एवं दायित्व के प्रति पूरी निष्ठा व ईमानदारी से जवाबदेह होकर पूरे तन, मन, धन से लगातार काम करते रहना जरूरी है.
इसी जिम्मेदारी के साथ खासकर कैडर के बल पर, जमीनी स्तर पर पार्टी संगठन की मजबूती व सर्वसमाज में जनाधार को बढ़ाने के साथ ही आगे भी हर चुनाव की तैयारी में पूरी दमदारी के साथ लगना है, जिससे बहुजन समाज की एकमात्र आशा की किरण बीएसपी को अपेक्षित व प्रतीक्षित सफलता मिल सके.
1. बीएसपी, देश में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवाँ को सत्ता तक पहुँचाने हेतु, मान्यवर श्री कांशीराम जी द्वारा सब कुछ त्यागकर स्थापित की गई पार्टी व मूवमेन्ट, जिसमें स्वार्थ, रिश्ते-नाते आदि महत्वहीन अर्थात बहुजन-हित सर्वोपरि है।
— Mayawati (@Mayawati) February 16, 2025
2. इसी क्रम में मान्यवर श्री कांशीराम जी की शिष्या व उत्तराधिकारी होने के नाते उनके पदचिन्हों पर चलते हुए मैं भी अपनी आखिरी सांस तक हर कुर्बानी देेकर संघर्ष जारी रखूंगी ताकि बहुजन समाज के लोग राजनीतिक गुलामी व सामाजिक लाचारी के जीवन से मुक्त होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
— Mayawati (@Mayawati) February 16, 2025
बता दें कि हाल ही में बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर, अपने बेहद करीबी नेता व समधी डॉ अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निकाल दिया. सियासी गलियारों में मायावती के इस कदम की जमकर चर्चा हुई. कहा गया कि मायावती के फैसले पहले की तरह ही सख्त है. कार्रवाई करने के दौरान वह नहीं सोचती कि कोई रिश्तेदार है या पार्टी नेता. पार्टी पर जब आंच आती दिखती है तो कार्रवाई कर ही देती हैं.
फिलहाल डॉ. अशोक सिद्धार्थ पर कार्रवाई किए जाने के बाद इस पर खूब चर्चा हुई. सियासी गलियारों में यह भी चर्चा है कि जितने राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए उन राज्यों में डॉ अशोक सिद्धार्थ को मायावती ने प्रभारी बनाया. अपने भतीजे आकाश आनंद को भी राज्यों का प्रभार दिया, लेकिन पार्टी का प्रदर्शन यहां पर बेहद ही दोयम दर्जे का रहा. चर्चाएं तो यह भी हैं कि मायावती इस बात से भी खफा हैं कि भतीजे आकाश आनंद को अशोक सिद्धार्थ जैसा करने को कह रहे हैं. आकाश वही कर रहे हैं. इसका पार्टी को नुकसान हो रहा है, इसलिए बसपा अध्यक्ष ने आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
बता दें कि अशोक सिद्धार्थ की बेटी से मायावती ने ही अपने भतीजे आकाश आनंद के लिए हाथ मांगा था और शादी कराई थी. लेकिन अभी हाल ही में अशोक सिद्धार्थ के बेटे की शादी हुई तो उसमें आकाश आनंद ने शिरकत की और खूब एंजॉय किया. बसपा सुप्रीमो को यह भी नागवार गुजारा है. यही वजह है कि मायावती ने आज की अपनी पोस्ट में इशारा किया है कि पार्टी का असली उत्तराधिकारी वही होगा जो पार्टी के हित में सोचेगा. ऐसे में लोकसभा चुनाव के दौरान पहले से ही अपनी बुआ मायावती की कार्रवाई का दंश झेल चुके आकाश आनंद को भी फिक्र सताने लगी है.
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उमड़ी भीड़ के बीच, रेलवे की गंभीर लापरवाही के कारण, मची भगदड़ में काफी लोगों की हुई मौत व घायल होने की घटना दुखद है. पीड़ितों के प्रति मेरी गहरी संवेदना. सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ितों की पूरी मदद भी करे.
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