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68 साल की मायावती फिर बनीं बसपा अध्यक्ष; आकाश आनंद का भी कद बढ़ा, मिली 4 राज्यों में चुनाव की जिम्मेदारी - BSP Supremo Mayawati

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 10:14 AM IST

Updated : Aug 27, 2024, 3:39 PM IST

मायावती ने सक्रिय राजनीतिक सन्यास लेने की अफवाहों पर पूरी तरह अंकुश लगा दिया है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मायावती के एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन गया है. इसके साथ ही भतीजे आकाश आनंद का भी कद बढ़ा है.

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यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव के लिए मायावती ने कसी कमर. (Photo Credit; ETV Bharat)

लखनऊ: राजधानी स्थित बसपा मुख्यालय में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक बार फिर मायावती को अगले पांच सालों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. इसके साथ ही भतीजे आकाश आनंद का भी कद बढ़ाया गया है. आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर के साथ चार राज्यों का चुनावी प्रभारी बनाया गया है.

बसपा सुप्रीमो मायावती की बैठक की LIVE रिपोर्ट. (Video Credit; ETV Bharat)

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने 68 वर्षीय मायावती को छठवीं बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद बैठक में शामिल देश भर के बसपा के पदाधिकारी, राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष व कार्यकारिणी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से मायावती राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना. मायावती 2003 से लगातार इस पद पर बनी हुई हैं. इसके साथ ही बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आकाश आनंद का भी कद बढ़ाया गया. नेशनल कोऑर्डिनेटर के साथ ही आकाश आनंद को हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके बाद बैठक में संगठन की मजबूती और वोट बैंक बढ़ाने सहित विधानसभा चुनाव को लेकर हुई चर्चा. मायावती ने बैठक में चुनाव जीतने का मूलमंत्र दिया. बता दें कि एक दिन पहले मायावती सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने की अफवाह उड़ी थी. जिसको अफवाह बताते हुए मायावती ने तत्काल राजनीति से सन्यास लेने की बात से इनकार कर दिया था. अब फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर अफवाहों पर पूरी तरह विराम लगा दिया है.

मायावती ने पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के बहुजनों के हित के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का मूवमेन्ट अब इतना मज़बूत करना है कि इसको अब विरोधियों के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों प्रकार के जबरदस्त हथकण्डे भी कमजोर ना कर सके. 'बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय' के कल्याणकारी सिद्धान्त पर संघर्ष जारी रखेंगे.

बैठक में पदाधिकारियों से मायावती ने की ये अपील.
बैठक में पदाधिकारियों से मायावती ने की ये अपील. (BSP)

मायावती ने कहा कि पहले के गैर-कांग्रेसवाद की तरह ही अब देश की राजनीति ग़ैर-भाजपावाद में उलझ कर रह गयी है. जबकि ये दोनों ही पार्टियां व इनके गठबंधन देश के बहुजन अर्थात दलितों, आदिवासियों, ओबीसी, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के सच्चे हितैषी न कभी थे और न ही कभी इनके सच्चे हितैषी हो सकते हैं. क्योंकि इन बहुजनों के प्रति इनकी सोच हमेशा ही किसी की खुलकर तो किसी की भीतर ही भीतर संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक द्वेषपूर्ण व तिरस्कारी रही है, जो संविधान की असली मंशा से कतई भी मेल नहीं खाती हैं.

आरक्षण के संवैधानिक सकारात्मक प्रावधानों के ज़रिए इनकी सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत में सुधार का लक्ष्य न्यूनतम स्तर पर ही बना हुआ है. अब तो इन्होंने आपस में मिलकर षडयंत्र के तहत आरक्षण की व्यवस्था को ही पूरी तरह से निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया है.इनके सरकार में इनकी बैकलाग के खाली पड़े पदों को भी भरा नहीं जा रहा है. मायावती ने कहा कि 2024 के लोकसभा आमचुनाव में भी यही सब कुछ खुले तौर पर देखने को मिला. केन्द्र में भाजपा व कांग्रेस दोनों की ही जातिवादी एवं अहंकारी सरकार बनाने से रोकने में बहुजन समाज काफी हद तक पिछड़ गया. बीएसपी अगर चुनाव में मजबूती से आगे बढ़ती तो ऐसी परिस्थिति को रोका जा सकता है.

बसपा के राष्ट्रीय सचिव सतीश मिश्रा ने X पर पोस्ट कर मायावती को बधाई दी है. उन्होंने लिखा 'आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय बहन कुमारी जी को सर्व सम्मति से छठी बार बहुजन समाज पार्टी का राष्ट्रिय अध्यक्ष चुना गया है. मैं अपनी और पार्टी के सभी पदाधिकारियों की ओर से माननीय बहन जी को पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं.'

बीएसपी की इस बैठक में केंद्रीय कार्यकारिणी कमेटी, ऑल इंडिया और स्टेट पार्टी यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ-साथ देश भर से चयनित पार्टी के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में पार्टी के उत्तराधिकारी व नेशनल कन्वीनर आकाश आनंद भी शामिल हुए. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, मंडल कोऑर्डिनेटर, प्रभारी और जिलाध्यक्ष भी मौजूद रहे.

ये भी पढ़ेंः मायावती बोलीं, मैं नहीं बनूंगी राष्ट्रपति, ना ही लूंगी राजनीति से सन्यास; ये सब सिर्फ अफवाह

लखनऊ: राजधानी स्थित बसपा मुख्यालय में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक बार फिर मायावती को अगले पांच सालों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. इसके साथ ही भतीजे आकाश आनंद का भी कद बढ़ाया गया है. आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर के साथ चार राज्यों का चुनावी प्रभारी बनाया गया है.

बसपा सुप्रीमो मायावती की बैठक की LIVE रिपोर्ट. (Video Credit; ETV Bharat)

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने 68 वर्षीय मायावती को छठवीं बार राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद बैठक में शामिल देश भर के बसपा के पदाधिकारी, राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष व कार्यकारिणी के सदस्यों ने सर्वसम्मति से मायावती राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना. मायावती 2003 से लगातार इस पद पर बनी हुई हैं. इसके साथ ही बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आकाश आनंद का भी कद बढ़ाया गया. नेशनल कोऑर्डिनेटर के साथ ही आकाश आनंद को हरियाणा, जम्मू कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके बाद बैठक में संगठन की मजबूती और वोट बैंक बढ़ाने सहित विधानसभा चुनाव को लेकर हुई चर्चा. मायावती ने बैठक में चुनाव जीतने का मूलमंत्र दिया. बता दें कि एक दिन पहले मायावती सक्रिय राजनीति से सन्यास लेने की अफवाह उड़ी थी. जिसको अफवाह बताते हुए मायावती ने तत्काल राजनीति से सन्यास लेने की बात से इनकार कर दिया था. अब फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनकर अफवाहों पर पूरी तरह विराम लगा दिया है.

मायावती ने पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के बहुजनों के हित के लिए बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का मूवमेन्ट अब इतना मज़बूत करना है कि इसको अब विरोधियों के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों प्रकार के जबरदस्त हथकण्डे भी कमजोर ना कर सके. 'बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय' के कल्याणकारी सिद्धान्त पर संघर्ष जारी रखेंगे.

बैठक में पदाधिकारियों से मायावती ने की ये अपील.
बैठक में पदाधिकारियों से मायावती ने की ये अपील. (BSP)

मायावती ने कहा कि पहले के गैर-कांग्रेसवाद की तरह ही अब देश की राजनीति ग़ैर-भाजपावाद में उलझ कर रह गयी है. जबकि ये दोनों ही पार्टियां व इनके गठबंधन देश के बहुजन अर्थात दलितों, आदिवासियों, ओबीसी, मुस्लिम व अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के सच्चे हितैषी न कभी थे और न ही कभी इनके सच्चे हितैषी हो सकते हैं. क्योंकि इन बहुजनों के प्रति इनकी सोच हमेशा ही किसी की खुलकर तो किसी की भीतर ही भीतर संकीर्ण, जातिवादी, साम्प्रदायिक द्वेषपूर्ण व तिरस्कारी रही है, जो संविधान की असली मंशा से कतई भी मेल नहीं खाती हैं.

आरक्षण के संवैधानिक सकारात्मक प्रावधानों के ज़रिए इनकी सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक हालत में सुधार का लक्ष्य न्यूनतम स्तर पर ही बना हुआ है. अब तो इन्होंने आपस में मिलकर षडयंत्र के तहत आरक्षण की व्यवस्था को ही पूरी तरह से निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया है.इनके सरकार में इनकी बैकलाग के खाली पड़े पदों को भी भरा नहीं जा रहा है. मायावती ने कहा कि 2024 के लोकसभा आमचुनाव में भी यही सब कुछ खुले तौर पर देखने को मिला. केन्द्र में भाजपा व कांग्रेस दोनों की ही जातिवादी एवं अहंकारी सरकार बनाने से रोकने में बहुजन समाज काफी हद तक पिछड़ गया. बीएसपी अगर चुनाव में मजबूती से आगे बढ़ती तो ऐसी परिस्थिति को रोका जा सकता है.

बसपा के राष्ट्रीय सचिव सतीश मिश्रा ने X पर पोस्ट कर मायावती को बधाई दी है. उन्होंने लिखा 'आज लखनऊ में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय बहन कुमारी जी को सर्व सम्मति से छठी बार बहुजन समाज पार्टी का राष्ट्रिय अध्यक्ष चुना गया है. मैं अपनी और पार्टी के सभी पदाधिकारियों की ओर से माननीय बहन जी को पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं.'

बीएसपी की इस बैठक में केंद्रीय कार्यकारिणी कमेटी, ऑल इंडिया और स्टेट पार्टी यूनिट के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ-साथ देश भर से चयनित पार्टी के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में पार्टी के उत्तराधिकारी व नेशनल कन्वीनर आकाश आनंद भी शामिल हुए. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, मंडल कोऑर्डिनेटर, प्रभारी और जिलाध्यक्ष भी मौजूद रहे.

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Last Updated : Aug 27, 2024, 3:39 PM IST
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