मुरादाबाद: बहुजन समाजवादी पार्टी ने इंडिया गंठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात पर विराम लगाते हुए अपने कैंडिडेट मैदान में उतारने शुरू कर दिए हैं. बसपा ने अब तक तीन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. जिसमें मुरादाबाद सीट से इरफान सैफी को अपना उम्मीदवार बनाया है. अमरोहा से मुजाहिद हुसैन और पीलीभीत से अनीस अहमद उर्फ फूल बाबू को मैदान में उतारा है. तीनों सीट से उतारे गए प्रत्याशियों में एक सामान बात यह है कि तीनों मुस्लिम हैं. जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि बसपा इस बार दलित-मुस्लिम गठजोड़ के सहारे दिल्ली पहुंचना चाह रही है.
मुरादाबाद से इरफान सैफी बसपा कैंडिडेट: बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से इस बार लोकसभा चुनाव में अकेले लड़ने की घोषण के बाद मुरादाबाद लोकसभा से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. बसपा ने ठाकुरद्वारा नगर पालिका अध्यक्ष इरफान सैफी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इरफान सैफी एक राइस मिल के मालिक है. मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर बसपा ने दलित और मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश की है. क्योंकि मुरादाबाद लोकसभा सीट पर करीब 21 लाख वोटर हैं. जिसमें से साढ़े तीन लाख दलित और 9 लाख मुस्लिम वोटर हैं. इरफान सैफी के राजनीतिक सफर की बात करें तो, उन्होंने साल 2012, 2015, 2018 में निकाय चुनाव लड़ा लेकिन तीनों में उनको हार का सामने करना पड़ा. लेकिन साल 2023 में इरफान ने जीत हासिल की. इरफान के चाचा भी 17 साल तक नगर पालिका अध्यक्ष रहे हैं.
अमरोहा से मुजाहिद हुसैन बने बसपा प्रत्याशी: अमरोहा लोकसभा सीट से बसपा ने मुजाहिद हुसैन को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. मुजाहिद हुसैन डसना के रहने वाले हैं. प्रत्याशी घोषित होने के बाद उन्होंने लोकसभा क्षेत्र में अपना जनसंपर्क शुरू कर दिया है. मुजाहिद हुसैन की पत्नी डासना से नगरपालिका अध्यक्ष है. बसपा से बाहरी प्रत्याशी घोषित होने पर शहर में जगह जगह विरोध भी किया जा रहा है. वहीं, सैदनगली इलाके में लोगों ने हाथ में पोस्टर लेकर बसपा के बाहरी प्रत्याशी मुजाहिद हुसैन का विरोध भी किया. लोगों का कहना है कि बसपा से कोई लोकल ही प्रत्याशी चाहिए. अमरोहा लोकसभा सीट से बीजेपी और बसपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. लेकिन कांग्रेस सपा के गठबंधन का प्रत्याशी घोषित होना अभी बाकी है.