सिरमौर: समुद्रतल से 11,965 फीट की ऊंचाई पर स्थित सिरमौर जिला की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है. भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएलएल ने जल्द ही चोटी पर एक मोबाइल टावर लगाने की योजना बनाई है. इसको लेकर बीएसएनएल प्रबंधन की चूड़धार मंदिर समिति से भी बात चल रही है. यदि सब कुछ ठीकठाक रहा, तो जल्द ही बीएसएनएल चोटी पर टावर लगाने की अपनी योजना को अमलीजामा पहनाएगा और लोगों को बड़ी सुविधा मिल सकेगी.
दरअसल घने जंगलों के बीच चूड़धार चोटी पर अधिकतर स्थानों पर मोबाइल सिग्नल न के बराबर है. चोटी पर न केवल हिमाचल बल्कि बाहरी राज्यों से भी काफी संख्या में लोगों का आवागमन होता है. विशेषकर मई व जून माह में तो यहां लोगों का भारी तांता लगता है. चोटी पर आने वाले लोगों के पास मोबाइल तो होते हैं, लेकिन उनमें सिग्नल न के बराबर ही होते हैं. ऐसे में रास्ता भटकने की सूरत में कई बार लोगों की जान भी आफत में पड़ जाती है और वह चोटी पर प्रशासन तक सूचना भेजने के लिए सिग्नल के लिए दाएं-बाएं भटकने को मजबूर होते हैं. पूर्व में ऐसे मामले सामने भी आ चुके हैं. यह भी एक बड़ी वजह है कि बीएसएलएल ने चोटी पर टावर लगाने की यह योजना बनाई है. यदि यह योजना सिरे चढ़ती है, तो चोटी पर आने वाले लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी.
आपात स्थिति में लोगों को मिलेगी मदद
बता दें कि चूड़धार मंदिर तक पहुंचने के लिए चोटी का रास्ता घने जंगलों के बीच से होकर गुजरता है. यदि कोई व्यक्ति रास्ता भटक जाए, तो सिग्नल न होने के कारण खासी दिक्कतें भी उठानी पड़ती है. हर वर्ष चोटी पर आने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़ रहा है. चूड़धार चोटी पर कब घना कोहरा छा जाए और मौसम खराब हो जाए, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल रहता है. यही नहीं साल में अधिकतर समय चोटी पर बर्फबारी भी रहती है. ऐसे में लोगों की सुविधा के लिए यहां मोबाइल टावर का होना बहुत जरूरी है.
मंदिर कमेटी से चल रही बातचीत
नाहन में शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि बीएसएनएल के जीएम ने अवगत करवाया है कि जल्द ही चूड़धार चोटी पर बीएसएनएल का टावर लगाया जाएगा, जिसको लेकर बीएसएनएल प्रबंधन की मंदिर कमेटी से बातचीत चल रही है. उम्मीद है कि जल्द ही टावर लगाने की योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके अलावा बीएसएनएल की तरफ से आग्रह किया गया है कि जल्द ही पांवटा साहिब-शिलाई-हाटकोटी होकर शिमला के लिए एक वैकल्पिक रोड पर फाइबर केबल बिछाई जाए. वहीं, सोलन से चंडीगढ़ वाया परवाणू-कंडाघाट पर पुनः फाइबर केबल बिछाई जाए, क्योंकि फोरलेन निर्माण के दौरान केबल कट गई थी. इन दोनों मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा, ताकि उपभोक्ताओं को कनेक्विटी की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके.
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