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हजारीबाग स्थित बीएसएफ ट्रेनिंग स्कूल मना रहा है अपनी 58वीं वर्षगांठ, अब तक 61 हजार 595 जवानों को दी गई ट्रेनिंग

हजारीबाग स्थित बीएसएफ प्रशिक्षण स्कूल अपना 58वां वर्षगांठ मना रहा है. इस अवसर पर आईजी सह निदेशक केएस बन्याल ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी.

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प्रेसवार्ता करते हुए बीएसएफ आईजी सह निदेशक केएस बान्याल (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 3 hours ago

हजारीबाग: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) प्रशिक्षण एवं स्कूल सहायक केंद्र अपनी 58वीं वर्षगांठ मना रहा है. इन 58 वर्षों में इसने 61 हजार 595 जवानों को प्रशिक्षित किया है. बीएसएफ की 25 बटालियनों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से 18 नवंबर 1966 को स्थापित बीएसएफ प्रशिक्षण एवं स्कूल सहायता केंद्र मेरु अब 58 वर्ष का हो गया है. इसकी शुरुआत पीटीसी से हुई थी और 25 मार्च 1967 को मेरु में इस प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की गई थी.

18 नवंबर 1966 को लेफ्टिनेंट कर्नल आरपी मैकलिफ के नेतृत्व में पीटीसी हजारीबाग में इसकी नींव रखी गई थी. यह जानकारी शनिवार को बीएसएफ मेरु में आयोजित प्रेस वार्ता में आईजी सह निदेशक केएस बन्याल ने दी. उन्होंने बताया कि 58 वर्षों के इस सफर में यह संस्थान सीमा सुरक्षा बल के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है और राष्ट्रीय महत्व की जिम्मेदारी निभाते हुए सीमा सुरक्षा बल का अग्रणी केंद्र बन गया है. आईएसओ 9001 एवं 2015 से प्रमाणित इस संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की उपाधि से भी नवाजा जा चुका है.

वर्षगांठ को लेकर जानकारी देते हुए बीएसएफ आइजी सह निदेशक (ईटीवी भारत)

वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आईजी ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के विस्तार के उद्देश्य से दो प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय तथा सहायक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं. यहां बीएसएफ के जवानों एवं नव आरक्षियों के अलावा सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, रेलवे सुरक्षा बल, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के साथ-साथ आईआरबी, वाहिनी के प्रशिक्षुओं को भी प्रशिक्षण दिया जाता है.

वर्तमान में इस संस्थान में बिहार पुलिस के 118, हरियाणा पुलिस के 9 तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के 30 जवान प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसके अलावा मित्र राष्ट्र नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव एवं मंगोलिया आदि के प्रशिक्षुओं को भी इस संस्थान में प्रशिक्षण दिया जा चुका है. प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय द्वारा बटालियन के सहायक हथियारों एवं सामरिक विषयों में कंपनी कमांडर, प्लाटून कमांडर कोर्स, युद्ध के दौरान बैरिकेडिंग एवं बम डिस्पोजल कोर्स संचालित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक इस संस्थान से 61 हजार 595 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

आईजी सह निदेशक केएस बन्याल ने बीएसएफ के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में बीएसएफ मेरू में कई और प्रशिक्षण मानक शुरू किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में रांची के कांके में बीएसएफ की एक कंपनी स्थापित की जाएगी. बीएसएफ में महिला कर्मियों के सवाल पर उन्होंने बताया कि वर्तमान में 6 प्रतिशत कर्मी महिलाएं हैं. आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की योजना है.

ये भी पढ़ें- हजारीबाग के बीएसएफ मेरु में 373 नवआरक्षकों ने ली देश सेवा की शपथ, दीक्षांत परेड में हुए शामिल

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18 नवंबर 1966 को लेफ्टिनेंट कर्नल आरपी मैकलिफ के नेतृत्व में पीटीसी हजारीबाग में इसकी नींव रखी गई थी. यह जानकारी शनिवार को बीएसएफ मेरु में आयोजित प्रेस वार्ता में आईजी सह निदेशक केएस बन्याल ने दी. उन्होंने बताया कि 58 वर्षों के इस सफर में यह संस्थान सीमा सुरक्षा बल के तीन प्रमुख प्रशिक्षण संस्थानों में से एक है और राष्ट्रीय महत्व की जिम्मेदारी निभाते हुए सीमा सुरक्षा बल का अग्रणी केंद्र बन गया है. आईएसओ 9001 एवं 2015 से प्रमाणित इस संस्थान को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की उपाधि से भी नवाजा जा चुका है.

वर्षगांठ को लेकर जानकारी देते हुए बीएसएफ आइजी सह निदेशक (ईटीवी भारत)

वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आईजी ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के विस्तार के उद्देश्य से दो प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय तथा सहायक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं. यहां बीएसएफ के जवानों एवं नव आरक्षियों के अलावा सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एसएसबी, आईटीबीपी, रेलवे सुरक्षा बल, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों के साथ-साथ आईआरबी, वाहिनी के प्रशिक्षुओं को भी प्रशिक्षण दिया जाता है.

वर्तमान में इस संस्थान में बिहार पुलिस के 118, हरियाणा पुलिस के 9 तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के 30 जवान प्रशिक्षण ले रहे हैं. इसके अलावा मित्र राष्ट्र नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव एवं मंगोलिया आदि के प्रशिक्षुओं को भी इस संस्थान में प्रशिक्षण दिया जा चुका है. प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय द्वारा बटालियन के सहायक हथियारों एवं सामरिक विषयों में कंपनी कमांडर, प्लाटून कमांडर कोर्स, युद्ध के दौरान बैरिकेडिंग एवं बम डिस्पोजल कोर्स संचालित किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि अब तक इस संस्थान से 61 हजार 595 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है.

आईजी सह निदेशक केएस बन्याल ने बीएसएफ के बारे में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में बीएसएफ मेरू में कई और प्रशिक्षण मानक शुरू किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में रांची के कांके में बीएसएफ की एक कंपनी स्थापित की जाएगी. बीएसएफ में महिला कर्मियों के सवाल पर उन्होंने बताया कि वर्तमान में 6 प्रतिशत कर्मी महिलाएं हैं. आने वाले दिनों में इसे बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की योजना है.

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